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सोमवार, 23 सितंबर 2013

संतान सुख "शुक्र +मंगल से ही मिलता है ?"

संतान सुख "शुक्र +मंगल से ही मिलता है ?"
------दाम्पत्य जीवन में अनन्त की बाधाएँ आती हैं ---सभी सुख हैं किन्तु संतान सुख नहीं है तो जीवन नीरस सा प्रतीत होने लगता है इसके लिए प्रत्येक जातकों की कुण्डलियों मिलान करते समय इस पर भी विचार अवश्य करना चाहिए ---"पापहि ग्रहयुत लगन्पति ,परै लग्न मह आय ।
                                      वीर्यहीन नर होय तब ,अधिक ब्याधि रुज ताय । ।
---अर्थात ----मंगल स्त्रियों में रजः स्राव का कारक होता है और शुक्र पुरुषों में वीर्य सशक्त शुक्राणुओं का कारण माना जाता है ---इन दोनों का कुंडलियों में सही सम्बन्ध नहीं होने से दाम्पत्य जीवन सुखी नहीं रहता है । चाहे स्थान सम्बन्ध मंगल +शुक्र एक साथ हो ,तात्कालिक मित्र बनकर बैठे हों -या कारक भाव में हों तो जीवन को संतति और सुख प्रदान करते हैं ।
     नोट ----हमारे महर्षियों ने जो जन्म कुंडली का बिधान बनाये हैं --जिनको हमलोग आजतक अमल करते आये हैं --उसकी नीव बहुत ही मजबूत है -----कुंडली मिलान करते समय केवल गुणों को ही नहीं देखना चाहिए -बल्कि ग्रहों की स्थिति पर विशेष विचार करना चाहिए ।
       ज्योतिष सेवा सदन मेरठ -भारत

रविवार, 22 सितंबर 2013

"कुण्डली मिलान में आयु का निर्णय अवश्य करें ?"

