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बुधवार, 31 जुलाई 2013

"मंगल ग्रह से वैधव योग भी बन जाता है ?"

"मंगल ग्रह से वैधव योग भी बन जाता है ?"
----अग्निकारक ग्रह मंगल है -जब यह लग्न और सप्तम में बैठता है तो मानव में क्रोध बहुत अधिक होता है 1 पति -पत्नी में इसी के कारण विशेष रूप से लडाइयां होती हैं 1 कारण कि "मंगल" युद्ध का ग्रह है इसको लडाई रोज चाहिए 1 जिनका "मंगल" 8 या 12 भाव में होता है उसका देहबल और मनोबल ठीक नहीं रहता है 1 रोग से पीड़ित रहते हैं ,काम करने की हिम्मत होने के बाद भी काम नहीं कर पाते 1 यदि -शनि के साथ मंगल बैठा हुआ होगा तो जीवन में जातक धन को स्थिर नहीं कर पाएगा 1 यह अकाट्य सिद्धांत है 1 -----1 ,4 ,7 ,8 ,12 भावों में यदि मंगल होता है तो वह जातक मंगली कहलाते हैं 1 इसमें एक और सूक्ष्म विवेचन है -वह लग्न से मंगली हो ,चन्द्र से मंगली हो ,शुक्र से मंगली हो तो वह मंगली माना जाता है 1 यदि विवाह के बाद मंगल महादशाओं में आ जाता है और जातक मंगली नहीं होता है तो वैधव योग उपस्थित हो जाता है 1
  ---प्रेषकः ज्योतिष सेवा सदन [मेरठ -भारत }
ज्योतिष परामर्श शुल्क -1100 सौ भारत में --सहायता हेतु उपलब्ध सूत्र -09897701636 +09358885616

मंगलवार, 30 जुलाई 2013

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    ---भवदीय निवेदक "झा शास्त्री " {मेरठ भारत }
    निःशुल्क ज्योतिष सेवा रात्रि 8 से-9.30 ऑनलाइन होकर फ़ोन से एकबार कोइ भी दोस्ती कर प्राप्त कर सकते हैं
    संपर्क सूत्र -09897701636+09358885616

"शिवलिंग पूजन का प्रारंभ एवं महत्त्व को जानने की कोशिश करते हैं !"

"शिवलिंग पूजन का प्रारंभ एवं महत्त्व को जानने की कोशिश करते हैं !"
 दक्ष -प्रजापति ने अपने यग्य में 'शिव" का भाग नहीं रखा ,जिससे कुपित होकर -माँ पार्वती ने दक्ष के यग्य मंडप में योगाग्नि द्वारा अपना शरीर को भस्म कर दिया |यह विदित  होने के वाद  -भगवान् "शिव"अत्यंत  क्रुद्ध हो गए एवं नग्न होकर पृथ्वी पर भ्रमण करने लगे | एक दिन वह [शिव ] नग्नावस्था में ही ब्राह्मणों की नगरी में पहुँच गए | शिवजी के नग्न स्वरूप को देखकर भूदेव की स्त्रीयां उन पर मोहित हो गईं |स्त्रिओं की मोहित अवस्था को देखकर ब्राह्मणों ने शिवजी को शाप दे दिया कि-ये लिंग विहीन तत्काल हो जाएँ एवं शिवजी शाप से युक्त भी हो गए ,जिस कारण से तीनों लोकों में घोर उत्पात होने लगा |
   ----समस्त देव ,ऋषि ,मुनि व्याकुल होकर ब्रह्माजी की शरण में गए | ब्रह्मा ने योगबल से शिवलिंग के अलग होने का कारण जान लिया और समस्त देवताओं ,ऋषियों ,एवं मुनियों को साथ लेकर शिवजी के पास गए -ब्रह्मा ने शिवजी से प्रार्थना की कि -आप अपने लिंग को पुनः धारण करें -अन्यथा तीनों लोक नष्ट हो जायेंगें | स्तुति को सुनकर -भगवान् शिव बोले -आज से सभी लोग मेरे लिंग की पूजा प्रारंभ कर दें ,तो मैं अपने लिंग को धारण कर लूँगा | शिवजी की बात सुनकर सर्वप्रथम ब्रह्मा ने सुवर्ण का शिवलिंग बनाकर उसका पूजन किया | पश्चात देवताओं ,ऋषियों और मुनियों ने अनेक द्वयों के शिवलिंग बनाकर पूजन किया | तभी से शिवलिंग के पूजन का प्रारंभ हुआ ||
----जो लोग किसी तीर्थ में -मृतिका - के शिवलिंग बनाकर -उनका हजार बार अथवा लाख या करोड़ बार सविधि पूजन करते हैं-वे शिव स्वरूप हो जाते हैं || जो मनुष्य तीर्थ में मिटटी ,भस्म ,गोबर अथवा बालू का शिवलिंग बनाकर एक बार भी उसका सविधि पूजन करता है -वह दस हजार कल्प तक स्वर्ग में निवास करता है-शिवलिंग का विधि पूर्वक पूजन करने से -मनुष्य -संतान ,धन ,धन्य ,विद्या ,ज्ञान ,सद्बुधी ,दीर्घायु ,और मोक्ष की प्राप्ति करता है ||---जिस स्थान पर शिवलिंग का पूजन होता है ,वह तीर्थ नहीं होते हुआ भी तीर्थ बन जाता है | जिस स्थान पर शिवलिंग का पूजन होता है ,उस स्थान पर जिस मनुष्य की मृत्यु होती है-वह शिवलोक को प्रप्त करता है | जो शिव -शिव ,शिव नाम का उच्चारण करता है -वह परम पवित्र एवं परम श्रेष्ठ हो जाता है ||--भाव -जो मनुष्य शिव -शिव का स्मरण करते हुए प्राण त्याग देता है -वह अपने करोड़ों जन्म के पापों से मुक्त होकर शिवलोक को प्राप्त करता है ||---शिव =का - अर्थ है -कल्याण || "शिव "यह दो अक्षरों वाला नाम परब्रह्मस्वरूप एवं तारक है इससे भिन्न और कोई दूसरा तारक नहीं है --{"तारकं ब्रह्म परमं शिव इत्य्क्षर द्वयं |नैतस्मादपरम किंचित तारकं ब्रह्म सर्वथा }||
---भवदीय निवेदक "झा शास्त्री " {मेरठ भारत }
निःशुल्क ज्योतिष सेवा रात्रि 8 से-9.30 ऑनलाइन होकर फ़ोन से एकबार कोइ भी दोस्ती कर प्राप्त कर सकते हैं
संपर्क सूत्र -09897701636+09358885616

रविवार, 28 जुलाई 2013

"शुभ ग्रह "शुक्र "और "मंगल "{ज्योतिष विशेष }?"

