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शुक्रवार, 31 मई 2013

"शेयर मार्केट जून -2013{ज्योतिष की दृष्टि में }

"शेयर मार्केट जून -2013{ज्योतिष की दृष्टि में }

 ---माह की शुरुआत में मंगल एवं सूर्य दोनों के प्रभावी होने के कारण मंदी का रुख दिखाई देगा ,किन्तु कुछ अन्तराल के बाद बाजार में तेजी आयेगी । अतः धैर्य से निर्णय लेना उचित रहेगा । दिनांक -4 जून को सूर्यदेव रोहिणी नक्षत्र में होंगें और बाजार का रुख बदलेगा अर्थात स्थिरता दिखाई देगी । 7 से 1 3 -जून में नेप्चून ग्रह के वक्री होने से बाहरी कम्पनिया भारतीय बाजार में प्रवेश करेंगीं जिसके फलस्वरूप -क्रूड ऑयल,पेट्रोल ,डीजल आदि के शेयर्स के दाम बढेंगें । कम्पनियों में सारी विदेशी कम्पनियों के शेयर्स -इन्टेल ,माईक्रोसॉफ्ट,विप्रो इत्यादि के शेयरों में अच्छी तेजी आयेगी । सूर्यदेव की मिथुन संक्रांति दिनांक -14 जून शुक्रवार को होने से -रिलायंस के सभी शेयर्स ,डा० रेडीज ,टाटा ग्रुप ,विप्रो ,डाबर ,बैजनाथ ,बिरला ,सनलाइफ,टाटा ,सत्यम कंप्यूटर ,सिफी आदि के शेयर्स के दम बढेंगें । ये निवेश के योग्य हो सकते हैं । माह के अंतिम सप्ताह 21 जून को हर्शल वक्री होने से बाजार को गिरते -गिरते अनायास उठायेगा । डाबर ,रैनबैक्सी ,मैक्लियाड्स कोर,सिप्ला ,हिंदुस्तान लीवर इत्यादि के शेयरों में तेजी आयेगी । ए,सी,सी ,अम्बुजा सीमेंट,आई .पी .सी .एल ,आई ,बी ,पी ,इन्फोसिस में कुछ उतार -चढाव के बीच कुछ तेजी आ सकती है । आटो मोबाइल ,साफ्टवेयर से सम्बंधित कुछ कम्पनियों में तगड़ी तेजी आयेगी । मास के अंत में शुक्र एवं मंगल के प्रभाव से -दूर संचार .मिडिया ,सूचना प्रोद्योगिकी क्षेत्र से सम्बंधित कम्पनियां ,पुराणी अर्थव्यवस्थाके शेयरों में निवेश करना उपयुक्त रहेगा । टेलीकोम ,साफ्टवेयर ,,स्टील ,नेमलीन ,मुयुचुअल ,रिलायंस ,एल .आई .सी ,यू .टी .आई ,एच .डी एफ .सी ,टाटा ऑयल शेयर्स ,एस बी .आई,गेल मिडकैप ,के शेयर नीचे -ऊपर के बाद स्थिर होंगें ।
  नोट --जून में निवेश हेतु उपयुक्त शेयर्स ---डा .रेडीज ,टाटा ग्रुप ,विप्रो ,डाबर ,यू .टी .आई ,एच डी .एफ .सी ,टाटा ऑयल ,रैनबैक्सी ,मेक्लीयाड्स कोर ।
      प्रेषकः -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {ज्योतिष सेवा सदन -मेरठ -भारत }
             हेल्पलाइन -09897701636 +09358885616  

गुरुवार, 30 मई 2013

"ज्योतिष सेवा लेना चाहते हैं -पढ़ें और नियम का पालन करें ?"

---"ज्योतिष सेवा लेना चाहते हैं -पढ़ें और नियम का पालन करें ?"
---ज्योतिष सेवा एकबार निःशुल्क सभी मित्रों को मिलेगी । चाहे देश में रहते हों या विदेशों में । किन्तु यह ज्योतिष सेवा मित्रों को ही मिलेगी -मित्र कोई भी बन सकते हैं {फेसबुक} पर--- अगर आप विदेशों में रहते हैं तो ज्योतिष जानकरी वीडियो चैट के द्वारा भी फ्री में एकबार प्राप्त कर सकते हैं ----स्काइप और गूगल पर हमारी अई डी है --ज्योतिष सेवा सदन ---
   {१}-ज्योतिष फ्री जानकारी का समय रात्रि-8 से 9.30 प्रत्येक रात्रि है । कृपया ध्यान दें ज्योतिष जानकारी फ़ोन से ही प्री मिलेगी ।
 {२}-सभी सदस्यों को वीडियो चैट पर या फ़ोन से जानकारी आजीवन मिलेगी जबतक झा शास्त्री हैं । ज्योतिष जानकारी मित्रों को अपनी ही प्री मिलेगी ।
  {३}-सेवा मिलने के बाद दुबारा प्री जानकारी नहीं मिलेगी ,आप ज्योतिष सेवा सदन से जुड़ने के लिए स्वतंत्र हैं ,आपको यकीं हो तो जुड़ें ,अन्यथा  प्री सेवा का लाभ अवश्य प्राप्त करें ।
   {४}-आजीवन सदस्यता शुल्क प्रति व्यक्ति -1100 भारत में रहने वालों के लिए हैं । विदेशों में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति का आजीवन समय सीमा केवल -३ वर्ष है ।
    निवेदक -ज्योतिष सेवा सदन ,प्रबन्धक पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री -कृष्णपुरी धर्मशाला देहली गेट मेरठ -२ उत्तर प्रदेश -भारत --हेल्पलाइन ---9897701636+9358885616 ----कृपया समय के साथ चलें और अनुशासन का पालन करें ।

मंगलवार, 28 मई 2013

"भारतीय प्रमुख "कांग्रेस पार्टी "{ज्योतिष विशेष -संवत -2070}"