"कुण्डली मिलान में आयु का निर्णय अवश्य करें ?"
-----वर -कन्या के कुण्डली मिलान में आयु का विचार भी बहुत ही जरुरी होता है ,क्योंकि इसके बिना संसार में सब कुछ निरर्थक है । महर्षि जैमिनी के मत के अनुसार आयुर्दाय त्रिय सूत्र लगभग सही से ही बैठते हैं । जैसे -दीर्घायु ,मध्यायु ,अल्पायु जानने के लिए ज्योतिष के कई ग्रंथों में कई बिधियाँ लिखी हैं साथ ही आयु सारणियाँ भी छपी हैं ।
             अस्तु जन्मकुण्डली में छटे ,आठवें और बारहवें भाव का नामकरण ज्योतिषाचार्यों ने त्रिकसंज्ञक माना  है---जिसका अर्थ होता है तिर्यकगति अर्थात पतन से लिया जाता है । संसार में तीन तरह के संताप होते हैं --------"दैहिक दैविक भौतिक तापा ,राम राज मह काहु न व्यापा "------भाव ---दैहिक परेशानी {शारीरिक कष्ट }कुंडली के छटे भाव से देखे जाते हैं । जिन लोगों का लग्नेश -छटे -आठवें -बारहवें भाव में पाप ग्रहों के साथ बैठा हो --उन्हें शारीरिक कष्ट अवश्य हते हैं । अगर छ्टे -आठवें -बारहवें भाव का स्वामी लग्न में हो साथ ही पाप ग्रह की दृष्टि पड़ती हो तब तो अत्यधिक कष्टों से सामना जातक को करना पड़ता हैं ।
       -------रिपु मृत्यु द्वादस गेह मह ,पापयुक्त लग्नेस । जन्म समय जाने परै ,ताको अंग कलेस । ।
अर्थात ---अनुभव से देखा गया है कि लग्नेश अष्टम में हो और अष्टमेश लग्न में बैठ जाय तब उम्र के साथ -साथ अपार दुःख का कारण भी बनता है ।
   -----पाप युक्त तनु भवन मंह ,रिपु मृत्युप के ईस । जथा जोग जेक परै ,तन दुःख बिस्वा बीस । ।
भाव ---पाप ग्रह के साथ अर्थात -शनि ,राहु ,केतु ,मंगल या सूर्य के साथ लग्नेश लग्न में बैठा हो तो वह अपनी दशा एवं अन्तर्दशा में परेशानियाँ पैदा करता है ।
     अभिप्राय ---कुंडली मिलान में आयु का निर्णय अर्थात दाम्पत्य जीवन सुखी रहेगा या नहीं इस पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए ।
निःशुल्क ज्योतिष जानकारी केवल विवाहित व्यक्ति ही मित्र बनकर प्राप्त कर सकते हैं एकबार अपनी केवल फ़ोन से समय रात्रि -7 -30 से 9 -30 तक ---किन्तु जानकारी प्राप्त करते समय चैट पर राम -राम लिखना अनिवार्य है । अगर आपकी समझ में न आये कोई  बात तो फ़ोन ही जानकारी प्राप्त करें --साथ ही आपकी समस्त जानकारी प्रोफाइल में सही अवश्य होनी चाहिए -अपना चित्र के साथ -साथ । फ्री ज्योतिष सेवा प्राप्त करने लिए इस लिंक पर जायें =और दोस्ती करें =--https://www.facebook.com/kanhaiyalal.jhashastri- {2 } पेज -को पसंद करने के लिए इस लिंक पर जायें www.facebook.com/pamditjha {3} -हमारे समूह से जुड़ने के लिए इस लिंक पर जायें =-https://www.facebook.com/groups/jyotishsevasadan/ {४}हमारे ब्लॉक में ज्योतिष एवं कर्मकाण्ड के लेखों को पढने के लिए इस लिंक पर जायें =http://jyotishsadan.blogspot.in/2013/08/blog-post_2.html?spref=fb ===खाता संख्या -20005973259 स्टेट बैंक मेरठ -आई, एफ, सी- कोड-एस बी आई एन 0002321
हमारा पत्ता -ज्योतिष सेवा सदन -प्रबंधक -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री
किशनपुरी धर्मशाला देहली गेट मेरठ उत्तर प्रदेश पिन -250002 भारत-संपर्क सूत्र कार्यालय -09897701636 +09358885616

शुक्रवार, 20 सितंबर 2013

विषकन्या योग होता है- तो विषवर योग क्यों नहीं ?"