"शुभ ग्रह "शुक्र "और "मंगल "{ज्योतिष विशेष }?"
----"शुक्र "बहुत शुभ ग्रह है -सहत्रसार में अमृत के कुंड का संचालन यही करता है 1 जिह्वा और जनेन्द्रिय में इसका निवास होता है 1 शरीर के मुख्य संचालन का कार्य भार "शुक्र "के ही कारण है 1 भगवान शंकर के वरदान अनुसार "बृहस्पति "से तीन गुणा बल इसमें अधिक है 1 सब ग्रह आठवें ,बारहवें भाव में सारहीन हो जाते हैं ,किन्तु "शुक्र "आठवें और बारहवें भाव में हो और साथ ही इसकी महादशा चल जाये तो जातक को अरबों ,खरबों रूपये ,वाहन सुख,राज्यसुख,स्त्रीसुख अर्थात सबकुछ प्रदान कर देता है 1
   ------साथ ही अगर मंगल के साथ शुक्र होता है तो वह काम पिपासा का धनि भी इतना बता है कि 90 वर्ष तक भी काम के क्षेत्र में हल्का नहीं होने देता है जातक को 1 अर्थात वह ब्रह्मचारी रहने ही नहीं देता और बिना ब्रह्मचारी रहे ईस्वर की उपासना हो ही नहीं सकती है 1
   बाबा तुलसीदास ज की ये उक्ति ----"जहां राम तहां काम नहि ,जहां काम कहां काम 1
                                                         तुलसी कबहुंक रहि सकहि ,रवि ,रजनी एक ठाम 11
अस्तु ---श्री हनुमानजी को छोड़कर कामदेव से सब पराजित हुए हैं ,शुक्र लाभदायी ग्रह है 1
     "शुक्र "का बीज मन्त्र सरल भाषा में -ॐ द्राम द्रीम द्रोम सः शुक्राय नमः !
अर्थात -कुंडली मिलान के समय "शुक्र +मंगल  का भी विशेष विचार अवश्य ही करना चाहिए !
प्रेषकः -ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }
परामर्श शुल्क -1100 सौ रूपये आजीवन ---सहायता -सूत्र -09897701636 +09358885616  

गुरुवार, 25 जुलाई 2013

"विवाह में विलम्ब क्यों होता है ?"

"विवाह में विलम्ब क्यों होता है ?"

----बालक के विवाह का कारक ग्रह "शुक्र "और कारक  सप्तम भाव होता है 1यदि बालक की कुण्डली में "शुक्र "कमजोर ,नीच ,पापी ग्रहके प्रभाव में होगा तो निश्चित विवाह में बिलम्ब के साथ -साथ बाधा भी उत्पन्न होगी ! -------यदि "शुक्र "बालक की कुण्डली में बलवान ,मित्र या उच्च राशिमें है ,किन्तु सप्तम अथवा सप्तमेश पर पापी ग्रहों का प्रभाव है ,अथवा सप्तमेश नीच का है तो भी विवाह होने में देर होगी -अथवा विवाह में बाधा होगी !
-------इसी प्रकार बालिका की कुण्डली में "गुरु "पतिकारक ग्रह तथा सप्तमभाव व सप्तमेश विवाह कारकहोता है !---बालिका की कुण्डली में "गुरु "शत्रुराशि ,नीच ,अस्त या पापी ग्रह के प्रभाव में होगा तो बालिका के विवाह में दिक्कत का सामना करना पड़ेगा !-----बालिका की कुण्डली में "गुरु "के साथ सप्तमभाव एवं सप्तमेश को मित्र राशि,उच्चराशि के साथ -साथ शुभ प्रभाव में होना जरुरी है !----
   -----यदि "शुक्र एवं "गुरु "शुभ या मित्र राशि में हो या अपनी उच्च राशि में हो लेकिन सप्तम भाव अथवा सप्तमेश पापी प्रभाव में हो या नीच राशि के साथ -साथ अस्त हो तो विवाह तो होगा ,किन्तु विरोधाभास {परस्पर विरोध }या अस्वस्थता तो रहेगी ही वैवाहिक जीवन के सुख में अशांति रहेगी !
   -----नोट ---दाम्पत्य सुख में सप्तम भाव और सप्तमेश साथ ही सप्तमेश और द्वादश भाव का स्वामी ग्रह कमजोर ,नीच ,पापी ग्रह के प्रभाव में हो तो विवाह सुख में बाधा आती है !
प्रेषकः -ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत } परामर्श शुल्क -1100 सौ रूपये -हेल्पलाइन -09897701636+093588885616-समय -सुवह 8 से रात्रि 9,30 तक !

मंगलवार, 23 जुलाई 2013

"देश -विदेशो में क्या होगा !23/से 6/07/2013?"

"देश -विदेशो में क्या होगा !23/से 6/07/2013?"