"भारतीय प्रमुख "कांग्रेस पार्टी "{ज्योतिष विशेष -संवत -2070}"
----संवत -2070 की गोचर ग्रहस्थिति के अनुसार तुला राशि स्थित -शनि +राहु की कांग्रेस -स्थापना कुंडली में लग्न ,पंचमभाव एवं अष्टमभाव -चन्द्र पर विशेष अर्थात पूर्ण दृष्टि है । तदनुसार इस पार्टी के प्रतिष्ठित -राजनेता विकट  समस्याओं में उलझकर चर्चा का केंद्रबिंदु बने रहेंगें ।
  ----संवत -2070-की प्रारंभिक -ग्रहस्थिति के अनुसार परवरी -13 से 7 जुलाई 13 तक शनि वक्री होकर वक्री ही राहु के साथ तुला राशि में रहेंगें साथ ही 22-मई 13 तक मंगल अतिचारी होकर शनि +राहु के साथ समसप्तक योग भी बनाया था -यह स्थिति कांग्रेस पार्टी के लिए अघटित घटनाओं वाली सिद्ध हुई । आम जनता एवं शासन तंत्र से क्षोभ उत्पन्न भी कराया ।
    -----संवत -2070-में 18 अगस्त से लगभग 5 अक्टूबर 13 तक शनि +मंगल का दशम -चतुर्थ दृष्टि सम्बन्ध भारत की राजनीति में भारी उलटफेर {परिवर्तन }का संकेत है । इस दौरान राजनैतिक पार्टियों की स्वार्थ परकता एवं सत्तालोलुपता  तीसरे मोर्चे का गठन भी करेगी ,जिसका प्रभाव बड़ी पार्टियों पर आंशिक रूप से पड़ेगी लेकिन सत्ता प्राप्ति की महत्वाकांक्षा फलवती नहीं होगी । तीसरा मोर्चा कुछ राजनैतिज्ञों के लिए मृगतृष्णा मात्र सिद्ध होगी । अर्थात त्रिशंकु सरकार ही बनेगी ।
    ---4 फरवरी 14 को मंगल ,शनि ,राहु ये तीनों खलग्रह {शत्रुग्रह }तुला राशि में 24 मार्च 14 तक एकराशि में ही रहेंगें ।  विशेषतः 1 मार्च से 24 मार्च 14 तक मंगल वक्रगति से शनि +राहु के साथ चलेगा। अतः इस समयावधि में {परवरी 13 से मार्च -14तक }कांग्रेस पार्टी के कई दिग्गज नेता जनता को लुभाने के लिए अनेक वायदे करने से जनता का हित {मत } कुछ जरुर प्राप्त करेंगें --परिणाम कांग्रेस के लिए आश्चर्जनक रहेंगें । प्रधानमंत्री के लिए युवा वर्ग या युवराज श्री राहुल गांधीजी आगे आयें तो माता श्रे मति सोनियाजी का योग +श्री राहुलजी का
सुयोग से विशेष योग बन सकता है ।
    {नोट ---कृपया ध्यान दें -हम किसी व्यक्ति विशेष पर कुडली का प्रतिफल करके अपनी ज्योतिष +ज्योतिषी को कसोटी पर कसना चाहते हैं अर्थात योगता प्राप्त करने के बाद परीक्षण +परीक्षा देनी होती है तब वह व्यक्ति सफल हो पाता है ---हमने भी ज्योतिष पढ़ी है अब अपने आप को परीक्षा देकर सफल होना चाहते हैं -ज्योतिष सच है असत्य तो  व्यक्ति हो सकता है अगर हमने ज्योतिष पढ़ी है ये तो हम जानते हैं अगर हमारी ज्योतिषी से किसी को लाभ मिलेगा तभी हम सही ज्योतिषी होंगें इसके लिए हमें तमाम परीक्षाएं देनी होंगीं । इसके लिए सभी मित्रों का सहयोग की आशा है ।
       प्रेषकः -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ -भारत }निःशुल्क ज्योतिष सेवा कोइ भी मित्र बनकर प्राप्त कर सकते है प्रतिरात्रि -8 से9 .30 पर संपर्क हेतु -9897701636 ---!-
  

सोमवार, 27 मई 2013

"भारतीय जनता पार्टी पर ज्योतिष की एक दृष्टि ?"

"भारतीय जनता पार्टी पर ज्योतिष की एक दृष्टि ?"
---संवत 2070 की ग्रहस्थिति के अनुसार इस वर्ष शनि +राहु  तुला राशि में चलेंगें । शनि भाजपा की स्थापना कुंडली में भाग्येश होकर उच्च का है ,कर्मेश गुरु केंदेश होकर 31मई 2013 से मिथुन राशि में आकर संवत 2070 के अंत तक मिथुन में ही रहेगा तथा भाग्येश -शनि पर कर्मेश गुरु की दृष्टि भी रहेगी ।  यह ग्रहस्थिति भारतीय जनता पार्टी एवं सहयोगी पार्टियों को राजनैतिक -बल प्रदान करेगी । इस प्रकार भाजपा को इस संवत में गत वर्ष की अपेक्षा विशेष गरिमा प्राप्त होगी ।
   -----केन्द्रीय शासन सत्ता की घटित घटना के कारण अगामी वर्ष में नवम्बर 13 से मार्च 14 तक की ग्रहस्थिति के अनुसार इस पार्टी को विशेष लाभ मिलेगा । वैसे भी इस पार्टी की कुंडली में शनि +गुरु +राहु की दृष्टि के कारण इस पार्टी का अस्तित्व बना रहेगा । किन्तु -शनि +मंगल +राहु के एकसाथ होने से इस पार्टी के प्रधानपद को सर्वसम्मति से स्वीकार करने में एक राय का न होना भाजपा के हित में नहीं जाता । "
-----ठीक यही बात इस वर्ष संवत {2070}में भी गोचर ग्रहस्थिति के दृष्टि में रखते हुए आज भी भाजपा एवं इससे सम्बंधित पार्टियों के लिए सत्ता प्राप्ति में रूकावट बनेगी । संसद के निर्वाचन -संग्राम में कोई भी एक पार्टी सत्ता में नहीं आ सकेगी ।  पार्टियों में तोड़ -फोड़ एवं नए राजनैतिक संगठन एकत्र होकर ही कांग्रेस या भाजपा शासन पा सकेंगें । परवरी से जुलाई तक शनि +राहु की स्थिति से सुधारात्मक एवं कांग्रेस पार्टी पर आक्रामक रुख भाजपा का बना रहेगा ।
   ----31 मई से 17 अगस्त तक का समय भाजपा के नेतृत्व के बारे में विवाद समाप्त होकर एक राय बनेगी । लेकिन 31 मई से अक्टूबर तक की ग्रहस्थिति किसी वरिष्ठ नेता का पद रिक्त होने का भी संकेत देती है ।
----30अक्टूबर से 4 दिसंबर तक एवं 21 दिसंबर से 30 जनवरी 14 तक गुरु +शुक्र का वक्रत्व एवं गुरु +शुक्र का समसप्तक योग भाजपा में नई शक्ति एवं प्रेरणा को जन्म देगा तथा निर्वाचन के लिए विशेष अवसर भी देगा । महगाई एवं घोटालों को मुद्दा बनाकर भाजपा चुनाव क्षेत्र में उतरेगी ,जिससे पर्याप्त लाभ भी मिलेगा । चुनाव समय से पूर्व भी संभव है ।
       प्रेषकः -ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }आजीवन शुल्क -1100 सौ रूपये केवल ज्योतिष जानकारी हेतु संपर्क सूत्र -9897701636 +9358885616 ------

रविवार, 26 मई 2013

"देश -विदेशों में इस पक्ष क्या -क्या हो सकता है ?"