विषकन्या योग होता है- तो विषवर योग क्यों नहीं ?"
---ज्योतिष और ज्योतिषियों के लिए - चाहे पुरुष हो या महिला सब एक सामान होने चाहिए किन्तु लोग विषकन्या योग की चर्चा तो करते हैं किन्तु विषवर की चर्चा नहीं करते हैं क्यों ----
    भद्रा सर्पानल वरुणभे भानु मन्दारवारे । यस्या जन्म प्रभवति तदा सा विशाख्या कुमारी । । {भावकुतूहल }
भौजंगे कृतिकायाम शत भिषजितथा सूर्य मंदवारे । भद्रा संज्ञे तिथौ या किल जनन मियात्सा कुमारी विशाख्या । । {जातकालंकार}---------अर्थात ----2 /7 /12 ,कृतिका , आश्लेषा , विशाखा ,शतभिषा नक्षत्र और रवि ,मंगल तथा शनिवार का समागम होने से तो विषाख्य योग बनता है । ग्रन्थ -भावकुतूहल -में लिखित पद्य में केवल भद्रा शब्द का ही उल्लेख हुआ है न कि तिथि का ---इससे यह समझना चाहिए कि भद्रा {विष्टि }निहितकाल में -कृतिका , आश्लेषा ,विशाखा ,शतभिषा नक्षत और रवि ,मंगलवार या शनिवार आ पड़े तब किसी जातिका का जन्म हो तो उसे विषकन्या कहा जाता है । ----तो इस कुयोग में यदि किसी लड़के का जन्म हो तो उसे भी विष वर  कहा जाना चाहिए ।
    भाव ---ज्योतिष की रचना स्त्री -पुरुष ही नहीं समस्त के लिए सामान रूपेण है ---अतः इस विषय में हमलोगों को पक्ष पात रहित विचार अवश्य ही करना चाहिए । लग्न एवं चंद्रमा से सातवें घर में शुभ ग्रह बैठें हों या लग्नेश सातवें घर में हो तो वैधव्य योग समाप्त होकर कन्या सुभगा अर्थात भाग्यवान होती है ।
 {"निःशुल्क ज्योतिष सेवा एकबार प्राप्त करने के लिए पधारें -आपका अभिनन्दन ,स्वागत है ज्योतिष सेवा सदन में -}---किन्तु पहले दोस्त बनें और फ़ोन से जानकारी प्राप्त करें समय -7- 30 से 9 -30 तक प्रत्येक रात्रि -फ़ोन नंबर -09897701636 +093588885616 ---अगर आपका चित्र नहीं होगा ,आपकी सही जानकारी प्रोफाइल में नहीं होगी तो आप दोस्त नहीं बन पायेंगें ।
  ---आपका -ज्योतिष सेवा सदन मेरठ भारत प्रबंधक पंडित के एल झा शास्त्री फ्री ज्योतिष सेवा प्राप्त करने लिए इस लिंक पर जायें =और दोस्ती करें =--https://www.facebook.com/kanhaiyalal.jhashastri- {2 } पेज -को पसंद करने के लिए इस लिंक पर जायें www.facebook.com/pamditjha {3} -हमारे समूह से जुड़ने के लिए इस लिंक पर जायें =-https://www.facebook.com/groups/jyotishsevasadan/ {४}हमारे ब्लॉक में ज्योतिष एवं कर्मकाण्ड के लेखों को पढने के लिए इस लिंक पर जायें =http://jyotishsadan.blogspot.in/2013/08/blog-post_2.html?spref=fb

        

गुरुवार, 19 सितंबर 2013

"गुरु एवं मंगल" मंगली दोष समाप्त कर राज योग देते है?"

"गुरु एवं मंगल" मंगली दोष समाप्त कर  राज योग देते है?"
--गुरु + मंगल एक साथ हों जन्म कुंडली में तो राजयोग बनता है अधिकांश विद्वान इस बात को मानते हैं । और साथ ही "भौम दोषों न विद्यते "अर्थात मंगली दोष समाप्त हो जाता है ।
      ---अस्तु ----यह बात हमारी समझ में नहीं आती है --क्योंकि फलिताचार्य भली भांति इस बात बात को जानते हैं ,कि द्वितीय भाव {कुंडली का दूसरा घर }के कारक "गुरु "की क्रूर या पापग्रह से युति से दाम्पत्य जीवन अर्थात सुखोपभोग के लिए हितकर नहीं होती है ।
      फलदीपकार लिखते हैं=पुर्यध्यक्षः सजीवे {भोमे }भवति नरपतिः प्राप्तवित्तो द्विजो वा "----अर्थात चन्द्र + मंगल की युति स्थाई संपदा प्रदान करने वाली तो होती है ,किन्तु मंगली दोष को समाप्त करती हो ऐसा आभास नहीं होता है ।    "शशि -मंगल संयोगे यस्य जन्मनि विद्यते । विमुञ्चन्ति न तं लक्ष्मिः लज्जां कुल वधूरिव । । भाव -इस योग में जन्म लेने वाली लज्जायुक्त कुलवधू का लक्ष्मी कभी साथ नहीं छोडती है ।
       अतः कुंडली में मंगली दोष का परिक्षण ठीक से होना चाहिए साथ ही निदान भी अन्यथा सुख दुःख में बदल जाता है । "निःशुल्क ज्योतिष सेवा एकबार प्राप्त करने के लिए पधारें -आपका अभिनन्दन ,स्वागत है ज्योतिष सेवा सदन में ----किन्तु पहले दोस्त बनें और फ़ोन से जानकारी प्राप्त करें समय -7- 30 से 9 -30 तक प्रत्येक रात्रि -फ़ोन नंबर -09897701636 +093588885616 ---अगर आपका चित्र नहीं होगा ,आपकी सही जानकारी प्रोफाइल में नहीं होगी तो आप दोस्त नहीं बन पायेंगें ।
आपका -ज्योतिष सेवा सदन मेरठ भारत प्रबंधक पंडित के एल झा शास्त्री फ्री ज्योतिष सेवा प्राप्त करने लिए इस लिंक पर जायें =और दोस्ती करें =--https://www.facebook.com/kanhaiyalal.jhashastri- {2 } पेज -को पसंद करने के लिए इस लिंक पर जायें www.facebook.com/pamditjha {3} -हमारे समूह से जुड़ने के लिए इस लिंक पर जायें =-https://www.facebook.com/groups/jyotishsevasadan/ {४}हमारे ब्लॉक में ज्योतिष एवं कर्मकाण्ड के लेखों को पढने के लिए इस लिंक पर जायें =http://jyotishsadan.blogspot.in/2013/08/blog-post_2.html?spref=fb