---"यत्र मासे महीसुनोर्जायन्तेपंचवासराः रक्तेन पूरिता पृथ्वी छत्र भंग्स्तदा भवेत्  !
अर्थात -विश्व के किन्ही देशों में आतंकी कुकृत्य ,युद्धादिके चलते रक्तपात होगा 1किसी देश -प्रदेश की सत्ता पलट जाएगी 1असामाजिकतत्व धार्मिक उन्माद फैलाने का प्रयास करेंगें !
    "आदित्यागच्छति ह्य्ग्रे पृष्ठे भवन्ति भुसुतः -मध्ये सोमसुतो यातिसुर्भिक्षम तत्र दृश्यते !
अर्थात -पैदावार बढ़ने से ,उद्योग धंधों में उत्पादन अधिक होने से सुभिक्ष होगा !देश में विदेशियों का बढ़ता वर्चस्व सर्वहारा वर्ग के लिए उत्तम नहीं है !
------तेजी मन्दि विचार -----इस पक्ष में चालू मार्किट के भाव घटते -बढ़ते रहेंगें !मंदी में संग्रह करने वालों को आगे चलकर लाभ मिलेगा !चांदी-सोना एवं अन्यधातुओं के भाव पड़े रह सकते हैं !दैनिक उपयोग की की वस्तुओं में तेजी का रुख रहेगा !सट्टाबाजार ,सर्राफा एवं शेयर मार्किट गरम रहेगी !
------आकाश लक्षण -----अगस्त के पूर्वार्ध तक गुरु+ मंगल का राशि संयोग वर्षा की कमी करेगा तथा सिंह का शुक्र इस योग का सहायक बनेगा !मध्य भारत में वायुवेग झंझावात के साथ हलकी वर्षा होगी !भारत के पूर्व में अधिक वर्षा और बाढ़ के कारण क्षति होगी !सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में दुर्दिन होने से यातायात बाधित रहेगा !गुजरात में प्राकृतिक आपदा रेल -खान -कुघतना चक्र संभव है !
   --प्रेषकः ज्योतिष सेवा सदन -{मेरठ -भारत }

सोमवार, 22 जुलाई 2013

"ज्योतिष सेवा सदन" से शिकायत है तो अभी बतायें?"

"ज्योतिष सेवा सदन" से शिकायत है तो अभी बतायें?"
{1}--अगर ज्योतिष सेवा सदन से कोईशिकायत है -भारत में रहते हैं --फ़ोन से हमें बतायें हम शिकायत को दूर करने की कोशिश करंगें -हेल्प लाइन -09897701636+09358885616-समय -प्रातः 8 से रात्रि -9.30 तक |
-----{2}-अगर विश्व के किसी भी भूभागों पर रहते हैं -ज्योतिष सेवा सदन से शिकायत है -तो हमें -स्काइप पर बतायें या फ़ोन से बतायें--स्काइप -आईडी ----ज्योतिष .सेवा.सदन ----है -हेल्पलाइन -09897701636+09358885616--|
-----{3}-आप आजीवन सदस्य हैं ज्योतिष सेवा सदन के --कोई शिकायत है -तो आप स्काइप पर या हेल्पलाइन से शिकायत करें प्रातः 8 से 9.30 तक |
-----{4}1990 तक जन्मे हुए मित्रों को ज्योतिष की एकबार फ्री जानकारी चाहिए -रात्रि 8 से.30 में भारत में रहते हैं तो फ़ोन से ही प्राप्त करें ----हेल्पलाइन -09897701636+09358885616--है |
----{4}-1990 तक जन्मे हुए विश्व के किसी भी भूभागों पर रहते हैं भारत को छोड़कर तो आप फ्री ज्योतिष जानकारी एकबार स्काइप पर प्राप्त कर सकते हैं -किन्तु पहले दोस्ती फेसबुक पर करनी होगी तभी एकबार फ्री जानकारी स्काइप पर प्राप्त कर सकते हैं |-स्काइप आईडी -ज्योतिष.सेवा.सदन है |
----{5}---अगर आपका जन्म -1990 के बाद में हुआ है ,दोस्ती करने में असमर्थ है ,ऑनलाइन रहने में असमर्थ हैं किन्तु  ज्योतिष की जानकारी चाहते हैं -तो केवल 100 देकर प्राप्त कभी भी कर सकते हैं चाहे देश में रहते हों या विदेशों में |
आशा है इन नियमों  का पालन करेंगें सभी ज्योतिष प्रेमी मित्र बंधू  ---अगर आपसे ज्योतिष सेवा सदन अनुचित व्यवहार किया हो ,आप इन नियमों का पालन करते हैं फिर भी ज्योतिष सेवा सदन आपको धन के विन सेवा नहीं दी हो या जबरदस्ती धन के लिए उकसाया हो तो अभी शिकायत करें |
--प्रेषकः -ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }
प्रबन्धक -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री -हेल्पलाइन -09897701636+09358885616---|


रविवार, 21 जुलाई 2013

"गुरु पूर्णिमा {व्यास पूर्णिमा }पर एक दृष्टि ?"

"गुरु पूर्णिमा {व्यास पूर्णिमा }पर एक दृष्टि ?"
---आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं । प्राचीन काल में विद्यार्थी "गुरुकुलों "में शिक्षा प्राप्त करने जाते थे । छात्र इस दिन श्रद्धा भाव से प्रेरित अपने गुरु का पूजन करके अपनी शक्ति के अनुसार दक्षिणा देकर गुरूजी को प्रसन्न करते थे ।
----अस्तु --- इस दिन पूजा से निवृत्त होकर अपने गुरु के पास जाकर -वस्त्र,फल ,फूल एवं माला अर्पण करके उन्हें प्रसन्न करना चाहिए । गुरु का आशीर्वाद ही कल्याणकारी और ज्ञानवर्धक होता है । चरों वेदों के व्याख्याता व्यास ऋषि थे । हमें वेदों का ज्ञान देने वाले व्यास जी ही हैं । इसलिए वे हमारे आदि गुरु हुए । उनकी स्मृति को ताजा रखने के लिए हमें अपने -अपने गुरुओं को व्यास जी का ही अंश मानकर उनकी पूजा करनी चाहिए ।
    "श्री गुरुचरण कमलेभ्यो नमः "
प्रेषकः -ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }
प्रबंधक -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री ------निःशुल्क ज्योतिष सेवा एकबार भारत में रहने वाले मित्रों को फ़ोन से ही मिलेगी ----तथा -विश्व के किसी भी भूभाग पर रहने वाले मित्रों को स्काइप पर ही मिलेगी -समय -रात्रि -8 से 9 .30 प्रत्येक दिन उपलब्ध रहता है । हेल्पलाइन -9897701636 +9358885616 {परामर्श शुल्क -1100-आजीवन प्रति व्यक्ति }

