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शुक्रवार, 29 मार्च 2013

"शनि की साढ़ेसाती विचार -कुंडली में आपके पैरों के प्रभाव ?

-जिस राशि में शनि भ्रमण करता है उससे बारहवी और दूसरी राशि को  भी त्रस्त {पीड़ित}  करता है |तीन राशियों का भोगकाल साढ़ेसात वर्षों का होता है |शनि की साढ़ेसाती लगने से -१०० दिनों तक जातक के मुख पर प्रभाव रहता है --ये हानिकारक होता है |ऐसे ही ४०० दिनों तक दक्षिण भुजा  पर शनि का प्रभाव रहता है --जो जातक को विजय दिलाता है | ६०० दिनों तक जातक के चरणों में शनि का प्रभाव रहता है -जो जातक को यत्र -तत्र भ्रमण कराता रहता है | ४०० दिनों तक वामभुजा के ऊपर शनि का प्रभाव रहता है -जो जातक को -दुःख प्रदान करता है | ५०० दिनों तक जातक के उदार पर शनि का प्रभाव रहता है -जो जातक को लाभ देता है | ३०० दिनों तक जातक के मस्तक पर शनि का प्रभाव रहता है-जो जातक को राज्य का लाभ दिलाता है | २०० दिनों तक जातक के नेत्रों पर शनि का प्रभाव रहता है -जो जातक को दुःख प्रदान करता है |२०० दिनों तक गुदा में प्रभाव रहता है शनि का -जो जातक को दुःख प्रदान करता है --इस प्रकार से २७०० दिनों तक शनि की साढ़ेसाती रहती है -जो समयानुसार -क्रम से जातक को लाभ या हानी देती है ||
----जातक के जन्म होते ही अभिभावक -अपने शिशु के पैर की कुंडली में प्रभाव देखते है --जब जातक जन्म लेता है -तो चंद्रमा की स्थिति से पैरों की जानकारी मिलती है -कुंडली के -१,६,११ भाव में चन्द्रमा हो तो -शिशु के स्वर्ण पैर होते हैं -प्रभाव -हानिकारक माना जाता है |२,५,९ भाव में चन्द्रमा होने से -रजत पैर माने जाते हैं -जो लाभदायक होते हैं |३,७,१० भाव में चन्द्रमा होने पर -ताम्बे के पैर होते हैं जो -उत्तम माने जाते हैं | ४,८,१२ भाव में चन्द्रमा होने पर -लोहे के पैर माने जाते हैं -जो हानिकारक होते हैं |
   ----"{लोहे धन विनाशः स्यान्सर्व सौखयम च } ---भवदीय -पंडित कन्हैयालाल " झा  शास्त्री " {निःशुल्क ज्योतिष सेवा एकबार संपर्क सूत्र द्वारा फेसबुक पर मित्र बनकर प्राप्त कोई भी कर सकते हैं -9 8 9 7 7 0 1 6 3 6 +9 3 5 8 8 8 5 6 1 6 3 6 ---

"अपनी आय की जानकारी "कुंडली " के एकादश भाव से खुद जानें ?"

"अपनी आय की जानकारी "कुंडली " के एकादश भाव से खुद जानें ?"
"प्राचीन काल में -आय की चिंता माता -पिता  को विशेष होती थी ! इस समय आय की चिंता जातक को विशेष होती है ,और होनी भी चाहिये  ,जब हम ज्योतिष की कुंडली के एकादश भाव का चिंतन करते हैं ,तो हमें आय के साधन एवं कितनी होगी आमदनी की जानकारी मिलती है | यूं तो =कुंडली के द्वितीय भाव से भी धन की
जानकारी मिलती है ,किन्तु ="अर्थागमोनित्य"-भाव - आपके पास धन भले ही कितना ही क्यों न हो किन्तु जो धन नित्य प्राप्त होता है उस धन में सुख मिलता है न कि स्थायी धन से | आपके पास चाहे कुंडली हो या न हो -यदि ,मेष या वृश्चिक आपकी राशि है तो २८ साल में भाग्योदय होगा-व्यवसाय आप ,लकड़ी ,तकनीकी ,शिक्षा ,भूमि ,अग्नि संबधी ,एवं सेना क्षेत्र में विशेष लाभ पा सकते हैं ||-वृष या तुला राशि आपकी हो- तो धन आयेगा किन्तु तुलनात्मक भाव से-विशेष प्रगति २६ साल से होगी ||-व्यवसाय आप -कूटनीति ,उद्योग ,सफेद चीज ,न्याय विभाग , तकनीकी की खोज एवं कला के क्षेत्र में आप विशेष सफल हो सकते हैं || कर्क या सिंह  राशि हो -तो भाग्योदय २४ साल के उपरांत होगा ||व्यवसाय आप -राजनीति ,,खोज ,दवाई  ,लकड़ी  ,एवं स्वतंत्र क्षेत्र में आप सफल हो सकते हैं ||-मिथुन या कन्या राशि आपकी है तो -भाग्योदय -३० साल के उपरान्त विशष होगा ||-व्यवसाय आप -तकनीकी ,कला ,संगीत ,व्यापर ,सोंदर्य प्रसाधन ,सामूहिक कार्ज़ ,तथा युगल जोड़ी से व्यवसाय के क्षेत्र में विशेष सफल हो सकते हैं ||-मकर या कुम्भ आपकी राशि हो तो भाग्योदय -३२ साल उपरांत विशेष होगा ||-व्यसाय आप -लोह ,कोयला ,तेल ,तकनीकी ,शेयर मार्केट ,स्वर्ण ,उद्योग ,चमड़ा विज्ञान के क्षेत्र में विशेष सफल होगें || -धनु या मीन राशि आपकी है-तो आप भाग्योदय -२२ साल के बाद शुरू होगा || व्यवसाय आप -शिक्षा ,तकनीकी ,घी ,नेता , मंत्री , पिली वस्तु के उद्योग में विशेष सफल हो सकते हैं ||
भाव -कभी -कभी कुछ दोष के कारण हम किसी भी कार्ज़ में सफल नहीं हो पाते हैं ,और कभी हमें अनायास ही सफलता भी मिल जाती है ,इसके लिये हमें "कुंडली "का अबलोकन जरुर करना पड़ता है ||
        प्रेषकः --ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }

गुरुवार, 28 मार्च 2013

"अर्पण या समर्पण ,किन्तु है ये घमर्थन?"