मंगलवार, 17 सितंबर 2013

हमारे नक्षत्रों के कौन- कौन से हैं "पेड़ "?{ज्योतिष -विशेष }



  • हमारे नक्षत्रों के कौन- कौन से हैं "पेड़ "?{ज्योतिष -विशेष }
         --ग्रहों की शांति हेतु पूजा -पाठ ,यग्य हवं में विशेष प्रजाति के पल्लव {टहनी } पुष्प ,फूल ,फल ,काष्ट{समिधा }की आवश्यकता पड़ती है ,जो कि नवग्रह एवं नक्षत्रों से सम्बंधित पौधे ही दे सकते हैं ।पुराणों के अनुसार जिस नक्षत्र में गृह विद्यमान हो उस समय उस नक्षत्र सम्बन्धी पौधे का यत्नपूर्वक संरक्षण तथा पूजन से ग्रह की शांति होती है तथा जातक को मनोवांछित फल मिलता है ।।.
         -----क्यों न हमलोग --अपनी सुख समृधि के लिए - अपने -अपने नक्षत्रों के अनुसार पेड़ ,बगीचा ,बाटिका लगायें?
{1 }-अश्विनी ------कुचिला {2}-भरणी---------आंवला {3 }-कृतिका ----गूलर {4 }-रोहिणी ---जामुन{5 }-मृगशिरा .{7 }-पुनर्वसु ------बांस---खैर{6}}-आर्द्रा--------शीशम.{8 }-पुष्य --------पीपल{9 }-आश्लेषा ---नागकेसर {10 }-मघा-----बरगद{11 }-पुर्वा फाल्गुनी-----ढ़ाक {12 }-उत्तरी फाल्गुनी ----पाकड़  {13 }-हस्त ---रीठा{14 }-चित्रा------वेळ{15 }-स्वाती ------अर्जुन. {16 }-विशाखा ---कटाई. {17 }-अनुराधा ---मौलश्री.  {18 }-ज्येष्ठा-----चीड़. [19 }-मूल ----साल. {20 }-पूर्वाषाढा---जलवेतस. {21 }-उत्तराषाढा ----कटहल {22 }-अभिजित{ xxx}{23 }-श्रवण ---मदार.{24 }-शतभिषा ---कदम्ब. {25 }-पूर्वा भाद्रपद ----आम.{26 }-उत्तरा भाद्रपद ----नीम. {27 }--रेवती -----महुआ.------नोट --उक्त नक्षत्रों के पौधे हैं जो आप --ग्रह जनित दोषों के निवारणार्थ सरलता से पौधे {रोप }लगा सकते हैं । ग्रह ,नक्षत्रों के पौधों का उल्लेख ,पौराणिक ज्योतिष ,आयुर्वेदिक ,तांत्रिक व् एनी ग्रंथों में मिलता है --इनमें से प्रमुख ग्रन्थ हैं --{१}-नारद पुराण{२}-ज्योतिष ग्रन्थ हैं --नारद संहिता {३}-आयुवेदिक ग्रन्थ --राज निघंट वृहत धू श्रुत नारायणी संहिता {४}-तांत्रिक ग्रन्थ -शारदा तिलक ,मन्त्रमहार्णव ,श्री विद्यार्नव तंत्र आदि {५} अन्य ग्रंथ---आनादाश्रम प्रकाशन ,वनस्पति ---अध्यात्म ,नक्षत्र वृक्ष आदि ।।.