"देश -विदेशों में इस पक्ष क्या -क्या हो सकता है ?"
----"अतिचार गते जीवे वक्री भूते शनैश्चरै । हा !हा !भूतं जगत्सर्वं रुण्ड माला महीतले । । 
भाव --अतिचारी गुरु एवं वक्री शनि डेड़मास पर्यन्त अन्तर्राष्ट्रीयजगत में तहलका मचायेंगें । कहीं युद्ध तो कहीं आतंकी उपद्रवादि के चलते जन संहार हो सकता है । दिनांक -31 मई से वर्ष पर्यन्त मिथुन का गुरु राज विग्रह करायेगा ----"मिथुने च गुरुर्याति तत्राब्दे दारुणं भयं । नृपानां विग्रहतत्र स्वल्पं तोयं भविष्यति । । 
   ---अर्थात ---बहुत ही संघर्ष का योग होगा ,चाहे राजनीति हो ------जल का संकट गहरा सकता है । खाड़ी के देश तेल की ताकत दिखा सकते हैं । दक्षिणी अमेरिका में प्राकृतिक आपदा आ सकती है । महगाई विशेष बढ़ेगी वायु वेग से हानि होगी । राजनीतिज्ञों एवं राजनैतिक पार्टियों के लिए संघर्ष पूर्ण स्थिति होगी । 
--तेजी मंदी विचार ----मिथुन राशि में गुरु ,बुध ,शुक्र के प्रभाव से अनाज ,दाल ,चावल ,चीनी ,खांड ,दूध ,दही ,खोआ ,पनीर एवं हरी सब्जियों में तेजी आयेगी । वाहन आदि मंदे  होंगें । पदार्थों की वृद्धि होने से भाव घटेंगें  भी । वृष - का मंगल लालचंदन ,कुमकुम ,केशर ,कपास ,तथा गुड में तेजी करेगा । 
   आकाश लक्षण ---सूर्य के आगे चलता हुआ शुक्र आंधी -तूफान के साथ वर्षा का कारण बनेगा । 
----जैसे ---सूर्याग्रे च यदा शुक्रस्तदा वृष्टिः सुशोभना -------मरुस्थलों में गर्म -गर्म लूएं चलेंगीं । समतल प्रदेशों में गर्मी बेतहासा पड़ेगी । पर्वतीय क्षेत्रों में घामाछाई सी रहेगी । अल्प वर्षा से राहत मिलेगी । देश के दक्षिण पूर्व संभागों में भरी वर्षा होगी । समुद्री तूफान ,भूकंप महोत्पात भी संभव है । अफ्रीका ,आस्ट्रेलिया ,श्रीलंका,जापान ,थाईलेंड में अकल्पित घटना घट सकती है ।
   प्रेषकः -ज्योतिष सेवा सदन {फेसबुक }

              पंडत कन्हैया लाल झा  शास्त्री {मेरठ -भारत } आजीवन सदस्यता शुल्क 1100-हेल्प लाइन -9897701636 ----

शनिवार, 25 मई 2013

"सन -13+14अर्थात संवत 2070 में विश्व जनीन घटनाओं पर एक नजर ?"

"सन -13+14अर्थात संवत 2070 में विश्व जनीन घटनाओं पर एक नजर ?"
----जगत - का प्रारम्भ घनु लग्न से हो रहा है तथा जगत कुंडली की ग्रह स्थिति से संकेत मिलता है कि मेष राशि में स्थित सूर्य ,मंगल शुक्र ,केतु पर शनि की पूर्ण दृष्टि होने से इस वर्ष -अमेरिका ,अफगानिस्तान ,ईरान ,अरबराष्ट्र,नेपाल ,पाकिस्तान ,कोरिया ,आस्ट्रेलिया ,सीरिया ,बंगलादेश और चीन आदि देशों में विशेष राजनैतिक उपद्रव {संघर्ष },आर्थिक संकट एवं समुद्रतटवर्ती देशों के इलाकों में या भारत के महानगरों में कहीं समुद्री तूफान ,विशेष प्राकृतिक आपदा ,भूकंप अथवा भयंकर बाढ़ से भारी जनधनहानि के योग जुलाई से सितम्बर तक बनेंगें । मुस्लिम राष्ट्रों में कहीं अचानक शासकीय परिवर्तन .कहीं आंतरिक कलह -क्रांति ,कहीं सेना द्वारा सत्ता हथियाना भी सम्भव है ।
  ----भारत की प्रभाव राशि मकर का स्वामी शनि ,राहु के साथ है इन पर मंगल की दृष्टि भी है । अतः भारत के उत्तरांचल ,महाराष्ट्र ,आसाम ,मणिपुर ,उड़ीसा ,जम्मू काश्मीर या बंगाल में भयंकर आतंकियों की गतिविधि पर सरकार को विशेष ध्यान देगा होगा । माओवादी अथवा अन्य ग्रुप भारत के महानगरों में इस वर्ष आघात पहुंचा सकते हैं । इस संवत में कहीं समुद्र तट वर्ती भूभाग पर उग्रवाद ,प्राकृतिक प्रकोप ,भूकंप ,तूफान ,सुनामी आदि से भयंकर हानि के संकेत गोचर ग्रह स्थिति से स्पष्ट नजर आ रहे हैं ----भारत के दक्षिणी भूभाग पर प्राकृतिक प्रकोप का प्रभाव अनुभव होगा ।
    --नव वर्ष प्रवेश तृतीय ,शनिवार को होने से श्रावण से आश्विन के अन्दर एवं माघ -फाल्गुन में विशेष कष्ट पूर्ण घटनाएँ घतेंगी। प्राकृतिक आपदाएं इस वर्ष जनता एवं शासकों के लिए अधिक घातक एवं कष्टप्रद होंगीं ।
---प्रेषकः -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री -ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }निःशुल्क ज्योतिष परामर्श एकबार ही मिलेगी शाम -८ से 9 में -दुबारा या आजीवन ज्योतिष जानकारी हेतु शुल्क -1100 -देने होंगें
--ज्योतिष जानकारी के लिए फेसबुक पर मित्र बनना अनिवार्य है ----हेल्प लाइन -9897701636 ---

शुक्रवार, 24 मई 2013

"इस संवत का नाम "पराभव "है क्या हो सकता है इस वर्ष ?"

"इस संवत का नाम "पराभव "है क्या हो सकता है इस वर्ष ?"
---सन 2013 +2014  अर्थात संवत -2070 -का नाम "पराभव "है -ज्योतिष शास्त्रों में "पराभव "नामक संवत्सर का विश्लेषण ---जैसा कि नाम से ही विदित होता है -अपनी -अपनी शक्ति, सामर्थ और बल का प्रयोग करने में कोई भी कम नहीं होंगें ,चाहे राजनीति हो ,सत्ता के लिए युद्ध हो ,चाहे अपनी -अपनी सीमाएं ही क्यों न हो ---जिस की लाठी उसकी भैंस ----सवाल सत्य का या असत्य का नहीं संग्राम हमें जीतना है यही लक्ष सभी का होगा । -------अस्तु ---राजनैतिक दलों में परस्पर शक्तिपरीक्षण की भावना बलवती हो जाएगी । क्षुद्र ,धान्य ,बाजरा ,जौ ,एवं दलवाना आदि की फसल विशेष होगी । वर्षा समयानुसार कम होगी ।
      यथा --"पराभवाब्दे राज्ञां स्यात समरः सह शत्रुभिः । आमयः क्षुद्र सस्यानि प्रभुतान्यल्प वृष्टयः । ।
----किंवा ---इस पराभव संवत्सर में कुछ प्रान्तों में अकाल की स्थिति भी बनेगी । अनाज एवं औषधियों के दाम पहुंच से अधिक होगी - तथा ग्रीष्म ऋतू में वर्षा होगी -----"पीड़िताश्च प्रजाः सर्वाः क्षुधार्ता स्युः पराभवे ।धान्यों ष धानि नश्यन्ति ग्रीष्मे वर्षति माधवः । । ---इस संवत्सर 2070-का राजा देवगुरु वृहस्पति हैं । शासन तंत्र में सुधार ,आर्थिक स्थिति पर विशेष मंथन से नए आयाम उपस्थित होंगें । जनहित की नई -नई योजनाएं बनेंगी ।
     ---वर्तमान पराभव संवत्सर में ---सस्येस एवं नीरसेश दो पद मंगल ग्रह को मिला है,मेघेस ,फलेस तथा दुगेश -ये तीनों पद वर्षेश गुरु शत्रुग्रह शुक्र की मिला है । इस प्रकार 6 प्रमुख पद क्रूर ग्रहों को प्राप्त है --इससे स्पष्ट होता है कि यह संवत --{2070 }अनेक राज्यों में भारी प्राकृतिक आपदाओं से हानी होगी । गोचर ग्रहस्थिति के अनुसार प्रतिष्ठित शासनतंत्र -सत्ता -सुखभोग रहे राजनीतिक दल एवं प्रतिष्ठित नेताओं के लिए संकटपूर्ण समस्याओं को लेकर उपस्थित हो रहा है । इस पराभव - संवत के उत्तरार्ध के लगभग परिणाम राजनीतिक जगत के लिए आश्चर्य जनक सिद्ध होंगें ।
         प्रेषकः -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री -मेरठ भारत ---ज्योतिष परामर्श हेल्प लाइन -9897701636 --समय -शाम -8 से 9 .30 निःशुल्क के लिए दोस्त बनना अनिवार्य है -तथा निःशुल्क एकबार ही सभी मित्रों को मिलेगी ।

"ज्योतिष क्या है ,क्यूँ मानें हम ज्योतिष को ?"