मंगलवार, 16 जुलाई 2013

"प्रधानमंत्री -"डॉ.श्री मनमोहन सिंह जी"{ज्योतिष -विशेष }

"प्रधानमंत्री -"डॉ.श्री मनमोहन सिंह जी"{ज्योतिष -विशेष }
भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री "डॉ श्री मनमोहन सिंह जी -का जन्म 26 -सितम्बर 1932 को दोपहर 2. 00 बजे स्थान -गाहा -{पाकिस्तान }में हुआ । तदनुसार जन्मकालिक ग्रहस्थिति के अनुसार गोचर में योजना स्थान {अर्थात -पंचम भाव }पर राहुयुत -शनि मी नीच दृष्टि है । दुसरे भाव और तीसरे भाव का स्वामी शनि जो कि आपकी देश की समृद्धि एवं हित में लिए गए निर्णयों को असामयिक होने से विपक्षी दल नकारने की कोशिश बहुत करेंगें । जिससे आपको राजनैतिक दृष्टि से कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा । 
  -------अस्तु ----इस समय डॉ श्रीमनमोहन सिंह महाभाग जी की जन्मकालिक -दशा के अनुसार राहु की महा
दशा  चल रही है । राहु आपके तीसरे भाव {अर्थात -पराक्रम }में विपरीत -परस्थितियों में भी विपक्षी दल को हाबी नहीं होने देगा । किन्तु राहु में शनि अंतर से मंगल के अंतर दशा तक का समय आपके राजनैतिक -महिमा को क्षीण करता रहेगा तथा आगे स्वास्थ की दृष्टि से भी राजनीति से विमुख कर सकता है । गोचर ग्रहस्थिति के अनुसार संवत -2070 के प्रारम्भ से 7 जुलाई 13तक "तथा -18-अगस्त से 4 -अक्टूबर 2013 तकशनि +मंगल का दशम +चतुर्थ एवं 4 -फरवरी 2014 से लगभग 24 मार्च 2014 तक शनि +मंगल एवं राहु इन तीन दुष्ट ग्रहों के एकसाथ तुला राशि में होने से आपकी सेहत खराब होगी और राजनैतिक योग सुन्दर अर्थात विशेष उपलब्धि वाला नहीं रहेगा । {सर्वग्य तो हरि हैं }
प्रेषकः ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }
    ज्योतिष जानकारी कोई भी मित्र रात्रि -8.00 से 9.30 तक-" {एकबार"}फ़ोन से ही ऑनलाइन होकर प्राप्त कर सकते हैं ।[09897701636+09358885616}

सोमवार, 15 जुलाई 2013

"श्रीमति सोनिया गांधी जी पर विशेष {ज्योतिष की दृष्टि में }?"

"श्रीमति सोनिया गांधी जी पर विशेष {ज्योतिष की दृष्टि में }?"
-----कांग्रेस पार्टी की सुप्रीमो "श्रीमति सोनिया गांधीजी"--का जन्म 9 दिसंबर 1948 -जन्म समय -21.15 स्थान -तुरीन देश -इटली में हुआ । ----जन्मकालिक -ग्रहस्थिति के अनुसार केतु की महादशा में शुक्र का अंतर चल रहा है । शुक्र चतुर्थ स्थान में अपनी तुला -राशि -में शत्रु ग्रह "गुरु "के साथ आयेस होकर बैठा है । तथा इस समय गोचर ग्रहस्थिति के अनुसार तुला राशि में "शनि +राहु भी शुक्र के साथ युति कर रहे हैं ।
    अस्तु ------नवीनतम घोटाले कांग्रेस नेतृत्व को भारी पड़ेंगें । विधान सभाई चुनावों में भी कांग्रेस नेताओं {सुप्रीमो }की छवि पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा । केंद्र में बन रही धमाकेदार परिस्थितियां कांग्रेस पार्टी एवं सुप्रीमो के महत्त्व को शक्ति हीन कर सकती है । अतः बहुत ही सोच समझ कर ही राजनीति में पग उठाने होंगें ।
   ----गोचर ग्रहस्थिति के अनुसार संवत -2070 में -18 -अगस्त से 5 अक्टूबर -2013 तक तथा -4 -फरवरी -2014 -से 24-मार्च -2014-तक का समय "श्रीमति सोनिया गांधी जी के लिए राजनैतिक क्षेत्र एवं प्रशासकीय दिशा में भारी कठिनाइयों से भरपूर मालूम देता है । 18 -अगस्त -2013  से मार्च -2014-तक श्रीमति  सोनिया गांधी जी --परिवार को अपने स्वास्थ तथा सुरक्षा के बारे में विशेष सावधान रहना बहुत ही जरुरी है ।
     आगे सर्वग्य तो प्रभू ही हैं ?     
  निवेदक ---ज्योतिष सेवा सदन --कृष्णपुरी धर्मशाला देहली गेट मेरठ उत्तर प्रदेश {भारत }  --अगर आप ज्योतिष की आजीवन जानकारी चाहते हैं तो शुल्क केवल -1100 प्रति व्यक्ति देकर या दोस्त नहीं बनना चाहते हैं तो भी -1100 रूपये देकर ही प्राप्त कर सकते हैं ।
{ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }--सहायता हेतु सूत्र ---919897701636+919358885616--समय सुवह 8 से रात्रि -9.30 तक }। 

     

शनिवार, 13 जुलाई 2013

"कांग्रेस महसचिव -श्री राहुल गाँधी जी प्रधानमत्री कैसे बनेंगें ?