  ---         ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत} ---  निःशुल्क ज्योतिष सेवा रात्रि 8 से 9.30 कोई भी मित्र बनकर प्राप्त करें = संपर्कसूत्र-9897701636+9358885616
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शनिवार, 14 सितंबर 2013

आप सभी मित्रों का स्नेह और प्रेम का हम आभारी हैं ।

आप सभी मित्रों का स्नेह और प्रेम का हम आभारी हैं ।
बड़े मित्रों को प्रणाम ,छोटे मित्रों को आशीर्वाद तथा समकक्ष मित्रों को धन्यवाद ।
    ज्योतिष सेवा सदन सन 2010 से ज्योतिष सेवा में निरंतर तत्पर रहता हैं । हमें आप सभी देश -विदेशों में रह रहे मित्रों ने जो प्रेम दिया और स्नेह के साथ नेट {फेसबुक }पर जोड़ा, जिसकी वजह से हम अपनी आजीविका भी चला लेते हैं और आप मित्रों के प्रेम के पात्र भी बने रहते हैं । विना धन के आपतक कैसे पहुंचें यही सोच के साथ शुरू की थी निःशुल्क ज्योतिष सेवा सन 2010  में । आज 2013 तक करीब लाखों लोगों से हम मिले और  सेवा देने की कोशिश की साथ ही आप मित्रों ने जो धन दिया वो हमारे परिवार के लिए बहुत है ।
        मै भले ही धन से कमजोर था  किन्तु आप मित्रों का स्नेह ने मुझको आगे बढ़ने की प्रेरणा दी और हम आगे बढ़ते चले गए । जब हम आपको सेवा देते हैं तो हम भी अपने आपको किसी चैनल से कम नहीं समझते हैं --ये सब आप मित्रों की वजह से हुआ और हो रहा है ।
     आशा है आप सभी मित्र हमारी कमी को न देखकर आपना प्रेम और स्नेह यूँ ही प्रदान करते रहेंगें ।
आपका -ज्योतिष सेवा सदन प्रबंधक पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री
   कृष्णपुरी धर्मशाला देहली गेट मेरठ -उत्तर प्रदेश -भारत पिन -250002
निःशुल्क ज्योतिष सेवा कोई  भी मित्र बनकर एकबार प्राप्त करें -हेल्प लाइन से -09897701636 +09358885616 1 --दोस्ती करने के लिए इस लिंक पर जायें =-https://www.facebook.com/kanhaiyalal.jhashastri
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गुरुवार, 12 सितंबर 2013