  "अर्पण या समर्पण ,किन्तु है ये घमर्थन?"
 ----  मित्र प्रवर ,राम -राम,नमस्कार ,प्रणाम ।
          ----संसार की सभी वस्तुएं निरर्थक है ,ये हम सभी जानते हैं ,किन्तु जीने की "कला "सबकी अलग -अलग होती है | वर्तमान ही भूत एवं भविष्य बन जाता हैं ,और सभी जीव इन तमाम बातों को जानते हुये भी उलझते रहते हैं | हमें आवश्यकता के आगे सत्य भी असत्य सा प्रतीत होता है ||
                --- अर्पण =हमारा जीवन सुखमय कैसे हो इसके लिए हम बहुत से यत्न और प्रयत्न करते रहते हैं | इसके लिए हम -अपने अभिभावक ,मार्गदर्शक एवं ऊपर वाले के ऊपर अटूट आस्था रखते हैं ,उनके बताये हुये मार्ग पर चलते हैं और अपनी संतानों को चलने की प्रेरणा भी देते हैं || किन्तु ये जो हमारा अर्पण है ,वो वास्तविक रूप से अलग हो रहा है |जैसे - माता -पिता,भाई बंधुओं ,अभिभावोकों ,शिक्षक ,तथा गुरु के ऊपर यकीन न करके -उनके ऊपर यकीन कर लेते हैं ,जिनको हम जानते तक नहीं है -उनके विचार को हम सुविचार मानते हैं -जो हमारा हित [कल्याण ] कभी नहीं कर सकते हैं ||
            ---- समर्पण =जब हम दूरदर्शन [टी, व़ी] चलचित्र [सिनेमा ] नेट -[जाल ] के आदि हो गये हैं ,तो निशचित ही मूल रूप को पहचानते हुये  भी -वही राह अपनाते हैं जो दीखता तो उत्तम है ,किन्तु है असत्य का प्रतीक -जैसे -किसी भी वस्तु का मूल रूप तो सत्य होता है -परन्तु परिवर्तन होने से नष्टकारी अर्थात बेकार हो जाता है |जैसे -गेहूं सत्य है किन्तु भोजन के लिए उसका परिवर्तन होता है -गेहूं से आटा एवं आटा से रोटी बनते ही उसका समय सीमित हो जाता है| जब हम चलचित्र देखते हैं -तो ये बातें काल्पनिक है ये हम सभी जानते हैं -किन्तु -मानते उसे सत्य हैं | यही हमारा समर्पण हमें तो भ्रमित करता ही है ,समाज को भी इसी ओर ले जा रहा है ||
              ---- घमर्थन =हम अपने जीवन के मूल रूप को  पहचानते तो हैं ,किंतु उस पथ पर चलने की कोशिश नहीं करते हैं | माता -पिता से उत्तम शुभ चिन्तक ,गुरु से उत्तम मार्गदर्शक ,अपने भाई -बंधुओं से सुन्दर प्रेम , अपने पुरोहित से उत्तम पूजा ,अपने आराध्यदेव से उत्तम देव ,अपने घर से सुन्दर घर ,अपनी संस्कृति से सुन्दर व्यवहार ,अपनी पतनी से सुदर पतनी ,कोई नहीं है ||अर्थात -ये लड़ाई ,या झगडा की चीज नहीं है -ये आत्मा से स्वीकार करने की बात है ||
                                    भवदीय निवेदक "झा शास्त्री "मेरठ [भारत ]
निःशुल्क ज्योतिष सेवा रात्रि ८ से प्राप्त करें ||-सम्पर्कसूत्र -.09358885616+9897701636

बुधवार, 27 मार्च 2013

"प्रचार का अभिप्राय -प्रसार है न कि शर्मसार ?"

"प्रचार का अभिप्राय -प्रसार है न कि शर्मसार ?"
---मित्रप्रवर ,राम राम ,नमस्कार ||
 प्रचार का अर्थ प्रसार होता है ,किन्तु उसका प्रसार तभी संभव होता है ,जब अपने गुण {गुणबत्ता }के कारण लोगों के दिल में अपनी जगह बना लेता है ,किन्तु इसमें समय लगता है ,इसके लिए अपना परिश्रम ,लगन ,विस्वास ,धन के साथ -साथ उपर वाले एवं भाग्य की भी आवशयकता होती है | यदि इन तमाम बातों में से एक भी कम हो जाय तो प्रचार नहीं -शर्मसार हो जाता है ||
 ---- कभी हमलोग सादगी जीवन बिताते थे -तो कारण अनभिज्ञता थी | आज हम अलौकिक जीवन जीते हैं -तो वजह प्रचार ही है |चाहे -परिधान हो ,अलंकरण की वस्तुएं हो ,या रोजमर्रा की चीजें ही क्यों न हो -प्रचार ने हमें -अपने में समेट लिया है ,हम चाहकर भी अपने जीवन में कटोती नहीं कर पाते हैं ||
     ---ज्योतिष एवं ज्योतिषी भी अपने आपको नहीं रोक पाये  ,समय की धारा ने हमें भी अपनी और खीच ली | किन्तु यदि हम -ज्योतिष अर्थात- नेत्र ,नेत्र अर्थात -तेज ,अपने तेज ,अपनी शक्ति के बल पर लोगों के ह्रदय में जगह बना सकते हैं -इसके लिए कर्मठ होना पड़ेगा ,सहनशील भी बनना पड़ेगा ,तप और साधना के द्वरा अपनी डगर पर अडिग रहना पड़ेगा |तभी हम भी प्रचार का प्रसार करेंगें नहीं तो -शर्मसार ही करेंगें ||--यह ज्योतिष सेवा सदन -आपकी सेवा में तत्पर रहता हैं ,रात्रि ८ से ९  सम्पर्कसूत्र द्वरा |
---हम आने वाले सभी मित्रों का निस्वार्थ सेवा करेंगें ,सभी आगंतुक मित्रों का निष्पक्ष मदद करेंगें ,सही राह दिखाएंगें , हम भेद भाव रहित सेवा करते हैं करते रहेंगें ||
    {१}-आप से जुड़कर ,आपके हित के लिए बताकर हमें प्रसन्नता होती है ,किन्तु आप के सहयोग के बिना हम अकेले यह सेवा नहीं कर पायेंगें ,इसलिए ऑनलाइन सेवा नहीं मिलने पर सम्पर्कसूत्र से सेवा लें, सबको सेवा मिलेगी ,देर हो सकती है ||
     {२}-किन्तु -ज्योतिष की सेवा के लिए -ज्योतिष के प्रति आस्था ,विस्वास होने चाहिए ,अन्यथा सेवा न लें ,क्योंकि आप और हम -महर्षियों की जो अद्भुत देन है ,गुरुओं की जो साधना है -उस मार्ग को धन से नहीं विस्वास से ही प्राप्त कर सकते हैं ||----{ भवदीय निवेदक "झा शास्त्री {मेरठ -उत्तर प्रदेश } सम्पर्कसूत्र -,09358885616 +0997701636 

सोमवार, 25 मार्च 2013

"शिवलिंग पूजन का प्रारंभ एवं महत्त्व को जानने की कोशिश करते हैं !"