"ज्योतिष क्या है ,क्यूँ मानें हम ज्योतिष को ?"
---ज्योतिष शास्त्रों में --अज्ञात -अलौकिक शक्ति के परिचायक अनंतकोटि तारों एवं ग्रहों के अदृश्य संकेत से संचालित ब्रह्माण्ड में ---कभी भूकंप ,समुद्री -बर्फानी तूफान ,ज्वालामुखी -विस्फोट तथा जनजीवन में उग्र -विनाशक घटनाएँ स्पष्ट अनुभव की गई है ।
      -----अस्तु -----सभी शुभाशुभ घटनाएं मनुष्य की पंहुंच से बाहिर समझी जाती है ,लेकिन जो रहस्य साधारणतः इन्द्रियों की पंहुंच से बाहर है -अथवा भूत ,भविष्य के गर्भ में निहित है ,वे ज्योतिषशास्त्र द्वारा प्रत्यक्ष जान लिए जाते हैं । हमारे ऋषियों -महर्षियों ने उसी ज्योतिष -शास्त्र की रचना की है ,जो कि भारत के लिए गौरव की बात है -------"ज्योतिषा मयनम साक्षाद यत्तदज्ञान मतींद्रियम ।
                                           प्रणीतम भवता येन पुमान वेद परावरम । -{श्रीमदभागवतपुराण}
----दोस्तों ----इस प्रकार जगत्पिता की अदृश्य अलौकिक शक्ति ग्रहों के आकर्षण -विकर्षण के आधार पर ब्रह्माण्ड को प्रभावित करती है --संचालित करती है । ग्रहगतिजन्य--इस परिणाम को हम ईस्वर की इच्छा कहकर स्वीकार करते हैं ।
    ------ग्रहगतिजन्य---प्रभाव से प्रताड़ित समस्त समाज ,व्यक्ति अथवा देश की स्थिति ठीक उस तिनके की भांति ही अनुभव की गई है --जो वायुवेग से प्रताड़ित होकर अपने अस्तित्व को खोकर इधर -उधर भागता फिरता है ।  ये तो सत्य है --आकाशीय पिंडों {ग्रहों } का विश्व में घटनाचक्र से कुछ न कुछ सम्बन्ध अवश्य है -इस तथ्य को वैज्ञानिक ,विचारक एवं बुद्धि जीवियों का एक बड़ा वर्ग स्पष्ट स्वीकार करता है ।
-----इस पृथ्वी पर जो कुछ भी घटित होता है उसे हम अनुभव करते हैं ,वह सब ग्रहों के वक्र -मार्ग आदि का ही परिणाम है ।
     प्रेषकः -ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }
                 पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री -हेल्प लाइन -9897701636

बुधवार, 22 मई 2013

"ज्योतिष की दृष्टि में "भारत" का सन 2013+14 कैसा रहेगा ?"

"ज्योतिष की दृष्टि में "भारत" का सन 2013+14 कैसा रहेगा ?"
स्वतंत्र भारत का यह 66+67 वां साल है जिसे ज्योतिष की दृष्टि में संवत -2070 कहेंगें ----इस संवत के अनुसार भारत वर्ष की कुंडली में उच्च स्थित शनि +मंगल की युति है तथा राहु +मंगल एक राशि गोचर में स्थित हैं---अतः सबसे बड़ी बात यह है अगस्त से अक्तुवर के बीच का समय प्रमुख राजनेताओं अर्थात -कन्या ,सिंह ,तुला एवं कुम्भ राशि वालों के लिए उत्तम नहीं है इन राशि के राष्ट्रनायकों को अपनी -अपनी सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए । क्योंकि -कन्या राशि का स्वामी बुध इस संवत -2070 -वर्ष की कुंडली में अतिचारी है -तथा कन्या राशि में नीच का शुक्र पर मंगल की दृष्टि भी है और शनि +राहु तुला राशि में है इसके साथ -साथ शनि की सूर्य पर पूर्ण दृष्टि पर रही है --इतना ही नहीं मुन्था {वर्ष कुंडली में }अष्टम भाव में नीच चन्द्र के साथ है ----इसलिए यह साल भारतीय राजनीति में विशेष उथल -पुथल भरा रहेगा और परिवर्तन भी लेकर आयेगा ।
 अस्तु ----केन्द्रीय सहयोगी दल यू .पी .ए .के सहयोगी गठबंधन से अलग होने की सोचने लगेंगें अर्थात अलग हो सकते हैं तथा सत्ता पक्ष को भारी हानि हो सकती है ।
   ------मार्च 2014-ई .से संवत के अंत तक शनि +मंगल  के वक्र स्थिति के कारण आश्चर्य जनक परिणामों वाली भी रहेगी । --अगस्त एवं अक्टूवर तक इन तमाम विपरीत ग्रहों की दृष्टि के कारण समुद्रतटवर्ती क्षेत्र +एवं पर्वती भूभागों पर प्राकृतिक आपदा ,भूकंप ,तूफान ,महानगरों में जन धन की हानि {उग्रवाद के कारण }का संकेत भी है । -----कर्ज --संकट पूरे यूरोप को चपेट में ले लेगा । भारत में भी राजस्व घाटे और मुद्रास्फीति के कारण आर्थिक सुधार प्रक्रिया पर बुरा असर पड़ने के योग हैं ।
----भारत -आर्थिक दृष्टि से विश्व में प्रतिष्ठित देशों में अपना स्थान बना लेगा । आर्थिक प्रगति के क्षेत्र में घोटाले के कारण  भी  हानि हो रही है । हमारे महामहिम राष्ट्र पति जी को भी भारत की राजनैतिक -परिस्थिति चिंतित कर सकती है ।
नोट --इस वर्ष -18अगस्त से 5 अक्टूवर तक ,एवं 1 मार्च 2014 से संवत के अंत तक का राजनीति का समय उथल -पुथल भरा रहेगा ।
-----प्रेषकः पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ -भारत }
 

मंगलवार, 21 मई 2013

"संवत 2070अर्थात 2013+2014 में जलवायु की कैसी रहेगी स्थिति ?"