  • "कांग्रेस महसचिव -श्री राहुल गाँधी जी प्रधानमत्री कैसे बनेंगें ?
यूँ तो राहुल गाँधी जी का जन्म -19-जून -1970 प्रातः ५/५पर दिल्ली में ज्येष्ठा नक्षत्र में हुआ ।अभी चंद्रमा की महादशा चल रही है ।नीच का चंद्रमा सप्तम भाव में विराजमान है ।स्वभाव से

जुझारू ,जिद्दी प्रकृति के इंसान होंगें । जो थान लेंगें वो पूरा जरुर करेंगें । समझोता नहीं करेंगें ।दाम्पत्य सुख के योग भी चल रहे हैं जो २०१७ तक चलेंगें और बंधन में बंध भी जायेंगें ।।

------इस वर्ष आकाशीय कौसिल के चुनाव में -गुरु को मंत्री पद मिला हुआ है -ये हर संभव सहायता करेंगें ।यह भी संभव है कि वर्तमान प्रधानमंत्री जी स्वयं श्री राहुल गाँधी जी को पद समर्पित करने का प्रस्ताव पेश करें ,या परिस्थिति इन्हें प्रधान मंत्री बना दे ।।

-------कुंडली में नीच का चंद्रमा और चंद्रमा की महादशा--इनकी मनोत्साह की निर्बलता श्री राहुल गाँधी जी के आड़े भी आ सकती है ।।

-----श्री राहुल गाँधी जी का भाग्येस बारहवे बैठता है -और जिनका भाग्येस बारहवें होता है उनका भाग्योदय अपने घर से वाहर होता है ।। अतः विवाह एवं सफलता अपने घर से बाहर विशेष सफल रहेगा ।

------श्री राहुल गाँधी जी की कुंडली में --चारो केन्द्रेस ग्रह केंद्र से बाहर बैठे हैं -इसका अभिप्राय यह भी हो सकता है -कि केंद्र से अलग प्रदेश में भाग्योदय हो ? अतः  यह पहलीबार कामयाब हो जाएँ ।। {२}-आयु एवं शत्रुओं  के प्रति  सजग भी रहना पड़ेगा ।

{3}-कर्मशाली पुरुष होने के कारण स्थान  से विशेष कर्म के पथ पर चलेंगें जो राजनीती के लिए उचित नहीं मन जाता है ।

{४}-राजघराने के होकर भी सादगी से जीना ही सुख और शांति करक हैं ।

 {५}-संगती {दोस्त- मित्र }विपरीत मिलेंगें,शत्रुओं - की चोट से बार -बार आघात पहुंचेगी ,कर्मक्षेत्र स्थिर नहीं रहेगा ।

{६}-वाक् पटुता में निपुण रहेंगें ,कूटनीति एवं राजनीती में कुछ नयापन लायेंगें ।।

   भवदीय ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ }

निःशुल्क ज्योतिष सेवा रात्रि  8 से-9.30 सभी मित्रों  को एकबार  अवश्य   मिलेगी ।
सूत्र -09897701636 ,0935888561

गुरुवार, 11 जुलाई 2013

"तंत्र ,मन्त्रों से स्वास्थ लाभ भी संभव है ?"

"तंत्र ,मन्त्रों से स्वास्थ लाभ भी संभव है ?
------"तंत्र एक ऐसी व्यवस्था है जिसके अंतर्गत कुछ सिद्धि प्राप्त करने के लिए ---जैसे अपने शरीर को स्वस्थ रखने एवं जन्म -मरण से छुटकारा पाने हेतु प्राचीन विद्वानों ,ऋषि -मुनियों द्वारा मन्त्रों की रचना की गयी । हर मन्त्र की रचना इस प्रकार होती है जिससे हर शब्द स्वर -व्यंजनों के जोड़ से सही बैठता है । अतः उन मन्त्रों के शुद्ध उच्चारण से कंठ से निकले हर मन्त्र के शब्दों के स्वर से ऐसा कम्पन पैदा होता है -----जिससे मस्तिष्क को जाती हर नाडी प्रभावित होती है । अतः इन उत्पन्न तरंगों द्वारा अन्तः स्रावी ग्रंथियां जैसे ---पिय्युटरी,पीनियल ,थाइराइड और पेरा थाइराइड तक पहुंच इनको उत्तेजित करती है । इस उत्तेजना से हर ग्रंथि अपना कार्य कुशलता पूर्वक कर शरीर के हर अंग में अपना योगदान देती है । जिससे स्वास्थ बना रहता है तथा शरीर सुचारू रूप से अपनी प्रतिरोध-क्षमता बढ़ता रहता है ।  
   ---इससे न केवल प्रतिरोध क्षमता बढती है ,बल्कि सामान्य बिमारियों से भी बचा जा सकता है । चार -वेद हैं । महामृत्युंजय मन्त्र ऋग्वेद से और गायत्री मन्त्र यजुर्वेद से हैं । 
      आलेख ----पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ -भारत } 

बुधवार, 10 जुलाई 2013

"यंत्र -मन्त्र एवं तंत्र क्या हैं ?"

"यंत्र -मन्त्र एवं तंत्र क्या हैं ?"
-----"मननात त्रायते यस्मात तस्मात् मन्त्रः प्रकीर्तितः ।
         जपात सिद्धिर्जपात सिद्दिर्न संशयः । ।
---मन्त्र ऐसे दिव्यशब्दों का समूह है ,जिसे दृढ इच्छाशक्तिपूर्वक उच्चारण एवं मनन से ही हम अलौकिक काम कर सकते हैं । चुने हुए गुप्त शब्द ही मन्त्र हैं । इनमें शब्दों का ऐसा क्रम दिया जाता है ,कि उनके मौन या अमौन अवस्था में उच्चारण मात्र से शून्य महाकाश में एक विचित्र कम्पन उत्पन्न होती है ,जिसमें अभिसिप्त कार्यसिद्धि एवं रचनात्मक प्रबल -प्रछिन्न शक्ति होती है -----।
   अस्तु ------मन्त्र शास्त्र के अनुसार वेदमन्त्रों को ब्रह्मा में शक्ति प्रदान की । तांत्रिक प्रयोगों को भगवान शिव ने शक्ति संपन्न किया । इसी प्रकार कलियुग में शिवावतार श्री शाबरनाथ जी ने शाबर मन्त्रों को अद्भुत शक्ति प्रदान की । शाबरमन्त्र अनमिल बेजोड़ शब्दों का एक समूह होता है ,जो कि अर्थहीन मालूम देते हैं ,परन्तु भगवान शंकर जी के प्रताप से ये मन्त्र अवन्ध्य प्रभाव रखते हैं ----
         "अनमिल आखर अर्थ न जापू । प्रकट प्रभाव महेश प्रतापू {रामचरित मानस }
नोट -यंत्र -मन्त्र एवं तंत्रों के योग्य बनें ,किसी गुरु के सान्निध्य में सिद्धि करें ,साथ ही गुप्तता रखें, तब फिर इनके चमत्कार से अपनी और जग की रक्षा करें ।
  ------प्रेषकः -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ -भारत }

मंगलवार, 9 जुलाई 2013

"हमारे शिशु स्वस्थ क्यों नहीं रहते ?"