"शिवलिंग पूजन का प्रारंभ एवं महत्त्व को जानने की कोशिश करते हैं !"
-----दक्ष -प्रजापति ने अपने यग्य में 'शिव" का भाग नहीं रखा ,जिससे कुपित होकर -माँ पार्वती ने दक्ष के यग्य मंडप में योगाग्नि द्वारा अपना शरीर को भस्म कर दिया |यह विदित होने के बाद  -भगवान् "शिव"अत्यंत  क्रुद्ध हो गए एवं नग्न होकर पृथ्वी पर भ्रमण करने लगे | एक दिन वह [शिव ] नग्नावस्था में ही ब्राह्मणों की नगरी में पहुँच गए | शिवजी के नग्न स्वरूप को देखकर भूदेव की स्रियां[भार्या ] उन पर मोहित हो गईं| स्त्रियों की मोहित अवस्था को देखकर ब्राह्मणों ने शिवजी को शाप दे दिया कि-ये लिंग विहीन तत्काल हो जाएँ एवं शिवजी शाप से युक्त भी हो गए ,जिस कारण  से तीनों लोकों में घोर उत्पात होने लगा |
---समस्त देव ,ऋषि ,मुनि व्याकुल होकर ब्रह्माजी की शरण में गए | ब्रह्मा ने योगबल से शिवलिंग के अलग होने का कारण जान लिया और समस्त देवताओं ,ऋषियों ,एवं मुनियों को साथ लेकर शिवजी के पास गए -ब्रह्मा ने शिवजी से प्रार्थना की कि -आप अपने लिंग को पुनः धारण करें -अन्यथा तीनों लोक नष्ट हो जायेंगें | स्तुति को सुनकर -भगवान् शिव बोले -आज से सभी लोग मेरे लिंग की पूजा प्रारंभ कर दें ,तो मैं अपने लिंग को धारण कर लूँगा | शिवजी की बात सुनकर सर्वप्रथम ब्रह्मा ने सुवर्ण का शिवलिंग बनाकर उसका पूजन किया | पश्चात देवताओं ,ऋषियों और मुनियों ने  शिवलिंग बनाकर पूजन किया | तभी से शिवलिंग के पूजन का प्रारंभ हुआ ||जो लोग किसी तीर्थ में -मृतिका - के शिवलिंग बनाकर -उनका हजार बार अथवा लाख या करोड़ बार सविधि पूजन करते हैं-वे शिव स्वरूप हो जाते हैं || जो मनुष्य तीर्थ में मिटटी ,भस्म ,गोबर अथवा बालू का शिवलिंग बनाकर एक बार भी उसका सविधि पूजन करता है -वह दस हजार कल्प तक स्वर्ग में निवास करता है ||-शिवलिंग का विधि पूर्वक पूजन करने से -मनुष्य -संतान ,धन ,धान्य  ,विद्या ,ज्ञान ,सद बुद्धि ,दीर्घायु ,और मोक्ष की प्राप्ति करता है ||--जिस स्थान पर शिवलिंग का पूजन होता है ,वह तीर्थ नहीं होते हुआ भी तीर्थ बन जाता है | जिस स्थान पर शिवलिंग का पूजन होता है ,उस स्थान पर जिस मनुष्य की मृत्यु होती है-वह शिवलोक को प्राप्त  करता है | जो शिव -शिव ,शिव नाम का उच्चारण करता है -वह परम पवित्र एवं परम श्रेष्ठ हो जाता है ||--भाव -जो मनुष्य शिव -शिव का स्मरण करते हुए प्राण त्याग देता है -वह अपने करोड़ों जन्म के पापों से मुक्त होकर शिवलोक को प्राप्त करता है ||
शिव =का - अर्थ है -कल्याण || "शिव "यह दो अक्षरों वाला नाम परब्रह्मस्वरूप एवं तारक है इससे भिन्न और कोई दूसरा तारक नहीं है --{"तारकं ब्रह्म परमं शिव इत्य्क्षर द्वयं |नैतस्मादपरम किंचित तारकं ब्रह्म सर्वथा ||}
--भवदीय निवेदक "झा शास्त्री " मेरठ [उ0प 0]
निःशुल्क ज्योतिष सेवा रात्रि ८ से ९ संपर्क सूत्र द्वारा प्राप्त करें--= -09897701636+9358885616 

शनिवार, 23 मार्च 2013

"अहोरात्र अर्थात "होरा चक्र से सप्तवारों का सम्बन्ध जानते हैं ?"

"अहोरात्र अर्थात "होरा चक्र से सप्तवारों का सम्बन्ध जानते हैं ?"
आकाश मंडल में शनि गुरु [बृहस्पति ],मंगल ,रवि ,शुक्र बुध और चंद्रमा ,इन सातों ग्रहों की स्थिति क्रमशः एक दुसरे से नीचे मानी गई है,अर्थात शनि की कक्षा सबसे ऊपर है |शनि से नीचे गुरु ,गुरु से नीचे मंगल ,मंगल से नीचे सूर्य ,सूर्य से नीचे शुक्र ,शुक्र से नीचे बुध तथा बुध से नीचे चंद्रमा की कक्षा है ||
एक दिन -रात्र में २४ होराएँ होती हैं ,अर्थात प्रत्येक होरा १ घंटे के बराबर होती है | घंटे का दूसरा नाम "होरा "है ,यह भी कहा जा सकता है | प्रत्येक होरा का स्वामी नीचे की कक्षा के क्रम से एकेक ग्रह होता है ||
सृष्टि के प्रारंभ में सबसे पहले "सूर्य " दिखलाई पड़ता है ,अतः पहली होरा का स्वामी सूर्य को माना गया है,इसलिए सृष्टि का पहला दिन सूर्य के दिन रविवार ,के नाम से पुकारा जाता है | उसके पश्चात प्रत्येक होरा [घंटे ] पर एकेक ग्रह का अधिकार रहता है ,अर्थात उस दिन की दूसरी होरा का स्वामी सूर्य के समीप वाला ग्रह "शुक्र ",इसी प्रकार तीसरी होरा का स्वामी बुध ,चौथी होरा का स्वामी -चंद्रमा ,पांचवीं होरा का स्वामी -शनि ,छठी होरा का स्वामी -गुरु ,सातवीं होरा का स्वामी -मंगल ,आठवीं होरा का स्वामी फिर से सूर्य ,नौवीं होरा का स्वामी फिर शुक्र ,दसवीं होरा का स्वामी फिर बुध ,इसी प्रकार क्रम चलता रहता है | पहले दिन की होरा सूर्य से आरम्भ होती है तथा २४ विन बुध पर समाप्त होती है |\
दुसरे दिन की पहली होरा का स्वामी उपर्युक्त क्रम से चंद्रमा होता है ,अतः दुसरे दिन को चंद्रवार अथवा सोमवार कहा जाता है |इसी क्रम से तीसरे दिन की पहली होरा का स्वामी मंगल होता है अतः उसदिन को मंगलवार कहा जाता है | चौथे दिन की पहली होरा का स्वामी बुध होता है ,अतः उस दिन को बुधवार कहा जाता है |पांचवे दिन की पहली होरा का स्वामी गुरु होता है ,अतः उस दिन को गुरूवार कहा जाता है |छठे दिन की पहली होरा का स्वामी शुक्र होता है ,अतः उस दिन को शुक्रवार कहा जाता है |सातवे दिन की पहली होरा का स्वामी शनि होता है ,अतः उस दिन को शनिवार कहा जाता है ||
        नोट - -इसी क्रम से आठवे दिन की पहली होरा -सूर्य आ जाती है ,अतः आठवा दिन फिर रविवार के नाम से पुकारा जाता है इसी प्रकार क्रमशः [१]-सूर्य ,[२]-चन्द्र ,[३]-मंगल ,[४]-बुध ,[५]-गुरु ,[६]-शुक्र ,[७]-शनि ये सातों ग्रह दिन की पहली होरा के स्वामी होते हैं | यह क्रम निरंतर चलता रहता है ,इसलिए इन सातों  ग्रहों की प्रथम होरा के आधार पर सात  दिनों [सप्ताह ]के नाम रखे गये हैं ||
        भवदीय निवेदक -ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "----निःशुल्क ज्योतिष सेवा रात्रि ८ से ९ मित्रता से प्राप्त करें ||संपर्क सूत्र -9897701636,09358885616---

शुक्रवार, 22 मार्च 2013

"शारीरिक अवयव और राशि मंडल ?"---

"शारीरिक अवयव और राशि  मंडल ?"---
        ----"ज्योतिष को नेत्र की उपाधि से विभूषित किया गया है| साथ ही हमारे अवयवों पर भी ज्योतिष के ग्रहों का प्रभाव पड़ता है ,यदि कुंडली के किसी भाव में शक्ति विहीन ग्रह हों तो -उस स्थान की पीड़ा हमें सहनी पड़ती है या किसी भाव में बलिष्ठ ग्रह हों - तो -उस स्थान या उस स्थान के अवयव हमें प्रसन्नता प्रदान करते हैं "!!
      अस्तु -भचक्र में स्थित १२ राशियों के समस्त राशि  -मंडल को एक बृहत् [विराट ] काल पुरुष मानते हुए -मेष को -शिर ,वृष को-मुख ,मिथुन को बाहु तथा गला या बक्षस्थल ,कर्क -को ह्रदय ,सिह को -पेट ,कन्या - राशि  को-पेट का नीचे का भाग -कटी [कमर ],तुला को वस्ति ,तथा जननेंद्रिय ,वृश्चिक को गुदा ,धनु को -कुल्हे तथा जांघ ,मकर को घुटने ,कुम्भ को -पिंडलियाँ और मीन को पैर =यह शरीर  के बाहरी अवयवों का विभाग है |=भीतरी अवयवों पर भी १२ राशियों का क्रमशः निम्नलिखित प्रकार से आधिपत्य पड़ता है या रहता है ||
[१] मेष -मस्तिक [दिमाग ]|[२]-वृष -कंठ की नली [टांसिल ][३]-मिथुन -फेफड़े [स्वास लेना ][४]-कर्क -पाचन शक्ति[५]-सिह -ह्रदय |[६]-कन्या -अन्तरियां-[पेट के भीतर का निचला भाग ][७]-तुला -गुर्दे[८]-वृश्चिक -मूत्रेंद्रिय ,जननेंद्रिय |[९]धनु -अनायु -मंडल तथा नसें जिनमें रक्त प्रवाहित होता रहता है |[१०]-मकर -हड्डियाँ तथा अंगों के जोड़ |[११]-कुम्भ -रक्त तथा रक्त प्रवाह |[१२]-शारीर में सर्वत्र [सभी जगह ] कफोत्पादन |
   -----भाव -जन्म के समय -जिस राशि  में शुभ ग्रह होते हैं ,शरीर का वो भाग पुष्ट [सुन्दर ] होता है | तथा जिस भाव में पापग्रह या नीच ग्रह होते हैं -शरीर  का उससे से सम्बंधित भाग कृष या रोगयुक्त ,एवं पीड़ित होता है ||
     ----भवदीय निवेदक "झा शास्त्री"
निःशुल्क "ज्योतिष "सेवा रात्रि ८ से ९ मित्रता से प्राप्त करें ||{एकबार }
संपर्क सूत्र -09897701636,09358885616,