"संवत 2070अर्थात 2013+2014 में जलवायु की कैसी रहेगी स्थिति ?"
इस साल सप्तवायु में से "विवह " नामक वायु प्रभावी होगी । इस विवह वायु के प्रभाव से विस्व के दक्षिणी और पश्चिमी भूभाग पर तथा समुद्र तद्वर्ती कुछ भूभागों पर समुद्री तूफान ,भूचाल ,के साथ -साथ भूमध्यगत पृथ्वी पर वायु तरंगों से भारी हानि होगी । कहीं -कहीं बाढ़ से भी भारी तबाही मचेगी ।
         अस्तु -----इस वर्ष रोहिणी का निवास "समुद्र "में होने के कारण कुछ राज्यों में अतिवृष्टि अर्थात भरी वर्षा होगी --{इसका मतलब की कहीं सुनामी एवं कहीं बाढ़ की स्थिति रहेगी }---कहीं ज्वालामुखी प्रस्फुटित होगी तो कहीं भूचाल से हानि होगी ।
       ---संवत --2070 में जल का स्तर -केवल 25.7 है --जिस कारण से पंजाब ,हरियाणा ,आदि राज्यों में जल आवश्यकतानुसार नहीं प्रकृत देगा किन्तु पृथ्वी के दक्षिणी भूभाग पर विशेष वर्षा से हानी होगी ।
-------- इस साल "वायु का स्तर 96 प्रतिशत रहेगा ---इसके प्रभाव से इस साल पृथ्वी के अंतराल में "सीस्मो ग्राफिक वेवज "सक्रीय होगी और --भूकंप ,सुनामी टाटा ज्वालामुखी -विस्फोट से जन तथा धन की विशेह क्षति होगी । यह स्थिति देशी + विदेशी समुद्री भूभाग पर विशेष रूप से घटित होगी ।
      प्रेषक -ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }
निःशुल्क ज्योतिष सेवा केवल एकबार संपर्क सूत्र द्वारा -7.30 से 9.30 शाम को प्राप्त करें मित्र बनकर फेसबुक पर ---हेल्प लाइन -9897701636 +9358885616 --
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सोमवार, 20 मई 2013

"संवत 2070 में "तम "नामक मेघ की स्थिति कैसी रहेगी ?।"

"संवत 2070 में "तम "नामक मेघ की स्थिति कैसी रहेगी ?।"
इस वर्ष का मेघ का नाम "तम "है । सही अनुपात में वर्षा नहीं होने से अनेक प्रकार के कष्टों से जनता दुखी रहेगी । संवर्तक नामक मेघ होने से दक्षिण भारत में वर्षा विशेष होगी । अनेक जगहों पर बाढ़ से तबाही भी मचेगी । अस्तु ---आर्द्रा प्रवेश कुंडली के अनुसार वृष लग्न में सूर्य -आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगें -तदनुसार चन्द्र पर मंगल की दृष्टि जल के लिए शोषक है --जिसका प्रभाव अनेक राज्यों में विशेषकर उत्तर भारत में वर्षा का आभाव हो सकता है । एवं शनि +राहु और मंगल का षडाष्टक योग ,सूर्य से पंचम राहु +शनि ,छठे नीच चन्द्र इत्यादि के कारण इस वर्ष कहीं अकाल कली स्थिति हो सकती है । किन्तु दक्षिण भारत में -महाराष्ट्र ,उड़ीसा ,केरल ,तमिलनाडु आदि राज्यों में भयंकर बाढ़ ,समुद्रजन्य विनाश हो सकता है । कहीं सूखे से फसलों को हानि होगी तो कहीं बाढ़ व् अन्य प्राकृतिक प्रकोप के कारण त्राहि -त्राहि मचेगी । किसान एवं जनता हो कष्ट होगी ।
      यथा ----वह्नि -वेदांत -नंदेंदा एतत संख्यासु भास्करः ।
                    तिथिश्वसा यदा याति कष्टदः शेषके शुभः । ।
प्रेषकः -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ -भारत }
   

शनिवार, 18 मई 2013

"जन्मराशि और नामराशि का उपयोग कर्म के अनुसार करें ?"

"जन्मराशि और नामराशि का उपयोग कर्म के अनुसार करें ?"

---जिन जातकों को अपनी जन्मराशि और प्रचलित नामराशि की जानकारी हों--वो जातक अपने -अपने कार्य के अनुसार राशि का उपयोग करें ---

----"विवाहे सर्वमांगल्ये यात्रा दोग्रहगोचरे |

      जन्मराशे प्रधानत्वं नाम राशि न चिन्तये ||

--भाव -विवाह के समय ,सभी मंगल कार्य के समय तथा ग्रहों की स्थिति{राशि फल } देखने के समय जन्म राशि से विचार करना चाहिए न कि--अपने प्रचलित नामराशि का ||

----देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायाम व्यवहारके |

     नाम राशेह प्रधानत्वं जन्म राशि न चिन्तये ||

----भाव --किसी देश में निवास करना हो ,किसी शहर में रहना हो ,मकान बनाना हो,नौकरी करनी हो या फिर तत्काल के कोई भी कार्य हो -तो प्रचलित नाम की राशि का  उपयोग करना चाहिए न कि जन्मराशि का |

----विवाहं घट्नम चैव लग्नजम ग्रह्जम बलम |

     नामभाद विचिंत्येव सर्वजन्म न ज्ञायते ||

--भाव -अगर जन्मराशि की जानकारी न हो तो -तत्काल के लग्न के अनुसार कार्य करना चाहिए और वो भी ज्ञात न हो तो -अपनी प्रचलित नाम राशि के अनुसार कार्य करने चाहिए ||

--घात तिथिर घतवारह घात नक्षत्र मेव च |

  यात्रायाम वर्जयत प्राग्य्त्व न्य्कर्म्सू  शोभनम ||

--नोट ध्यान दें -यात्रा के समय घाततिथि,घातवार,एवं घातनक्षत्र में यात्रा न करें ||

  भवदीय निवेदक -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ उतर प्रदेश }

  निःशुल्क ज्योतिष सेवा सभी मित्रों को एकबार अवश्य मिलेगी -संपर्क सूत्र द्वरा -प्रति रात्रि -8  से९.30  तक =09358885616 --09897701636

शुक्रवार, 17 मई 2013

"सफलता का सोपान आपही हैं ?"

"सफलता का सोपान आपही हैं ?"