उम्मीद करता हूँ दोस्ती करने से पहले नियमावली अवश्य पढेंगें -

निःशुल्क ज्योतिष सेवा मिल चुकी है, दुबारा ज्योतिष सेवा चाहते हैं या दोस्ती- ज्योतिष सदन से नहीं हो पा रही है तो केवल 100 रूपये एयरटेल मणि नंबर-9897701636 में रिचार्य कर तत्काल सेवा प्राप्त कर सकते हैं ।
    ध्यान दें -आपकी ज्योतिष सेवा सदन से दोस्ती तब नहीं होती है -जब आपका प्रोफाइल आपको सही साबित नहीं करता है जैसे -आपका चित्र ,आपका सम्पूर्ण विवरण एवं आपकी सोच हमसे नहीं मिलती है ।
    1 -निःशुल्क ज्योतिष सेवा एकबार मित्र बनकर ही प्राप्त कर सकते हैं = समय -8 से 9 30 तक{ केवल रात्रि }
    2 -बिना दोस्ती के केवल 100 रूपये में ही ज्योतिष जानकारी किसी को भी मिलेगी={कभी भी दिन में }
     3 -आजीवन ज्योतिष जानकारी 1100 सौ में प्राप्त करते रह सकते हैं = {कभी भी दिन में }
उम्मीद करता हूँ दोस्ती करने से पहले नियमावली अवश्य पढेंगें -
        आपका -ज्योतिष सेवा सदन प्रबंधक पण्डित के ० एल ० झा शास्त्री मेरठ -भारत
        पता -किशनपुरी धर्मशाला देहली गेट मेरठ -250002
संपर्क कार्यालय मेरठ- अगर आपकी समझ में कोई बात नहीं आई है तो कार्यालय मेरठ से हेल्प लाइन से जानकारी इस नंबर पर प्राप्त करें -09897701636 +09358885616
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बुधवार, 11 सितंबर 2013

" संतान और संतति आपके अनुसार भी संभव है?"

" संतान और संतति आपके अनुसार भी संभव है?"
संतान और संतति की उत्सुकता सबको होती है -और होनी भी चाहिए -किन्तु हम या तो अनभिज्ञता वश ,या विवेक हीन होने के कारण दो चीजें अनुकूल प्राप्त नहीं कर पाते हैं |-हमारे वेद में सभी कला विद्यमान है ,परन्तु -आधुनीक तकनिकी के आगे या तो हम सात्विक प्रयत्न नहीं करते ,या मजबूरी में मानते हैं - आइये अपने जीवन में संतान एवं संतति से सभी युक्त हों -जानने का प्रयास करते हैं ||-भगवान "मनु "ने -उत्तम संतान एवं पुत्र या पुत्री की कामना रखने वाले लोगों के लिये कुछ प्रयोग बताये हैं जिसे हम जानते नहीं है और जानते हैं तो उस प्रकार से चलते नहीं हैं -जब हमें संतान की कामना हो तो-आप पुत्र चाहते हो तो -पत्ती और पतनी का मिलन यदि सम तिथियों में हो अर्थात -द्वितीया,चतुर्थी ,षष्ठी,अष्टमी ,दशमी ,द्वादशी ,चतुर्दशी तिथियों में तो पुत्र की प्राप्ति होगी || पुत्री की कामना रखने वाले -विषम तिथियों का प्रयोग कर सकते हैं अर्थात -प्रतिपदा ,तृतीया ,पंचमी ,सप्तमी ,नवमी ,त्रयोदशी || एकादशी में मिलन होने पर कलंकित संतान होती है || अमावस्या -में मिलन होने पर भी पुत्री की प्रप्ती होती है | पोर्णिमा तिथि -में भी मिलन होने पर पुत्री की प्राप्ति हो सकती है - ="मनुस्मृति" का -मत है की -एकादशी ,अमावस एवं पूर्णमासी -को मिलन नहीं होना चाहिए ,इन तिथियों में देवता, पितरो की ही आराधना करनी चाहिए ||--भाव -मित्र बन्धुगन-आज हमलोग पुत्र प्राप्ति के लिये कुछ भी करते हैं ,किन्तु हमारा थोडा सा सात्विक विचार [सात्विक प्रयास ] से मनोनुकूल संतान भी मिलेगी और महिला पक्षको आत्म खिन्नता का अहसास भी नहीं कराएगी ||
--कर्मकांड में षोडश संस्कार होते हैं -गर्भाधान संस्कार ,पुंसवन संस्कार और सीमंत संस्कार ये तीनों संस्कार हमें अच्छी संतान देते हैं इन संस्कारों को भूलने के कारण ही हमलोग अपनी संतानों से दुखी होते हैं ---इन संस्कारों से हम अपनी ईच्छानुसार संतान प्राप्त आज भी कर सकते हैं --इन संस्कारों में धन नहीं मन और नियम करने पड़ते हैं ।
       = ध्यान दें --निःशुल्क ज्योतिष जानकारी कोई भी विवाहित व्यक्ति एकबार रात्रि -8 से -9 -30 में फ़ोन से मित्र बनकर प्राप्त कर सकते हैं किन्तु जानकारी प्राप्त करते समय पहले चैट पर राम -राम लिखना होगा ।
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मंगलवार, 10 सितंबर 2013