गुरुवार, 21 मार्च 2013

" विशाल नभ की परिधि -२७ नक्षत्र एवं नवग्रह हैं- क्यों ?"

" विशाल नभ की परिधि -२७ नक्षत्र एवं नवग्रह हैं- क्यों ?"
इस विराट आकाश में असंख्य तारागण हैं,तो फिर भारतीय ज्योतिष ने अपने गणित एवं फलित आदि में २७ नक्षत्र और ९ ग्रहों को ही प्रधानता क्यों दी है ? यह शंका आपके मन में  उत्पन्न हो सकती है -तो आपकी इस शंका का समाधान के लिए ज्योतिष के ग्रंथो में हमने अनुभव किया -
 ---- आकाश में एक प्रायः गोल मार्ग है | इस मार्ग में पृथ्वी १,१०० मील प्रति घंटे की गति से निरंतर चक्कर लगाया करती है |--आकाश में कोई सड़क -मार्ग तो है नहीं , न ही वहां मील के मापक पत्थर ही लगे हैं ,तब यह कैसे पता चले कि पृथ्वी कितना चल चुकी है और अब कहाँ है ? इस समस्या को हल करने के लिए ,जिस मार्ग पर पृथ्वी घुमती है,उस पर या उसके आसपास स्थित नक्षत्रों को चुन लिया गया है | ये स्थिर नक्षत्र हैं | ग्रह तो घूमते रहते हैं किन्तु नक्षत्र अपने स्थान पर स्थिर रहते हैं |
      ----इन नक्षत्रों से वो ही काम लिया जाता है ,जो दूरी जानने के लिए मील के पत्थरों से लिया जाता है | इस प्रकार पृथ्वी के गोलाकार मार्ग को २७ नक्षत्रों में बाँटने की व्यवस्था इसलिए की गयी है ,जिससे कि आकाश में निश्चित स्थान का निर्देश किया जा सके | एक विशेष बात यह भी है कि आकाश -मंडल में असंख्य तारों के समूहों द्वारा जो विभिन्न प्रकार की आकृतियाँ बनती हैं ,उन्हीं आकृतियों ,अर्थात ताराओं के समूह को नक्षत्र कहा जाता है ,तथा प्रत्येक नक्षत्र का नाम रख दिया है -
[१]अश्विनी [२]-भरणी[३]-कृतिका [४]-रोहिणी [५]-मृगशिरा [६]-आर्द्रा[७]-पुनर्वसु [८]-पुष्य [९]-आश्लेषा [१०]-मघा [११]-पूर्वाफाल्गुनी [१२]-उत्तराफाल्गुनी [१३]-हस्त [१४]-चित्रा [१५]-स्वाति [१६]-विशाखा [१७]-अनुराधा [१८]-ज्येष्ठा [१९]-मूल [२०]-पूर्वाषाढ़ा [२१]-उत्तराषाधा [२२]-श्रावण [२३]-धनिष्ठा [२४]-शतभिषा [२५]-पूर्वाभाद्रपद [२६]उत्तराभाद्रपद [२७]-रेवती ||
-------नोट किसी समय वैदिक काल में उत्तराशाधा और श्रवण के बीच में अभिजीत नामक नक्षत्र की गणना और की जाती थी | किन्तु अब २७ नक्षत्रों के अतिरिक्त २८ वन नक्षत्र "अभिजीत " भी माना जाता है | उत्तराषाधा की अंतिम १८ घटी तथा श्रवण के प्रारंभ की ४ घटी ,इस प्रकार कुल १९ घाटियों के मान वाला नक्षत्र अभिजीत है | सामान्यतः -१ नक्षत्र की ६० घटी होता है ||
      ---निवेदक ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री " मेरठ |
संपर्कसूत्र -9897701636+9358885616--,निःशुल्क ज्योतिष सेवा रात्रि ८ से ९ ऑनलाइन प्राप्त करें{एकबार }

शुक्रवार, 1 मार्च 2013

"ज्ञान प्रदाता ,अविष्कार कर्ता होती है -मीन -राशि {-2013=विशेष ]"

"ज्ञान प्रदाता ,अविष्कार कर्ता होती है -मीन -राशि {-2013=विशेष ]"-----वर्ष -2013 में --बनते -बिगड़ते परिवेश में नये रास्ते मिलेंगें ।दोस्त आपका मन चाहा मदद करेंगें ।आलस्य और प्रमाद से बचें ।अभिभावक तथा अधिकारीयों की हाँ में हाँ मिलाने में हित होगा ।सामजिक और राजनितिक क्षेत्र में दबदबा बना रहेगा ।धन प्राप्ति का नया मार्ग मिलेगा ।दोस्त ,सगे सम्बन्धियों से प्रेम बढेगा ।देश -विदेश की सुखद यात्रा होगी ।चल -अचल संपत्ति का विशेष योग है ।मंगलोत्सव से सालभर प्रसन्नता रहेगी ।रचनात्मक कार्यों में रुझान बढेगा ।दिया हुआ सामान या धन देर से जरुर मिलेगा ।समय के साथ कार्य उचित रहेगा करना ।अनजान लोगों से दोस्ती न करें अहित होगा ।पशु ,वाहन ,वाहन ,भवन इत्यादि का विस्तार होगा ।पुराना विवाद को समयानुसार सुलझा लें ।अनावश्यक परिचर्चा से बचें ।भौतिक सुखोपभोग की वस्तु खरीदेंगें ।अतीत के सन्दर्भ में अनुसंधान से लाभ होगा ।स्वास्थ के साथ समझौता न करें अहित होगा ।खरीद -फ़रोख्त के कारोबार में लाभ होगा ।घर में मेहमान के आगमन से नई ख़ुशी मिलेगी ।संतान सुख की प्राप्ति होगी ।राजकीय सहयोग अपर्याप्त रहेगा ।लम्बी लाभकारी योजना में धन का व्यय होगा ।साझीदार कुछ गड़बड़ी करेंगें ।घर -परिवार में लगे रहेंगें सालभर ---नव वर्ष मंगलमय हो ?"
   नोट ------धन ,स्वास्थ ,सम्पत्ति ,माता ,सही रहे सके लिए -----{1}पुखराज या सुनहला स्वर्ण में धारण करें --धनाभाव हो तो -----स्वर्ण ,रजत और ताम्र का छल्ला पुष्य नक्षत्र में अनामिका या तर्जनी अंगुली में धारण करें ।गुरूवार  को सात्विक भोजन करें ।गुरूवार को ईष्ट पुष्प का इष्ट पर अर्पण से भी लाभ हो सकता है ।
     --------आपका ---ज्योतिष सेवा सदन --कार्यालय -कृष्णपुरी धर्मशाला मंदिर देहली गेट मेरठ -उत्तर प्रदेश -भारत ।संपर्क-09897701636+09358885616----पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "--ज्योतिष आजीवन जानकारी केवल -11.00- में प्राप्त करें ।