"हमारे शिशु स्वस्थ क्यों नहीं रहते ?"
----बहुत मैले बिछौने पर अकेली जगह में छोटे बच्चे को सुला देने से  "पूतना "नाम राक्षसी का उसमें प्रवेश होने से बच्चा बीमार हो जाता है ।तब "पूतना "की बलि निकालने से स्वस्थ होता है बच्चा । -----जब कभी बच्चा बैठे -बैठे गिर पड़े ,या यूँ मालूम हो कि-किसी के पीटने से गिरा है और मूर्छा आ गई है अथवा एकाएक कोई रोग हो गया है तब जानो ,कि उसे "महापूतना "ने ग्रसा है । ----यदि कोई लाभादि के वश में आकर "वनदेवता "या "नागदेवता "का अपमान कर दे तो उसके बालक में "ऊर्ध्वपूतना"प्रवेश कर लेती है । -----यदि कोई मनुष्य अपनी ऋतूस्नाता स्त्री का गमन करने के बाद स्नान न करे या बिना ऋतु के संगम करके हाथ मूंह न धोवे और माता अपवित्र अवस्था में ही बालक के साथ सो जावे तो "बालक्रांता"नाम की राक्षसी का दोष होगा । ----बच्चे को इतर फुलेल और फूलमाला पहिनाकर बाहिर जाने से "रेवती ग्रही "का दोष होता है । -----सिर खुले ,जूठे बाल को संध्या के समय सोने से भी रेवती का प्रवेश हो जाता है बालक में । ----संध्या के समय जमीन पर सोने से अथवा खेलने से बालक को "पुष्य रेवती "का दोष होता है । ----कदाचित बालक खेलता -खेलता गिर जाये अथवा उसे उल्टी हो या हाथ -पांव नहीं धुले हों तब उसे "शुष्क रेवती "का आवेश होता है । -----जूठा खाने और देवता के स्थान पर मल -मूत्र करने से "शकुनि ग्रही "बालक को पकड़ लेती है ।
    ------भाव ----जो नित्यकर्म संध्या -वंदनादि नहीं करते या जो लोग पक्षियों को पालते हैं ,जन्मान्तर में उनके बालकों पर "शिशुमुडिका"राक्षसी का दोष हो जाता है । फिर उसका पूजन और बलि धूपादि दान करने से शांति होती है । ----नोट हम अपने आचरण और नियम का पालन करें तो हमारे बालक स्वस्थ रहेंगें ।
प्रेषकः -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ -भारत }
परामर्श शुल्क केवल सौ रूपये -----09897701636 समय -सुवह 8 से रात्रि -9 .30 तक ।

रविवार, 7 जुलाई 2013

"पति पत्नी में परस्पर स्नेह कैसे हो ?"{ज्योतिष विशेष }

"पति पत्नी में परस्पर स्नेह कैसे हो ?"{ज्योतिष विशेष }
-----"स्वगणे चोत्त्मा प्रीतिः स्यान्नर देवयोहः । असुरा मर्योर्वैरम मृतुर्मानुष राक्षसोह । ।
     ----दाम्पत्य जीवन परस्पर प्रेम और सरस युक्त होने पर ही उत्तम होता है --अन्यथा जीवन जीना दुर्लभ हो जाता है । ज्योतिष और ज्योतिषी निरंतर जनहित में सलाह देते रहते हैं --शायद इसलिए आज सभी  ज्योतिष के प्रति अटूट विस्वास करते हैं ।   अगर आप दाम्पत्य जीवन में बंधने वाले हैं तो कुंडली का निरिक्षण अवश्य करें ।
अस्तु ----वर -कन्या की परस्पर राशियाँ मेल खाती हों अर्थात -गुण ,धर्म और स्वभाव में समानता हो ,कुंडली मिलान में गुण -18 से अधिक मिलते हों साथ ही दोनों के जन्म नक्षत्र एक ही गण समूह के हों ---जैसे -देवगण का वर एवं देवगण की कन्या हो तो पति -पत्नी में विशेष स्नेह होता है ।
---दोनों मनुष्य गण के हों या दोनों राक्षस गण के हों तो भी दाम्पत्य जीवन सुखी रहता है । मनुष्य +देवगण वालों के सम्बन्ध को बहुत अच्छा माना जाता है । राक्षस +राक्षस गण वाले दोनों परस्पर लड़ते -झगड़ते तो हैं ,किन्तु परस्पर आपस में समझौता से जीवन जीते रहते हैं ।
-------उक्त श्लोक का भाव यह है ---वर +कन्या का सही कुंडलियाँ उपलब्ध हों तो लग्नेश +दोनों के सप्तमेश +दोनों की राशियों के स्वामी तथा नवमांश पतियों की स्थिति को जानकर ही विवाह करना चाहिए । जिनकी कुंडली उपलब्ध न हो तो नाम राशि उचित रखकर कन्यादान का संकल्प से भी सुखी रह सकते हैं ।
   नोट ---कुंडली का केवल आकलन न करें कर्मकांड का पालन से ही सुखी हो सकते हैं ।
प्रेषकः -ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }
परामर्श हेतु सूत्र -09897701636 -----{भारत में }

शनिवार, 6 जुलाई 2013

"जुलाई-13"देश -विदेशों में क्या -क्या हो सकता है{ज्योतिष-विशेष }?"