"आत्म स्थानम मंत्र द्रव्य देव शुद्धिस्तु |पंचमी यावनय कुरुते देवी तस्य देवार्चानम कुतः ||--मानव शरीर में स्वयं शक्ति का निवास होता है | तंत्र -मंत्र -यन्त्र तो माध्यम है ,सुप्त शक्ति को जागृत करने के लिए और बनाये रखने के लिए | ईस्वर में श्रद्धा और विस्वास के बिना कोई साधना सफल नहीं होती है |---अस्तु -तंत्र साधना के लिए पांच शुद्धियाँ अनिवार्य हैं -[१]-भाव शुद्धि [२]-देह शुद्धि [३]-स्थान शुद्धि [४]-द्रव्य शुद्धि [५]-और -मंत्र शुद्धि |----पुरश्चरण के बिना कोई भी मंत्र फलदायी नहीं हो सकता है | -[जिस मंत्र के जितने अक्षर होते हैं -उतने लाख मंत्र के जापों को -पुरश्चरण कहते हैं | पुरश्चरण के बाद मंत्र कामधेनू के सामान सभी सिद्धियों को देने वाले बन जाते हैं | चरण के पांच अंग हैं-जप ,हवन, तर्पण ,मार्जन और ब्राहमण भोजन |यदि किसी साधक का पर्योग एक बार में सफल नहीं होता -तो शांति पाठ करके पुनः करना चाहिए |असफलता के कई कारण हो सकते हैं | अशुद्ध मन्त्र ,मंत्र का अशुद्ध उच्चारण ,साधना में विघ्न ,अखंड दीप का बुझना,ब्रहमचर्य का खंडन,साधक द्वारा मंत्र साधना के नियमों का पूर्ण रूप से पालन न करना और -गुरु ,मंत्र देवता में श्रद्धा और विस्वास का न होना | इसके आलावा देव शुद्धि न होना भी एक कारण होता है | देव शुद्धि के लिए गुरु की आज्ञानुसार पाठ करना चाहिए ||----मंत्रोचारण,जप साधना के लिए कार्ज -भेद -अनुसार समय दिशा ,मौसम,स्थान ,पहनेवाले वस्त्रों व् पूजा करने के आसन के रंग में भी अंतर होता है | भोग लगाने के सामन में भी अंतर होता है |कई बार मंत्र एक होता है ,परन्तु मंत्र के पल्लव में फर्क होता है ,कार्यानुसार जिस भावना से मंत्रोंचारण किया जय ,उसका फल उसी रूप में मिलता है | मंत्र का उच्चारण अगर ग्यारह ,इक्कीस या इक्यावन हजार बार बताया गया हो और निश्चित अवधि में पूरा करने पर ही फल प्राप्ति होती है |यह बात और है कि साधक अपनी सुविधा और जरुरत के अनुसार जप की संख्या में ग्यारह इक्कीस ,इकतालीस दिनों में विभाजित कर लें | इस सबके बावयूद एक बात ध्यान रखने योग्य है कि गुरु कृपा ,गुरु निर्देश ,गुरु नियमों का पालन ,गुरु आगया सर्वोपरि मानकर साधक चले ,तो उसकी सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है ||---अक्षय -त्रीतिया" हो या कोई और उत्सव-न क्षयः अक्षयः सा एक तृतीया -जिसका नाश नहीं होता है ,जो अमिट होता है -तो ध्यान दें ये धर्म भी हो सकता है और अधर्म भी -ये तो आपके कर्म के ऊपर ही निर्भर करेगा ||-------भवदीय निवेदक "झा शास्त्री " मेरठ |निःशुल्क ज्योतिष सेवा  7.30 से 9.30-रात्रि में प्राप्त करें- [मित्र बनकर ]-9897701636+9358885616

गुरुवार, 16 मई 2013

"पात्रता से ही लक्ष्मी स्थिर होती है ?"

"पात्रता से ही लक्ष्मी स्थिर होती है ?"----मित्रप्रवर ,राम -राम ,नमस्कार ||
लक्ष्मी के बिना जीवन अधूरा सा रहता है,इसके लिए हमलोग अथक परिश्रम भी करते हैं ,धर्म अधर्म का विचार भी नहीं कर पाते हैं-परन्तु यदि कुपात्रता से धन का संचय किया गया हो-तो "लक्ष्मी "हमें परित्याग करने में संकोच नहीं करती हैं -आइये हम आपको एक कथा सुनाते हैं,और कहाँ निवास नहीं करती है "लक्ष्मी "प्रकाश डालने की कोशिश भी करते हैं -शास्त्रोक्त [शास्त्रों से ]?-----अस्तु -श्रीमार्कंडेयपुराण-में एक कथा आती है क़ि शचिपति "इंद्र" दैत्येन्द्र जम्भ से पराजित होकर निराश हो गए | देवगुरु ने इंद्र को श्री विद्या के परमाचार्य "श्री द्त्त्तात्रेय "की शरण में जाने की सम्मति दी |जब इंद्र समेत सब देवता श्री दत्तात्रेय जी के आश्रम पर पहुंचे ,तब उन्होंने उन्हें कुछ विकृत वेषाव्स्था में साक्षात् भगवती लक्ष्मी के साथ आसीन देखा |उनकी प्रेरणा से देवताओं ने पुनः युद्ध छेड़ दिया और जब दैत्य उन्हें मारने लगे ,तब वे भागते हुए दत्तात्रेय जी के आश्रम पर पुनः पहुँच गए और पीछे से खदेड़ते हुए देते भी वहीँ जा पहुंचे| दैताय्गन वहां उनकी पत्नी भगवती ल्स्ख्मीी को देखकर अपने मनोवेग को न रोक सके और झट सब कुछ छोड़कर ,उस श्री को ही बलात एक पालकी में डालकर सर पर ढ़ोते हुएअपने वासस्थल को चल पड़े | इस पर भगवान दत्तात्रेय ने देवताओं से कहा -"यह आप लोगों के लिए बड़े ही सौभाग्य की बात है ,क्योंकि ये लक्ष्मी इन दैत्यों के सात स्थानों को लांघकर आठवे स्थान [मस्तक ] पर पहुँच गयी है |सर पर पहुँचते ही ये तत्काल अपने आश्रय का परित्याग करके अन्यत्र चली जाती है ||शारडगधर पद्धति -६५७ में -के भावों को भी समझते हैं ---"कुचैलिनम दन्तमलोपधारिनम ब्रह्मशिनं निष्ठुर वाक्य भाषिनाम |सूर्योदय हस्त्म्येअपी शयिनम विमुन्चती ,श्रीरपि चक्रपनिनम ||----भाव -जिसके वस्त्र तथा दांत गंदे हैं ,जो बहुत खाता तथा निष्ठुर भाषण करता है,जो सुर्यास्त्काल में भी सोया रहता है,वह चाहे चक्रपाणी "विष्णु " ही क्यों न हो ,उसका लक्ष्मी परित्याग कर देती है |और भी कुछ शास्त्रकारों ने लिखा है ......परान्नम परवस्त्रं च परयानम परस्रीयह|पर वेस्वा निवासस्चा शंक्स्यापी श्रियः हरेत ||--भाव -पराया अन्न ,दूसरे का वस्त्र,पराया यान [वाहन ],परायी स्त्री और परग्रिह्वास[दूसरों के घर में रहना ] ये "इंद्र "की स्री संपत्ति को भी हरण कर लेते हैं ||ब्र०-रंजनन -१६८ के अनुसार -असुरराज भक्त प्रह्लाद ने एक ब्राहमण को अपना शील दान कर दिया |उसके कारण लक्ष्मी ने उन्हें -तत्काल छोड़ दिया ,तत्पश्चात अनेक प्रकार से प्रार्थना करने पर करुणामयी लक्ष्मी ने साक्षात् दर्शन देकर उपदेश दिया कि-हे प्रह्लाद ! तेज ,धर्म,सत्य ,व्रत ,बल ,एवं शील आदि मानवी गुणों में मेरा निवास है |इन गुणों में शील अथवा चरित्र मुझे सबसे अधिक प्रिय है ,इस कारण मैं सच्चिल व्यक्ति के यहाँ रहना सबसे अधिक पसंद करती हूँ ||महा ० शा ०-१२४ के अनुसार ----दानवीर दैत्यराज "बलि " ने एकबार उच्छिष्ट भक्षण कर ब्राह्मणों का विरोध किया| श्री ने उसी समय बलि का घर छोड़ दिया | लक्ष्मीजी ने कहा चोरी ,दुर्वसन,अपवित्रता एवं अशांति से घृणा करती हूँ | इसी कारण आज में बलि का त्याग कर रही हूँ ,भले ही वह मेरा अत्यंत प्रिय है ||महा ०शन्ति ०२२५ के अनुसार -------इसी प्रकार लक्ष्मीजी रुक्मिनिजी से कहती है ,कि हे सखे !निर्लज्ज ,कलहप्रिय ,निंदाप्रिय,मलिन ,अशांत एवं असावधान लोगों का मैं अतीव तिरस्कार करतई हूँ ,तथा इनमें से एक भी दुर्गुण व्याप्त होने पर मैं उस व्यक्ति का त्याग कर देती हूँ ||महा ०अनु ० ११ के अनुसार ------अनपगामिनी सुस्थिर लक्ष्मी के लिए --शर्दादी तिलक --८/१६१ में निर्देश हैभुयसीम श्रीयमाकन्क्षण सत्यवादी भवेत् सदा |प्रत्यगाशामुखोश्रीयत स्मित पुव प्रियं वदेत ||--अर्थात -अधिक श्री [लक्षी ] की कामना करने वाले व्यक्ति को सदा सत्यवादी होना चाहिए ,पश्चिम मुह भोजन तथा हसकर मधुर भाषण करना चाहिए ||-{-भवदीय निवेदक "ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री" मेरठ |निःशुल्क ज्योतिष सेवा रात्रि 7.30 से 9.30 ऑनलाइन या संपर्क सूत्र द्वारा मित्र बनकर प्राप्त कर सकते हैं ||-9897701636,9358885616}

बुधवार, 15 मई 2013

"श्री मति सोनिया गाँधी जी पर एक नजर ?"