"निर्माण एवं प्रणेता होती है -{कुम्भ -राशि -2013=विशेष }

"निर्माण एवं प्रणेता होती है -{कुम्भ -राशि -2013=विशेष }-----2013 साल में रोजमर्रा के कामों में उन्नति होगी ।आपकी लक्ष्मी और सम्मान से नाखुश रहेंगें सगे सम्बन्धी ।भूमि -वाहनादि का लेन -देन फायदे में रहेगा ।मंगलोत्सव मिलन होगा ।शादी की बात से प्रसन्नता मिलेगी ।साल में कटुता -विवाद के बाद प्रेम का आहसास होगा ।स्वास्थ के लिए संयमित रहें अन्यथा हानि होगी ।भविष्य में रचनात्मक कायों में सफलता मिलेगी ।देश -विदेशों से सुखद समाचार मिलेगा ।घर -परिवार में उत्सव का माहौल बनेगा ।अनावश्यक व्यय से बचें ।समाज और कार्य क्षेत्र में मान सम्मान बढेगा ।दूर या समीप की यात्रा होगी जो सुखद रहेगी ।पुराने -रोग और ऋण से छुटकारा मिलेगा ।नये कार्यों में पूंजी का निवेश कम करें ।धार्मिक -सामाजिक कार्यकरने का अवसर मिलेगा ।ज्ञान अर्जन अर्थात  शिक्षा के क्षेत्र में लाभ होगा ।दोस्ती में नई उम्मीद की आशा जागेगी ।कर्म क्षेत्र एवं उद्योग में सफलता मिलेगी ।अधुरा काम पूरा होगा ।ग्रहचाल की अनुकूलता से लाभ मिलेगा ।कोई गुमराह कर सकता है -अतः सावधान रहें ।समय के साथ चलें उचित रहेगा ।सही दिशा -निर्देश से ही लाभ होगा ।प्रसन्नता के मध्य दुःख भी झेलना पड़ेगा ।अनपेक्षित आवागमन से कष्ट भी मिलेगा ।आलस्य और प्रमाद से अवनति होगी ।इस वर्ष आशा निराशा का बराबर योग है ।कारोबार में प्रत्येक कार्य सोच बिचारकर ही करें ।उलझन का निबारण हो जायेगा ।
----नव वर्ष मंगलमय हो ?----{1}-नीलम या नीली अपनी सक्षमता के अनुसार धारण कर सकते हैं ।काला रंग अवश्य ग्रहण करें शनिवार को ।साधना देवी की करें -या इष्ट की ।दान -घट या जलपात्र का भर कर करें शनिवार को उचित रहेगा ।
-------भवदीय ज्योतिष सेवा सदन {पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "}किशनपुरी धर्मशाला देहली गेट मेरठ उत्तर प्रदेश ।ज्योतिष अनुभव हेतु ---09897701636+09358885616---!!

" स्थिर +दूरदर्शी एवं निति निपुन होती है -मकर -राशि ={2013-विशेष }

" स्थिर +दूरदर्शी एवं निति निपुन होती है  -मकर -राशि ={2013-विशेष }------2013--में समय के साथ चलना पड़ेगा ।भाग्य का परिवर्तन आपकी अथक कोशिश और मेहनत होगा ।संभव हो बड़ी यात्रा न करें ।साहित्य ,संगीत का आनंद मिलेगा ।नित नयेपन का का अहसास होगा ।राज -समाज में सम्मान के साथ -साथ प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी ।धन प्राप्ति का योग बनेगा ।स्थानान्तरण आपके हित में रहेगा ।पुराना विवाद समाप्त होगा -अथक कोशिश से ।वर्ष के पूर्व में असफलता और अंत में सफलता मिलेगी ।सोची -समझी योजना सफल होगी ।पूर्व की अपेक्षा आय विशेष होगी ।घर में नूतन मेहमान का आगमन से प्रसन्नता होगी ।दाम्पत्य सुख ,संतान से प्रसन्नता ,वाहन +संपत्ति के  विशेष योग हैं ।परिवार में क्लेश न करें ।धार्मिक अवसर के साथ -साथ मनोरजन की भी प्रति होगी ।साझे कारोबार से लाभ की आशा करें ।उधार में गया धन अथक परिश्रम से मिलेगा ।परीक्षा में सफलता मिलेगी ।नौकरी का योग है ।उद्योग से मिला जुला हित होगा ।परिवार में सरस माहौल से सम्पन्नता आयेगी ।भूमि -उद्योग एवं पशुओं के योग भी हैं ।साल के ग्रहचाल आपके लिए सुखद है ।गोचर ग्रहों के योग से भाग्य बदलेगा अर्थात उन्नति होगी ।अपने शत्रुओं से सावधान रहें अहित हो सकता है ।मन को शांत जरुर रखें --अफालता में देर भले ही हो जीत पक्की मिलेगी ।------नोट --शिक्षा +संतान से प्रसन्नता के लिए --ऊपर वाले और कर्म पर भरोसा रखें ।शत्रुतासे बचने के लिए -गुरु की उपासना करें ।कर्मक्षेत्र +पिता से मधुर सम्बन्ध बना रहे इसके लिए -मन स्थिर रखें ।
   {1}-गुरुवार को शाकाहारी भोजन और गाय की सेवा अवश्य करें ।
   {2}-कर्मक्षेत्र -के लिए --बुधवार को मछलियों को भोजन कराना हित में होगा ।---काला वस्त्र धारण करें ,नीलम या नीली परखकर धारण करें ---देवी की उपासना करें ।
निवेदक ---ज्योतिष सेवा सदन {पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "{मेरठ -भारत }

            ज्योतिष जानकारी हेतु --09897701636-----!!

"दया +धर्म और विवेकवान होती है -धनु -राशि -{2013-विशेष }

"दया +धर्म और विवेकवान होती है -धनु -राशि -{2013-विशेष }----2013-में बनते -बिगड़ते परिवेश में नया कुछ करने को मिलेगा ।साथी ,अधिकारी आपके रास्ते में परेशानी खड़ी करेंगें ।अनावश्यक व्यय भार से बचे रहें ।समय के अंतराल में इच्छित सहयोग मिलने से मन खुश रहेगा ।घर -गृहस्थी का भार उठाने में सक्षम हो जायेंगें ।लम्बी योजना में धन सोचकर लगायें ।अपने कुटुंब -परिवार वालों से सहयोग मिलेगा ।धन प्रप्ति का नया मार्ग मिलेगा ।दोस्तों के साथ देश -विदेश या धार्मिक यात्रा होगी जो मन को आनंद प्रदान करेगी ।परिवार में नई ख़ुशी मिलेगी ।स्वास्थ के प्रति ध्यान दें ।पूर्व की अपेक्षा आमदनी बढ़ेगी ।दोस्ती में सौदा अच्छा पटेगा ।नया कुछ करने से राजनितिक और सामाजिक रिश्तों में सुधार होगा ।संपर्कों से फायदा उठाने में आप सक्षम होंगें ।शत्रु षड्यंत्र से हानि होगी ।भूमि -वाहन आदि का लेन -देन हित में रहेगा ।साझे कारोबार का योग बनेगा ।गृह खर्च में वृद्धि होगी ।मेहनत से सफलता मिलेगी ।देश -विदेशों से सुखद समाचार अथवा लाभ का योग बनेगा ।ग्रह की अनुकूलता से भौतिक समृद्धि बढ़ेगी ।पदोन्नति होगी ।बछो से प्रसन्नता मिलेगी ।घर -परिवार में ख़ुशी का समय आयेगा ।अतिथियों का आवागमन से सुख मिलेगा ।समाज सेवा एवं धार्मिक कार्य करेंगें ।शिक्षा से सफालता मिलेगी ।।  -नोट -----शिक्षा ,संतान और अत्यधिक आय हो इसके लिए --पुखराज या सुनहला अथवा धन के आभाव में माता ,पिता या गुरुजनों का नित्य आशीर्वाद हितकर रहेगा ।-पीत वस्त्र श्री खंड का चन्दन का उपयोग भी कर सकते हैं ।-शिक्षा सम्बंधित वस्तुओं का अर्पण शिक्षार्थी को करें -जैसे -लेखनी ,पुस्तिका ।।
   -----भवदीय -ज्योतिष सेवा सदन {पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री"{मेरठ -भारत }
               ज्योतिष जानकारी हेतु -09897701636+09358885616

