"भारतीय जनता पार्टी पर ज्योतिष की एक दृष्टि ?"
---संवत 2070 की ग्रहस्थिति के अनुसार इस वर्ष शनि +राहु तुला राशि में चलेंगें । शनि भाजपा की स्थापना कुंडली में भाग्येश होकर उच्च का है ,कर्मेश गुरु केंदेश होकर 31मई 2013 से मिथुन राशि में आकर संवत 2070 के अंत तक मिथुन में ही रहेगा तथा भाग्येश -शनि पर कर्मेश गुरु की दृष्टि भी रहेगी । यह ग्रहस्थिति भारतीय जनता पार्टी एवं सहयोगी पार्टियों को राजनैतिक -बल प्रदान करेगी । इस प्रकार भाजपा को इस संवत में गत वर्ष की अपेक्षा विशेष गरिमा प्राप्त होगी ।
-----केन्द्रीय शासन सत्ता की घटित घटना के कारण अगामी वर्ष में नवम्बर 13 से मार्च 14 तक की ग्रहस्थिति के अनुसार इस पार्टी को विशेष लाभ मिलेगा । वैसे भी इस पार्टी की कुंडली में शनि +गुरु +राहु की दृष्टि के कारण इस पार्टी का अस्तित्व बना रहेगा । किन्तु -शनि +मंगल +राहु के एकसाथ होने से इस पार्टी के प्रधानपद को सर्वसम्मति से स्वीकार करने में एक राय का न होना भाजपा के हित में नहीं जाता । "
-----ठीक यही बात इस वर्ष संवत {2070}में भी गोचर ग्रहस्थिति के दृष्टि में रखते हुए आज भी भाजपा एवं इससे सम्बंधित पार्टियों के लिए सत्ता प्राप्ति में रूकावट बनेगी । संसद के निर्वाचन -संग्राम में कोई भी एक पार्टी सत्ता में नहीं आ सकेगी । पार्टियों में तोड़ -फोड़ एवं नए राजनैतिक संगठन एकत्र होकर ही कांग्रेस या भाजपा शासन पा सकेंगें । परवरी से जुलाई तक शनि +राहु की स्थिति से सुधारात्मक एवं कांग्रेस पार्टी पर आक्रामक रुख भाजपा का बना रहेगा ।
----31 मई से 17 अगस्त तक का समय भाजपा के नेतृत्व के बारे में विवाद समाप्त होकर एक राय बनेगी । लेकिन 31 मई से अक्टूबर तक की ग्रहस्थिति किसी वरिष्ठ नेता का पद रिक्त होने का भी संकेत देती है ।
----30अक्टूबर से 4 दिसंबर तक एवं 21 दिसंबर से 30 जनवरी 14 तक गुरु +शुक्र का वक्रत्व एवं गुरु +शुक्र का समसप्तक योग भाजपा में नई शक्ति एवं प्रेरणा को जन्म देगा तथा निर्वाचन के लिए विशेष अवसर भी देगा । महगाई एवं घोटालों को मुद्दा बनाकर भाजपा चुनाव क्षेत्र में उतरेगी ,जिससे पर्याप्त लाभ भी मिलेगा । चुनाव समय से पूर्व भी संभव है ।
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---संवत 2070 की ग्रहस्थिति के अनुसार इस वर्ष शनि +राहु तुला राशि में चलेंगें । शनि भाजपा की स्थापना कुंडली में भाग्येश होकर उच्च का है ,कर्मेश गुरु केंदेश होकर 31मई 2013 से मिथुन राशि में आकर संवत 2070 के अंत तक मिथुन में ही रहेगा तथा भाग्येश -शनि पर कर्मेश गुरु की दृष्टि भी रहेगी । यह ग्रहस्थिति भारतीय जनता पार्टी एवं सहयोगी पार्टियों को राजनैतिक -बल प्रदान करेगी । इस प्रकार भाजपा को इस संवत में गत वर्ष की अपेक्षा विशेष गरिमा प्राप्त होगी ।
-----केन्द्रीय शासन सत्ता की घटित घटना के कारण अगामी वर्ष में नवम्बर 13 से मार्च 14 तक की ग्रहस्थिति के अनुसार इस पार्टी को विशेष लाभ मिलेगा । वैसे भी इस पार्टी की कुंडली में शनि +गुरु +राहु की दृष्टि के कारण इस पार्टी का अस्तित्व बना रहेगा । किन्तु -शनि +मंगल +राहु के एकसाथ होने से इस पार्टी के प्रधानपद को सर्वसम्मति से स्वीकार करने में एक राय का न होना भाजपा के हित में नहीं जाता । "
-----ठीक यही बात इस वर्ष संवत {2070}में भी गोचर ग्रहस्थिति के दृष्टि में रखते हुए आज भी भाजपा एवं इससे सम्बंधित पार्टियों के लिए सत्ता प्राप्ति में रूकावट बनेगी । संसद के निर्वाचन -संग्राम में कोई भी एक पार्टी सत्ता में नहीं आ सकेगी । पार्टियों में तोड़ -फोड़ एवं नए राजनैतिक संगठन एकत्र होकर ही कांग्रेस या भाजपा शासन पा सकेंगें । परवरी से जुलाई तक शनि +राहु की स्थिति से सुधारात्मक एवं कांग्रेस पार्टी पर आक्रामक रुख भाजपा का बना रहेगा ।
----31 मई से 17 अगस्त तक का समय भाजपा के नेतृत्व के बारे में विवाद समाप्त होकर एक राय बनेगी । लेकिन 31 मई से अक्टूबर तक की ग्रहस्थिति किसी वरिष्ठ नेता का पद रिक्त होने का भी संकेत देती है ।
----30अक्टूबर से 4 दिसंबर तक एवं 21 दिसंबर से 30 जनवरी 14 तक गुरु +शुक्र का वक्रत्व एवं गुरु +शुक्र का समसप्तक योग भाजपा में नई शक्ति एवं प्रेरणा को जन्म देगा तथा निर्वाचन के लिए विशेष अवसर भी देगा । महगाई एवं घोटालों को मुद्दा बनाकर भाजपा चुनाव क्षेत्र में उतरेगी ,जिससे पर्याप्त लाभ भी मिलेगा । चुनाव समय से पूर्व भी संभव है ।
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