"श्री मति सोनिया गाँधी जी पर एक नजर ?"
जन्म तारीख -9 -12 -1946  समय -21.15 स्थान तुरिन {इटली }तदनुसार कर्क लग्न ,मिथुन राशि है | वर्तमान समय में केतु की महादशा 12 -11 -2012 से शुरू है जो -12 -11 -2019 तक चलेगी ,जबतक यह दशा चलेगी ,संघर्ष ,कलह ,हानि और लाभ देती रहेगी । संतान ,स्वास्थ एवं वाणी के प्रति सजग रहना उचित होगा । आज टिकी हैं तो मंगल की वजह से जो आत्मबल देता है विजय दिलाता है ,पद पर नहीं हैं तो गुरु एवं शुक्र की वजह से जो सत्ता में होते हुए भी दूर रखते हैं । इस समय संतानों को लाभ हो सकता है । अनायास लाभ एवं हानि का दौर अभी इस दशा तक चलता रहेगा । आपकी जीत भी होगी असुर हर भी होगी ।
      प्रेषकः -ज्योतिष सेवा सदन {पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री }मेरठ -भारत
          निःशुल्क ज्योतिष परामर्श एकबार अवश्य मिलेगी रात्रि -8 से 9 में ----दुबारा ज्योतिष परामर्श के लिए शुल्क आजीवन -११०० देने होंगें । {आजीवन अवधी -5 वर्ष है }हेल्प लाइन -9897701636 ---
     

मंगलवार, 14 मई 2013

"रोग की भी जानकारी देती है -जन्म कुंडली "?

            "रोग की भी जानकारी देती है -जन्म कुंडली "?
विधाता की विचित्र लीला में ,यूँ तो सभी जीव उलझते ही रहते हैं ,किन्तु -विवेकवान लोग  -निकलने की कोशिश भी करते हैं -इसके लिये भी रास्ते अलग -अलग होते हैं |-ज्योतिष जहाँ घटित घटना की हमें जानकारी देती है ,वहीँ आयुर्वेद हमारी रक्षा भी करते हैं || मेष और वृश्चिक राशि के जातक =रक्तदोष ,चोट,अग्नि सम्बंधित रोग से युक्त होंगें ||यदि नीम्बू की चाय का सेवन करें ,या पतनी और पत्ती शांत स्वभाव से रहें तो रोग कम हो सकता है || वृष एवं तुला राशि के जातक =काम वासना ,दिल ,चोट ,भय ,तथा शर्करा रोग से युक्त हो सकते हैं |=यदि  खटाई,एवं मन पर अंकुश रखें तो असाध्य कष्ट से दुखी नहीं होंगें ||=मिथुन एवं कन्या राशि के जातक -गला ,कफ चोट ,रक्त चाप ,शर्करा ,दुर्घटना सम्बंधित रोग से ग्रसित होंगें |=यदि -विवेक और निष्ठां से रहें तो  रोग की पीड़ा कुछ कम हो सकती है || =मकर एवं कुम्भ राशि के जातक =वायू ,चोट ,वात,अग्नि सम्बंधित रोग से युक्त होंगें =यदि शनिवार को सात्विक विचार रखें तो रोग से पीड़ा कम हो सकती है ||धनु एम् मीन राशि के जातक-क्षय रोग ,शर्करा ,चोट ,गुप्त रोग से युक्त होंगें ||=गुरूवार , माता पिता एवं गुरु की कृपा के पात्र बनने से असाध्य रोग से मुक्त ओ सकते हैं || कर्क राशि के जातक -कफ ,सफेद दाग ,तथा शर्करा ,चोट अग्नि सम्बंधित रोग से ग्रसित होंगें ||-शिव की उपासना से -सात्विक विचार से रोग कम संभव है || सिह राशि के जातक -ताप ,मस्तिक ,चोट ,दाग ,अग्नि सम्बंधित रोग से ग्रसित होंगें ||=सूर्य या कृपा के पात्र बनने से रोग से मुक्त रहेंगें || भाव -अनंत रोग हैं ,किन्तु रोग के कारण यही होंगें -अतः आप  अपने  जीवन में अनुभव करके देख लें||
     प्रेषकः ज्योतिष सेवा सदन {पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री }-मेरठ उत्तर प्रदेश -भारत ---निःशुल्क ज्योतिष जानकारी एकबार मित्रों को मिलेगी -दुबारा के लिए आजीवन शुल्क देना होगा  -9897701636.09358885616

रविवार, 12 मई 2013

"क्या माया कैलेण्डर में उल्लिखित पृथ्वी की उम्र {5126 }अर्थात 2012 तक ही ?

"क्या माया कैलेण्डर में उल्लिखित पृथ्वी की उम्र {5126 }अर्थात 2012 तक ही ?--प्रश्न का उत्तर जानने से पहले हमें कुछ भारतीय -ज्योतिर गणित {कालगणना }के सन्दर्भ में जानना होगा |

-----सूर्योपनिषद में तो सूर्य को समस्त विश्व की उत्पत्ति तथा लय का कारण कहा है |

        ---"सूर्यात भवन्ति भूतानि सूर्येण पलितानी तू |

               सूर्ये लयं प्राप्नुवन्ति यः सूर्यः सोहम्मेव च ||

---भाव -सूर्य चन्द्र अन्यान्य ग्रह नक्षत्र काल के करता अकर्ता कहे गए हैं |सूर्य सिद्धांत -१/१० के अनुसार काल दो प्रकार का होता है ---एक अव्यय अनंत रूप रहने वाला महाकाल है ,दूसरा सावयव गणना करने योग्य है | मूर्तरूप काल घटी पल ,विपल ,तिथि ,मास ,संवत्सर ,कल्प कल्पान्तर के रूप में गिना जाता है |

---सृष्टि कर्ता ब्रह्माजी हैं | चार युग {कृत ,त्रेता ,द्वापर और कलयुग} का एक महायुग होता है | जिसकी सौर वर्ष संख्या -४३२०००० होती है | इकहत्तर महायुग का एक मन्वंतर होता है | प्रत्येक कल्प में १४मन्वन्तर और १४ इन्द्र बीत जाते हैं |एक कल्प की सौ वर्ष संख्या -4318272000 कही गयी है |