"रक्षा में निपुण और आत्मबल की धनि -वृश्चिक-राशि -{2013-विशेष }


"रक्षा में निपुण और आत्मबल की धनि -वृश्चिक-राशि -{2013-विशेष }
-----इस वर्ष -अचानक धन लाभ मिलने की ख़ुशी मिलेगी ।बदलाव की प्रतिक्रिया आपके अनुकूल रहेगी ।राजनैतिक -सामाजिक मान सम्मान में वृद्धि होगी ।बनते -बिगड़ते परिवेश में नये आयाम मिलेंगें ।दोस्त से मदद मिल सकती है ।कार्य क्षेत्र में नया संपर्क फायदा देगा ।प्रतियोगिता परिणाम आपके अनुकूल रहेगा ।राज -समाज में सम्मान की उपलब्धि मन को खुश करेगी ।अनपेक्षित आगंतुकों से क्षोभ उत्पन्न होगा ।दूर -समीप की यात्रा होगी ।देश -विदेशों से सुखद समाचार मिलेगा ।पुराने परिचित से मिलन सुखद रहेगा ।क़ानूनी विवाद ले देकर सुलझ जायेगा ।इष्ट मित्रों से अपेक्षित सहयोग मिलेगा ।खरीद -फरोख्त के कारोबार में तरक्की होगी ।उधार गई वस्तु मिल जायेगी ।स्वास्थ  के प्रति सजग रहें ।नये काम में उलझना होगा ।शिक्षा के लिए अतिरिक्त धन व्यय करना पड़ेगा ।दोस्तों से अंतर विरोध न करें ।इच्छित भूमि ,वाहनादि का लेन देन फायदे में रहेगा ।अधिकारी से सावधान रहें ।श्री वृद्धि से शत्रुता होगी ।कार्य क्षेत्र में नया समझौता लाभदायक रहेगा ।साथी पदोन्नति में सहायक होगा ।साहित्य .संगीत एवं ललित कलाओं के क्षेत्र में रूचि जागेगी ।सुखोपभोग में वृद्धि होगी ।पुरानी निराशा आशा में बदलेगी ।इस वर्ष आनंद की अनुभूति होगी ।दाम्पत्य जीवन में क्लेश न करें ।------नोट -खर्च से बचें ,शत्रुता न करें ,
{1}---मूंगा ,मोती  रत्न के साथ धारण उचित रहेगा । मंगलवार को लाल वस्त्र धारण करें,किसी भी इष्ट की आराधना मंगलवार को करने से -लक्ष की प्राप्ति होगी ।
      --भवदीय -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री {मेरठ -भारत }
           ज्योतिष जानकारी हेतु सूत्र --09897701636+09358885616----!!

"नीति निपुण और कर्मशील होती है -{तुला -राशि -2013=विशेष }"

"नीति निपुण और कर्मशील होती है -{तुला -राशि -2013=विशेष }"---इस -2013 साल में -अचानक लाभालाभ का सुयोग चालू होगा ।अपने कर्तव्य का निर्वाह अवश्य करें ।बेकार की बातों पर ध्यान न दें ।सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में प्रभाव बढेगा ।उधार गया धन अवश्य मिलेगा ।आगम अर्थात भाग्य का साथ होगा और नया रास्ता मिलेगा ।मंगल उत्सव और मिलन से मन प्रसन्न होगा ।न चाहते हुए भी यात्रा अर्नी पड़ेगी किन्तु लाभदायक होगी यात्रा ।लाभ और उन्नति की रूप रेखा बनेगी ।बढ़ते उत्तर दायित्व को संभालने का अवसर मिलेगा ।दोस्तों के साथ भ्रमण करने का अवसर मिलेगा ।सोची समझी योजना पूर्ण होगी ।मेहनत  के कारण भाग्य साथ देगा अर्थात भाग्योदय होगा ।साझीदारी इस साल उचित नहीं रहेगी ।व्यवसाय में कोई समझौता मील पत्थर साबित होगा ।इस वर्ष ग्रहचाल खास लाभदायक है इस कारण अनेक लाभ के अवसर आयेंगें ।कोई आपको गुमराह भी कर सकता है सावधान रहें ।इस वर्ष मन नया कुछ करने में लगा रहेगा और आपके साथी आपका सहयोग करेंगें ।स्वास्थ बेहतर रहेगा ।क़ानूनी विवाद नया मोड़ लेगा ।अधिकारी परेशान करेंगें ।दोस्ती में प्रेम बनेगा ।अपने से उच्च अधिकारी पर विशेष निगरानी रखनी चाहिए ।-संपत्ति का योग है ,वाहन ,भवन के साथ -साथ संतान की भी प्राप्ति होगी ।
   ---नोट -चोट अग्निभय से बचे रहें ,झट निर्णय न लें ------{1}-प्रत्येक बुधवार या शनिवार को -नारियल का सूखा गोला में चीनी भर दें और लाल धागा से लपेट दें अपने ऊपर उतर कर पीपल ली जड़ में गार दें ।
---{1}-हीरा और घोड़े की नाल का छल्ला धारण करना उचित रहेगा ।शुक्रवार को खटाई न खायें ।सफेद वस्त्र धारण करें ।
प्रेषकः -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "{मेरठ -भारतीय }

"पारस्परिक सम्बन्ध और सुनदर आकृति की धनि -कन्या राशि -विशेष 2013}"?

"पारस्परिक सम्बन्ध और सुनदर आकृति की धनि -कन्या राशि -विशेष 2013}"?

-------इस वर्ष -2013 में अर्थलाभ का विशेष सुयोग है ।राज -समाज में मान -सम्मान बढेगा ।नित्य आनंद का अनुभव होगा ।कारोबार में मुनाफा मन खुश करेगा ।असफलता के बाद सफलता मिलेगी ।शादी -पार्टी में जाने का विशेष अवसर मिलेगा ।पुराना विवाद ले देकर {क़ानूनी झंझट }सुलझ जायेगा ।कार्यपूर्ति हेतु अपेक्षित सहयोग मिलेगा ।पदोन्नति से मन प्रसन्न रहेगा ।घर में नये मेहमान के आगमन से खर्च बढेगा ।सेहत का उचित ध्यान रखें ।कार्यक्षेत्र में बदलाव होगा ।अतीत की सोची रणनीति सफल होगी ।दोस्तों से अनुकूल मदद मिलेगी ।राजकीय सहयोग न के बराबर मिलेगा ।दूसरे के सहयोग अथवा समझ से लाभ उठाने में आप सफल होंगें ।जमा पूंजी बढ़ेगी ।आगम प्राप्ति का नया रास्ता मिलेगा ।ग्रहचाल इस वर्ष आपके अनुकूल होगी ।देश -देशांतर से सुखद समाचार मिलेगा ।व्यापार में अच्छा खासा लाभ मिलेगा ।बेकार के झगडे झमेले से बचें ।मेहनत से भाग्य चमकेगा ।उधार या दूसरों के अधीन आपकी मुद्रा या संपत्ति मिलेगी ।बढ़ते जनसंपर्क का लाभ मिलेगा ।लाभदायक योजना में पूंजी खर्च होगी ।भाग्य में सफलता निश्चित जानें ।परस्पर कटुता या विवाद न करें ।दाम्पत्य सुख मिलेगा ।संपत्ति ,वाहन ,एव यात्रा का अनुपम योग बनेगा ।।