"जुलाई-13"देश -विदेशों में क्या -क्या हो सकता है{ज्योतिष-विशेष }?"
----"दिननाथेन्दु गुरुवःयदैकत्र समाश्रिता । उत्तरश्याम दिशि भयं प्रजाः क्रन्वन्ति नित्यशः । ।
अर्थात ----इस जुलाई माह के अग्रिम पक्ष में एक तो चार ग्रहों के योग अनिष्टकारी हैं ,साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्थिति तनावपूर्ण होगी । सीमा विवाद के कारण युद्ध के काले बादल मंडराने लगे तो आश्चर्य नहीं ।
    ----इन राशियों के संयोग से उत्तर दिशा में भय और आतंक का कारण भी बनेगा । देश के प्रहरियों को "कश्मीर "के मामले में सचेत रहना चाहिए । तुला --के शनि की क्रूर दृष्टि पश्चिमी देश-पाकिस्तान ,अफगानिस्तान ,ईरान ,इराक ,सऊदीअरब,तथा यूरोप के कुछ भागों पर पड़ रही है -इन तमाम जगहों पर किस समय कहाँ हालात बिगड़ जाये कुछ नहीं कहा जा सकता है --भाव -इन जगहों के स्वामियों को सतर्क और संयम से रहना उचित रहेगा । प्रभावी देश छोटे देशों पर दबाब बनाने का खूब प्रयास करेंगें ।
----------तेजी -मन्दी विचार ------इस वर्ष कर्क +मकर संक्रांतियां व्यापार के लिए अनिष्टकारी है ।
जैसे ---करक मकर दो बहिन हैं ,बैठे एकहिबार । कै परजा को पति मरे ,कै पड़ें अचिंत्योकार । ।
अर्थात -अकाल जैसी विषक परिस्थितियों में मंहगाई बहुत बढ़ेगी । साथ ही किसी देश का नायक नष्ट हो सकता है ।
 ------आकाश लक्षण ---गोचर ग्रहचाल के अनुसार जहां -तहां सभी जगहों पर न्यूनाधिक वर्षा का संयोग बनेगा । दो मास तक सिंह का शुक्र वर्षा में गतिरोधक करेगा ।
      जैसे --सिंह शुक्र जब होय भवानी । चले पवन नहीं वर्षत पानी । दक्षिण+पूरब +पश्चिम के सभी भागों में  अतिवृष्टि से क्षति भी होगी और कहीं -कहीं अल्प वृष्टि भी होगी । यातायात में बाधा पड़ेगी । गर्मी से कुछ राहत भी मिलेगी ।
  -----प्रेषकः पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ -भारत }
जानकारी हेतु उपलब्ध सूत्र -09897701636

शुक्रवार, 5 जुलाई 2013

"गुजरात और श्री मोदीजी{ज्योतिष विशेष =13+14 }

"गुजरात और श्री मोदीजी{ज्योतिष विशेष =13+14 }
-----"गुजरात" प्रान्त-की नाम राशि "कुम्भ "है । तदीश {स्वामी }"शनि "उच्चस्थ होकर भाग्य भवन में गमन करेगा ,-----जो कि इस वर्ष सर्वतोन्मुखी विकास ,टेक्नोलोजी और टेक्नीकल - उद्योगों को बढ़ावा देगा । वर्षा ले लाभान्वित होगा यह प्रान्त ,किन्तु प्राकृतिक आपदा से भी सावधान रहना होगा । जन धन की हानि के साथ -साथ आतंकित कुकृत्यों से सजग रहना होगा राज्य के प्रहरियों को तथा राज्य सरकार को !
  -----अस्तु -----मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी का सितारा बुलंद होगा क्योंकि उनकी कुंडली में शनि की विशेष दृष्टि और उच्स्थ शनि का होना साथ ही समवर्ष जन्म का लाभ भी {1950}मिलेगा । मई 2013-तक गुरु की विशेष दृष्टि से उच्चता के शिखर पर पहुंचे साथ ही "गुजरात "प्रान्त की बाहरी सीमा का स्पर्श भी करेंगें ।
      प्रेषकः पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ -भारत }
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गुरुवार, 4 जुलाई 2013

"राजस्थान "में "वसुंधरा राजे सिंधियाजी " {ज्योतिष -विशेष -13+14}

"राजस्थान "में "वसुंधरा राजे सिंधियाजी " {ज्योतिष -विशेष -13+14}
------"राजस्थान "प्रान्त- की नाम राशि तुला है । साथ ही इस वर्ष तुला में शनि +राहु का वर्चस्व बना रहेगा । "राहु "अपने स्वभाव के अनुसार राजनीति में उठा -पटक के चलते भारी रद्दोबदल करायेगा ।
    -------अस्तु ----सत्तारूढ़ दल को विघटनकारी असामाजिकतत्वों से निरंतर सतर्क रहना होगा । येन -केन प्रकारेण सरकार तो चलती रहेगी । किन्तु "राजस्थान" में --श्रीमति विजयाराजे सिंधियाजी का पुनः एकबार वर्चस्व बढेगा ।
   ------इस वर्ष "राजस्थान में वर्षा समय पर होगी । खेती में पर्याप्त उन्नति से कृषकों में उत्साह बढेगा ।
              { आगे-- "श्री हरि"- की कृपा क्योंकि सर्वग्य तो प्रभु ही हैं }
प्रेषकः -पंडित कन्हैयालाल शास्त्री [मेरठ -भारत }
            ज्योतिष परामर्श हेतु उपलब्ध -हेल्पलाइन -09897701636