-------कल्पान्त में ब्रह्मा जी का दिन समाप्त होते ही प्रलय जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है | वर्तमान में सृष्टि की रचना हुए -१९५५८८५१०९ वर्ष बीते हैं |इससे स्पष्ट है कि अभी महा प्रलय होने में -२३६२३८६८९१ इतने वर्ष और लगेंगें |

------ऐसा भी नहीं है कि इतनी लम्बी अवधि में प्राकृत में कोई उत्पात न होता हो |अन्तरिक्ष में जब -जब ग्रह अंशसाम्य होते हैं-अथवा ग्रहयुद्ध के संयोग बनते हैं |तब -तब वसुंधरा पर नाना प्रकार के महोत्पत हुआ करते हैं |प्रकृति साम्यावस्था है |जब -जब इसके संतुलन को प्राणी बिगाड़ते हैं ,तब -तब प्रकृति प्रकुपित होकर बड़ी मात्रा में संहार करती है अथवा किसी को माध्यम बनाकर उसके द्वारा विनाशलीला कराया करती है | धर्म की हनी होती है |क्षमाशीलता घटती जाती है |रजोगुण और तमोगुण अपनी चरम सीमा पर होते हैं | तब भयंकर  युद्ध  हुआ करते हैं अधर्मी  दुराचारियों का विनाश  होता है |    

-------यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत |

          अभ्युथान धर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम ||

----नोट -कुदरत के खिलाफ जब -जब क्रूर कारनामे होते हैं ,तब -तब विश्व में उत्पात तो होते ही हैं |भविष्य  के गर्त में यथार्थ क्या है ,इसे तो केवल ईस्वर ही जनता है-परन्तु इतना अवश्य है कि विश्व विनाश की ओर नपे तुले क़दमों से बढ़ता चला जा रहा है |

--भवदीय पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री" {मेरठ उत्तर प्रदेश }

  निःशुल्क ज्योतिष सेवा सभी मित्रों को एकबार ही मिल पायेगी  सम्पर्कसूत्र {हेल्प लाइन } के द्वरा रात्रि - 8  से 9 .३० पर | {आजीवन जानकारी के लिए सदस्य बनना होगा ?} --09897701636 --09358885616

शुक्रवार, 10 मई 2013

कांग्रेस महसचिव -श्री राहुल गाँधी जी प्रधानमत्री कैसे बनेंगें ?

कांग्रेस महसचिव -श्री राहुल गाँधी जी प्रधानमत्री कैसे बनेंगें ?
यूँ तो राहुल गाँधी जी का जन्म -19-जून -1970 प्रातः ५/५पर दिल्ली में ज्येष्ठा नक्षत्र में हुआ ।अभी चंद्रमा की महादशा चल रही है ।नीच का चंद्रमा सप्तम भाव में विराजमान है ।स्वभाव से जुझारू ,जिद्दी प्रकृति के इंसान होंगें । जो थान लेंगें वो पूरा जरुर करेंगें । समझोता नहीं करेंगें ।दाम्पत्य सुख के योग भी चल रहे हैं जो २०१७ तक चलेंगें और बंधन में बंध भी जायेंगें ।।

------इस वर्ष आकाशीय कौसिल के चुनाव में -गुरु को मंत्री पद मिला हुआ है -ये हर संभव सहायता करेंगें ।यह भी संभव है कि वर्तमान प्रधानमंत्री जी स्वयं श्री राहुल गाँधी जी को पद समर्पित करने का प्रस्ताव पेश करें ,या परिस्थिति इन्हें प्रधान मंत्री बना दे ।।
-------कुंडली में नीच का चंद्रमा और चंद्रमा की महादशा--इनकी मनोत्साह की निर्बलता श्री राहुल गाँधी जी के आड़े भी आ सकती है ।।
-----श्री राहुल गाँधी जी का भाग्येस बारहवे बैठता है -और जिनका भाग्येस बारहवें होता है उनका भाग्योदय अपने घर से वाहर होता है ।। अतः विवाह एवं सफलता अपने घर से बाहर विशेष सफल रहेगा ।
------श्री राहुल गाँधी जी की कुंडली में --चारो केन्द्रेस ग्रह केंद्र से बाहर बैठे हैं -इसका अभिप्राय यह भी हो सकता है -कि केंद्र से अलग प्रदेश में भाग्योदय हो ? अत यह पहलीबार कामयाब हो जाएँ ।।

भवदीय -ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ }
संपर्कसूत्र - ,09897701636 ,09358885616

शुक्रवार, 3 मई 2013

"शेयर मार्केट की स्थिति मई माह =2013-विशेष ?"

"शेयर मार्केट की स्थिति मई माह =2013-विशेष ?"
 ----माह की शुरुआत में बुध के प्रभाव से खरीदारी का एक विशेष योग है -जिस कारण से सभी कम्पनियों के शेयर बढेंगें एवं तीन दिनों तक रिलायंस ,बिरला ,संलाईफ,टाटा ,सिफी ,{सत्यम कंप्यूटर }-एफटैक ,बीओबी ,सीप्ला ड़ी एल एफ ,गेल ,ग्रासिम ,इण्डियन ऑयल के भावों में तेजी आयेगी । पी .एन .बी ,एस .बी .आई ,टेफ्को के शेयर्स तेज होंगें । दूसरे सप्ताह में सूर्यदेव की वृष की संक्रांति के कारण -14 तारीख मंगलवार से सभी शेयर्स प्रभावित होंगें अर्थात मंदा बरकरार रहेगा । इसलिए -मिडकैप क्षेत्र के शेयर्स में भी बिकवाली की आशंका रहेगी । इसमें एकबार लाभ हो सकता है । अन्यथा एकबार ऊँचे मूल्यों पर फसे रहना पड़ेगा । माह के तीसरे सप्ताह में सूर्य एवं मंगल के प्रभाव से कोल इण्डिया ,एक्साइड ,जी टी एल,हेक्सावेयर ,इन्फोसिस ,सनफर्मा,आटो मोवाइल ,धातुओं से सम्बंधित कम्पनियों के शेयर्स अमेरिकी तथा एशियाई शेयर बाजार के सूचकांक आधारित कम्पनिया जैसे -सत्यम कंप्यूटर ,विप्रो ,सैमसंग ,वीडियोकोन ,के शेयर्स मंदे होकर तेज होंगें । --तथा  बैंकिंग में आई .सी .सी आई,एच .डी .एफ .सी ,एस .बी .आई ,युनियन बैंक के शेयर्स में लाभ हो सकता है । महीने के अंत में गुरु का मिथुन राशि में आगमन से इन शेयरिं में लाभ का योग बनेगा ----आई .पी .सी .एल ,आई ,बी .पी ,इन्फोसीस्नेट ,एच .सी .एल ,माईक्रोसाफ्ट,स्मालकैप ,मिडकैप ,निफ्टी ,सैमसंग ,एल .जी ,टिस्को .कोल द्रिंग्स ,तथा आई .टी सी ,जी .टी .सी ,के शेयर्स लाभ में होंगें ।
------नोट मई माह में निवेस योग्य शेयर्स --कोल इण्डिया ,एक्साइड ,जी .टी .एल ,हेक्सावेयर ,इन्फोसिस ,सन फार्मा ,एच .सी .एल ,आई .बी ,पी ,एवं युनियन बैंक ।
       -----प्रेषकः ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }
   हेल्प लाइन ---9897701636---आजीवन सदस्यता शुल्क -1100 प्रत्येक व्यक्ति के लिए ---फ्री ज्योतिष जानकारी एकबार अवश्य मिलेगी सभी मित्रों को शाम -8 से 9 में --प्रत्येक दिन । ।