-----------नोट--पन्ना और हीरा रत्नों से आपकी सोभा और भी बढ़ जायेगी ,अल्प धन होने पर -जरकिन या स्फटिक की माला धारण करने से लाभ होगा ।

{1}-पारस्परिक व्यापार के लिये -युगल जोड़ी तुलसी की माला भी लाभदायक रहेगी ।हरा रंग उत्तम रहेगा ।

{2}-चिड़ियों को दाना ,किसी भी जीव को जल की सेवा से समस्त लाभ प्राप्त कर सकते हैं ।

प्रेषकः --पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री {मेरठ -भारत }

आजीवन ज्योतिष लाभ केवल -11.00- में प्राप्त कर सकते हैं ।सूत्र -098978701636+09358885616------!!

"स्वतंत्र कार्य ,नेत्रित्व में उपयुक्त -सिंह -राशि -2013=विशेष }"

"स्वतंत्र कार्य ,नेत्रित्व में उपयुक्त -सिंह -राशि -2013=विशेष }"----वर्ष 2013--में भाग्य विकास का सुयोग बनेगा ।अचानक धन लाभ की रूप रेखा बनेगी ।निराशा आशा में बदल जायेगी ।परिवार में मंगलोत्सव का संयोग बनेगा ।आपकी मेहनत रंग लायेगी ।स्वस्थ के प्रति सावधान रहें हानि हो सकती है ।संभव हो तो लम्बी यात्रा न करें टालने की कोशिश करें हानि से बचे रहेंगें ।जीवन साथी का पूर्ण सहयोग मिलेगा ।देव दर्शन की यात्रा होगी ।उधार में गई वस्तु मिल जयेगी ।भौतिक वस्तु सुविधा के अनुसार आयेगी ।क़ानूनी विवाद में नया मोड़ आयेगा ।भूमि -वाहन तथा पशु लेन -देन फायदेमंद रहेगा ।देश -विदेशों से सुखद समाचार मिलेगा ।आपको कोई गुमराह करने की कोशिश करेगा ।कटुता एवं विवाद से बचें रहें ।रचनात्मक कामों में रूचि बढ़ेगी ।मंगलोत्सव की सूचना मन को खुश करेगा ।दोस्ती में घनिष्ठता से बचें ।प्रतियोगिता परिणाम उत्तम रहेगा ।भाग्य का विशेष विकास होगा ।पदोन्नति होगी जिससे मन प्रसन्न रहेगा ।घर -गृहस्थी में में चहल -पहल बढ़ेगी ।व्यवसाय में तरक्की के नये रास्ते मिलेंगें ।मेहमान के आगमन से खर्च बढेगा ।पडौसी से सावधान रहें ।आप अपनी जिम्मेदारी को बेहतर संभालेंगें ।शत्रु के क़ानूनी दाव -पेंच से बचें रहें ।अधिकारी की घनिष्ठता छोड़ना उत्तम रहेगा ।दाम्पत्य सुख मिलेगा ।चल -अचल संपत्ति का संपत्ति लाभ मिलेगा ।राजनीति में रुतबा बढेगा ।धर्म कार्य करने से लाभ मिलेगा ।क़ानूनी विवाद ले देकर ही सुलझेगा ।विवाद ,वाहन भवन का योग है ।श्री वृद्धि से दोस्त पड़ेशान रहेंगें ।।
----{1}-माणिक रत्न स्वर्ण में रविवार को धारण करें ।रविवार का व्रत से स्वास्थ  उत्तम रहेगा ।अथवा रविवार को नमक न खायें ---रविवार को गायों को ढूढ खिलाएं ।--आपका नव वर्ष मंगलमय हो ?"
    -------{2}--आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पथ नित्य करें --विजयी होंगें ।
प्रेषकः -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "{मेरठ -भारत }

    केवल 11.00-रूपये से आजीवन ज्योतिष सेवा प्राप्त कर सकते हैं --सूत्र -09897701636+09358885616---!!

"भ्रमणशील और मनोहारी "कर्क राशि -{विशेष =2013}


  "भ्रमणशील और मनोहारी "कर्क राशि -{विशेष =2013}
-----वर्ष 2013 में --राजनीतिक क्षेत्र में नये संपर्कों से आशातीत लाभ मिलेगा ।चल -अचल संपत्ति में इजाफा होगा ।मंगल उत्सव एवं मिलन का संयोग बनेगा ।किसी भी नये कार्य की शुरुआत करने से लाभ एवं भाग्योदय होगा ।इस वर्ष मेहनत करने वालों का सितारा बुलंद होगा ।साथी पदोन्नति में बाधक बनने  की कोशिश करेगा ।इस वर्ष ग्रहचाल विकास में सहायक सिद्धि होगी ।पूर्व की अपेक्षा आय विशेष होगी ।सोची समझी योजना कारगर सिद्ध होगी ।शत्रु षड्यंत्र से सावधान रहें ।प्रतियोगिता परिणाम उत्तम रहेगा ।यात्रा छोटी किन्तु लाभदायक रहेगी ।बढ़ते दायित्व को निभाने में सक्षम होंगें ।साल के उत्तरार्ध में आनंद की अनुभूति होगी ।साल के अंत में -मित्र ,परिजन एवं सम्बन्धियों से लाभ मिलेगा ।शादी ,पार्टी तथा देवदर्शन का योग बनेगा ।भूमि ,वाहन की लेन -देन होगी ।जमा पूंजी बढ़ेगी ।अनपेक्षित आवागमन से क्षोभ होगा ।स्वास्थ  कुछ गड़बड़ी करेगा ।समय का सही उपयोग करने से हित में रहेंगें ।अनावश्यक क्षोभ एवं परिचर्चा से बचें ।अनजान से दोस्ती का हाथ न मिलाएं ।पुराना विवाद सुलझेगा ।गया हुआ धन मिलने की उम्मीद है ।साझे कारोबार से विस्तार होगा ।घर में नये मेहमान का आगमन होगा ।पुरानी निराशा का समापन होगा ।परिवार में ख़ुशी मिलेगी ।इच्छित सहयोग मिलने से मन में ख़ुशी  रहेगी ।राज -समाज में मान सम्मान मिलेगा ।आलस्य और प्रमाद अवनति कारक है ।आधा -अधुरा काम पूरा हो जायेगा ।क़ानूनी विवाद को सुलझाना लाभदायक रहेगा ।कटुता में सरसता मिलेगी अतः मन को स्थिर रखें ------नव वर्ष मंगलमय हो ?
   {1}-मोती धारण करने से शांति मिलेगी ।चांदी के पात्र में पूजा करें या चांदी के पात्र से शिव की उपासना करें ।सफेद वस्त्र और स्वेत चन्दन लाभदायक अर्थात मन को शांति प्रदान करंगें ।
-----प्रेषकः -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "{मेरठ -भारत }

         ज्योतिष आजीवन जानकारी शुल्क -11.00---हेतु -सूत्र --09897701636+09358885616----!!