बुधवार, 3 जुलाई 2013

"दिल्ली" में प्रभावी नेता की क्षति हो सकती है {ज्योतिष-विशेष-13+14}

"दिल्ली" में प्रभावी नेता की क्षति हो सकती है {ज्योतिष-विशेष-13+14}
-----भारत की राजधानी "दिल्ली" की राशि मीन है । तथा राशि के स्वामी "गुरु "वर्षारम्भ की "कुंडली" के केंद्र में अकेला बैठा है । अर्थात केन्द्रगत बलवान "गुरु "वर्तमान राज्य सरकार को बल प्रदान करेगा ।
           ----अस्तु -----विरोध के बावजूद भी सरकार चलती रहेगी अर्थात अडिग रहेगी । साथ ही अगले चुनाव में परिवर्तन भी होगा । इस वर्ष सरकारी तंत्र की अकर्मण्यता असुरक्षा की भावना बढ़ेगी । बिजली ,पानी ,रसोईगैस ,रोजमर्रा की चीजें समयोचित न मिलने से चौतरफा हो हल्ला मचेगा । मंहगाई की मार झेलनी पड़ेगी सरकार को ।
-------वर्षारम्भ "कुंडली "के आठवें भाव में राज्य का कर्ता "सूर्य "पंचग्रही योग में विकल है {पीड़ित है }--जो कि राजतन्त्र में विघटन -भारी फेरबदल करा सकता है । साथ ही प्रभावी नेता का देहावसान राष्ट्र को अखरेगा । आतंकी कुकृत्या ,प्राकृतिक महोत्पात ,भयंकर रोग इत्यादि से राजधानी "दिल्ली "पीड़ित रहेगी । सर्वहारा वर्ग के हित में सरकारी तौर पर कठोर से कठोर उठाये जा सकते हैं । "दिल्ली " में उद्योग धंधे स्थानांतरण करने ,जल विभाग ,टेलीफ़ोन ,चिकित्सा तथा परिवहन व्यवस्था का निजीकरण करने एवं कालोनियों को पक्की न करने को लेकर सरकार के खिलाफ जगह -जगह आन्दोलन हो सकते हैं ।
   बढती जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए सरकार नया कदम उठा सकती है ---आगे सर्वग्य तो प्रभु ही हैं !
        ------प्रेषकः -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री [मेरठ -भारत }

मंगलवार, 2 जुलाई 2013

"उत्तराखंड" में सत्ताहस्तान्तरण होगा !{ज्योतिष -विशेष -13+14 }

"उत्तराखंड" में सत्ताहस्तान्तरण होगा !{ज्योतिष -विशेष -13+14 }
----उत्तराखंड  राज्य -की राशि -वृष है । वर्ष प्रवेश कुंडली के केंद्र दशम भाव में बैठा "गुरु "है ,जो कि सत्तासीन पार्टी को बल प्रदान तो करेगा --किन्तु ज्योतिष की उक्ति है जहाँ देवगुरु बैठते हैं उस स्थान की हानि होती है अतः सत्तासीन पार्टी को सचेत भी रहना होगा ।
    --------हमने संवत -2070 में होने वाली घटनाओं पर लेख लिखे थे ये आज भी उपलब्ध है पेज -ज्योतिष सेवा सदन {पंडित कन्हैया लाल झा शास्त्री }-मेरठ---में ------!
    अस्तु -------इस वर्ष उत्तराखंड में प्रतिमास कहीं न कहीं वर्षा होती रहेगी । कहीं बर्फबारी होने ,तूफान आने झंझाबात ,दुर्दिन ,भूकंप भूस्खलन के कारण भरी क्षति होगी । नदियों के जलप्रवाह गतिरोधक बांध के कारण क्षति तो हुई ही किन्तु पुनः ---भुमिखनन आदि को लेकर जनान्दोलन होते रहेंगें । आन्दोलन से जुड़े दो भक्त गंगा मैया के काल के गाल में समा सकते हैं {निर्दोष भक्त समा चुके हैं }
  -----चीन सैन्यबल प्रयोग कर सकता है । राज्य सरकार ,देश के प्रहरियों को सचेत रहना चाहिये । उत्तराखंड  राज्य में सत्ता हस्तान्तरण की आवाज बुलंद होगी । सत्तारूढ़ दल में फेरबदल के योग बनेंगें ।
        {ज्योतिष सेवा सदन --उन सभी शिव भक्तों जो काल के गाल में समा चुके हैं की आत्माओं को शांति मिले तथा उन सबके परिवारों को इस कठिन परिस्थियीं से नया जीवन जीने की क्षमता भोले नाथ पुनः प्रदान करें ---यही प्रार्थना हमारी भोले नाथ जी से है }
    प्रेषकः -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ -भारत }
 

सोमवार, 1 जुलाई 2013

उत्तर प्रदेश में खुशिहाली के साथ अशांति भी !-{ज्योतिष विशेष -13+14 }

उत्तर प्रदेश में खुशिहाली के साथ अशांति भी !-{ज्योतिष विशेष -13+14 }
----उत्तरप्रदेश  -की वृष राशि है तथा स्वामी शुक्र वर्ष प्रवेश कुंडली के आठवें अर्थात त्रिक स्थान में पंचगृही योग में विकल {पीड़ित }है । कुंडली के भाग्य स्थान में केतु शनि से दृष्ट है -------
     ---अर्थात येन -केन प्रकार से समाजवादी पार्टी के नवोदित नेता मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी की सरकार तो चलती रहेगी --किन्तु डगर जोखिम भरी होगी । राज्य में प्रगति विशेष होगी परन्तु राज्य में सभी जगह अशांति भी रहेगी । जैसे -हिंसा ,चोरी ,डकैती ,लूटपाट धोखाधड़ी के साथ -साथ आतंकियों का भी बोलबाला रहेगा ।
   -----विरोधी राजनेता राज्य में अव्यवस्था बनाने में लगे रहेंगें । संवत -2070---में चुनावी सरगर्मी तो चलेगी ही पृथक राज्य बनाने की आवाज बुलंद भी होगी । राज्य के कर्ता -धर्ता नेताओं को आस्तीन के छिपे विषधरों से भी सचेत रहना होगा- अन्यथा भीतरघात ले डूबेगा ।
   -----प्रदेश में ---कहीं अत्यधिक वर्षा तो कहीं बाढ़ तो कहीं भूकंप के साथ -साथ सूखा पड़ने से राज्य को भारी क्षति भी होगी । ----आगे हरि कृपा !
     ------प्रेषकः -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ -भारत }