अदभुत प्रेम और सच्ची निष्ठां की प्रतीक ={मिथुन राशि +2013-विशेष }

अदभुत प्रेम और सच्ची निष्ठां की प्रतीक ={मिथुन राशि +2013-विशेष }
------वर्ष -2013 का विशेष समय अच्छा बीतेगा ।लाभ और खर्च का संतुलन बना रहेगा ।दोस्तों से इच्छित सहयोग मिलेगा ।तरक्की का अवसर आयेगा हाथ में ।आपकी पूर्व की मेहनत रंग लायेगी ।घर में कटुता न लायें प्रेम का अद्भुत परिचय दें ।प्रतियोगिता परिणाम हित में रहेगा ।रोजमर्रा के कोम में कोताही न बरतें ।अधिकारीयों से लाभ मिलेगा किन्तु सावधान भी रहें हानि भी हो सकती है ।क़ानूनी विवाद सुलझाने में हित होगा ।कुटुंब परिवार वालों से विवाद हो सकता है सचेत रहें ।कारोबार में सरकार से अपेक्षित मदद मिलेगी ।न चाहते हुए यात्रा करनी पड़ेगी ।पूर्व की अपेक्षा इस वर्ष आय विशेष होगी ।आलस्य का परित्याग करें कर्म के प्रति सजग रहें ।समय की नजाकत को देखते हुए कार्य करें ।जोड़ -तोड़ से सफलता का सुयोग बनेगा ।स्वास्थ के प्रति विशेष सजग रहें ।नयेपन की अनुभूति साल भर होगी ।घर -गृहस्थ यात्रा वाहन संपत्ति का लाभ समयानुसार होगा ।अधूरा पड़ाकाम  पूरा होगा ।परिश्रम  के कारण भाग्यवान बनेंगें ।संतान से सुख एवं लाभ की उम्मीद होगी ।राजनितिक एवं परिवार -समाज में मान  सम्मान मिलेगा ।अचानक धन का लाभ होगा ।दाम्पत्य सुख मिलेगा ।गृहस्थी का उत्तरदायित्व बढेगा और चित भी बढ़ेगी ।देश -विदेशों से शुभ समाचार मिलेगा ।सुखोपभोग की वस्तु खरीदी जायेगी ।

   ------पन्ना नग स्वर्ण में कनिष्ठा अंगुली धारण करना चाहिए ।बुधवार को उधार लेन -देन न करें ।पक्षियों को दाना खिलाना +पानी पिलाना उचित रहेगा ।हरा रंग बुधवार को धारण करें ।।

    नव वर्ष मंगलमय हो !

प्रेषकः -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री {मेरठ -भारत }

          सहायता हेतु -सूत्र -09897701636+09358885616----!! 

"नव सृजन और कला में निपुण "वृष राशि "={2013-विशेष }

"नव सृजन और कला में निपुण "वृष राशि "={2013-विशेष }
वर्ष की शुरुआत उत्तरदायित्व में वृद्धि से होगी ।विशेष समय नव सृजन और कला की खोज में बीतेगा ।लोकोपवाद की आशंका बनी रहेगी वर्ष पर्यन्त ।उद्योग और काम के क्षेत्रों में लाभ मिलेगा ।पुराने परिचित्त व्यक्ति से लाभ मिलेगा ।कटुता और विवाद से बचे रहें ।धर्मकार्य का विचार पूरा होगा तथा लाभ भी मिलेगा ।राज समाज में मान -सम्मान बढेगा ।आपके अथक प्रयास से पद मिलेगा ।नौकरी पेशा वर्ग को तरक्की का अवसर मिलेगा ।लम्बी यात्रा का योग बनेगा ।भाग्य विकास का योग बनेगा ।मेहनत के कारण  सितारा बुलंद होगा ।आपके साथी आपकी राह में हानि उत्पन्न करेंगें ।देश -विदेश से सुखद अनुभूति होगी ।असफलता के बाद सफलता मिलेगी ।पूर्व की अपेक्षा आय बढ़ेगी ।उच्च अधिकारी से सावधान रहें हानी हो सकती है ।गोचर राशि का प्रभाव सालभर आपके लिए माध्यम रहेगा ।कुछ काम बनेगा तो कुछ बिगड़ेगा ।घर गृहस्थी में प्रेम बनायें अन्यथा हानि होगी ।समय का सही उपयोग करें ।रोजमर्रा के कामों में पर्याप्त उन्नति होगी ।सेहन के प्रति सजग रहें -अनायास रोग से घिर सकते हैं ।भाग्य विकास से शांति मिलेगी ।संतान की उन्नति होगी ।संपत्ति -वाहन का योग है ।राजनीति +व्यापार की नई खोज से मन प्रसन्न रहेगा ।नया समझौता से समय अनुकूल होगा ।सचेत रहने वाले फायदे में रहेंगें ।विरोधी की कुचालों से बचे रहने में लाभ होगा ।नया काम  नये  विचार दाम्पत्य सुख में नई अनुभूति देगा ।इष्ट मित्रों से अपेक्षित मदद नहीं मिलेगी अपनी प्रतिभा के बल पर चलें ---नव वर्ष मंगलमय हो !-----
   ----{1}-हीरा या जरकन ,पन्ना के साथ पहनने से उद्योग ,राजनीति में नव अवसर प्रदान करेगा ।
          {2}-शिव की उपासना या रुद्राभिषेक से विशेष लाभ की कामना समझें ।
नोट-धन के आभाव में -शुक्रवार को सफेद वस्तु  का दान या खटाई वर्जित कर दें लाभ मिलेगा ।
       निवेदक --पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "{मेरठ -भारत }
                आजीवन लाभ हेतु केवल -11.00- शुल्क से ज्योतिष जानकारी प्राप्त कर सकते हैं -सहायता हेतु -09897701636-09358885616----।।

"उच्च अभिलाषा आत्मबल के धनि मेष राशि ={2013-विशेष }

"उच्च अभिलाषा आत्मबल के धनि मेष राशि ={2013-विशेष }
-----इस वर्ष सोची समझी योजना पूरी होगी ।देश -विदेश से सुखद समाचार मिलेगा ।असफलता के बाद सफलता मिलेगी ।नूतन कार्ज करेंगें ।झगडे -झमेले से राहत मिलेगी ।संतान से लाभ होगा ।राजनीति क्षेत्र में लाभ मिलेगा ।घर -गृहस्थी में कटुता से बचना उचित रहेगा ।कोई भी नूतन कार्ज़ अवश्य करें भाग्य आपकी प्रतीक्षा करेगा ।ग्रहों के गोचर का फल नित्य आनंद प्रदान करेगा ।अतीत की खोज में लाभ मिलेगा ।पडौसी -दोस्त आपकी श्रीवृद्धि{लक्ष्मी }से नाखुश रहेंगें ।समस्या को सुझाने में लाभ मिलेगा ।सुखोपभोग की वस्तु खरीदेंगें ।भूमि -वाहन ,घर आदि का लेन - देन फायदे में रहेगा ।शत्रुता न करें ।जमापूंजी बढ़ेगी -अर्थात मन खुश रहेगा ।उच्च अधिकारी से विशेष दोस्ती न करें ।दिन चर्या को सही रखें अन्यथा हानि होगी ।चल -अचल संपत्ति का लाभ होगा ।इस वर्ष विशेष समय -हास्य ,रस ,आमोद -प्रमोद में बीतेगा ।कहीं से पदोन्नति का समाचार मिलेगा । दोस्त आपकी मदद करेंगें।साझा कारोबार का विचार बनेगा ।स्वास्थ परविशेष ध्यान दें ।घर में नए मेहमान के आगमन से खर्च बढेगा ।कोई आपको गुमराह करने का प्रयास करेगा सावधान रहें ।साहित्य संगीत में रुझान बढेगा ।।
   ------नोट -मूंगा स्वर्ण में धारण करना उचित रहेगा ।मोती की माला या से शांति रहेगी ।--हनुमानजी या शिव की उपासना तथा सोमवार को दूध का दान से अनुकूल साल बीतेगा ।।
    --प्रेषकः -ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }
            प्रबंधक -पंडित कन्हैयालाल "झा शास्त्री "
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