"काल सर्प दोष के लक्षण और निदान !"

"काल सर्प दोष के लक्षण और निदान !"
"ज्योतिष गणित की कुंडली में जब काल सर्प दोष से युक्त जातक होता है -तो जिन भावों में राहू और केतु विराजमान होते हैं प्रायः पड़ेशानी भी उसी प्रकार की होती है ||
1 -लग्न अर्थात प्रथमभाव,धन अर्थात द्वितीय भाव -में यदि राहू और केतु हो ,एवं काल सर्प दोष भी हो तो -जातक को -मन,धन,पतनी ,एवं स्वास्थ तथा व्यवहार के क्षेत्रों में पड़ेशानी रहती है ||निदान -पितृगायत्री के जाप एवं काल सर्प दोष के समाधान के उपरांत ही इन बातों से शांति मिलती है ||
2 -पराक्रम अर्थात तृतीय भाव ,माता अर्थात चतुर्थ भाव -में यदि काल सर्पदोष हो तो -भाई बंधुओं ,माता ,सास,संपत्ति ,वाहन इत्यादि से कष्ट होता है ||-निदान -पितृ गायत्री के साथ -नंदी श्राध ,एवं काल सर्प दोष के निदान के उपरांत ही शांति मिलती है ||
3 -संतान -अर्थात पंचम भाव,भार्या अर्थत सप्तम भाव ,आयू अर्थात अष्टम भाव-में यदि कालसर्प दोष हो-तो शिक्षा में बाधा ,संतान ,उन्नति ,दाम्पत्य सुख ,स्वास्थ की पीड़ा रहती है -निदान -महामृत्यंजय जाप ,के साथ -साथ कालसर्प दोष का उपचार करना चाहिए ,तभी इन सभी बातों से राहत मिलती है ||
4 -रोग अर्थात षष्ठ भाव , भाग्य अर्थात नवम भाव ,द्वादश भाव में यदि काल सर्प दोष हो तो -शत्रुता ,रोग ,भाग्य ,एवं खर्च तथा प्रगति में सदा बाधा रहती है ||निदान -5 लाख ब्रह्म गायत्री के जाप,नंदी श्राध ,तर्पण ,मार्जन के साथ -साथ कालसर्प दोष का निदान करने से ही शांति मिलती है ||
5  कर्मक्षेत्र -अर्थात -दशम भाव ,आय अर्थात एकादश भाव में यदि काल सर्प दोष हो तो -पिता ,कर्मक्षेत्र ,आमदनी ,के क्षेत्र में दिक्कत होती है निदान -राहू के 72  हजार जाप केतु के 28  हजार जाप तुला दान के साथ -साथ कालसर्प दोष का उपाय करने के उपरांत ही इन बातों से शांति मिलती है ||
-----भाव -मित्र बन्धु -कर्मकांड वैदिक प्रक्रिया के अनकूल कराने से ही निदान होता है परन्तु -आज कल हम लोग तोल मोल का भाव करते हैं-सरल और छोटा उपाय करने के पक्ष में रहते हैं जो हमें सही फल प्रदान नहीं करते हैं,यदि हम सपरिवार मिलकर कोई यग्य करें ,तो भार भी कम और फल भी सम्पूर्ण मिलेगा ||
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सोमवार, 9 सितंबर 2013

"कालसर्पदोष" का अनुभव और निदान "

  "कालसर्पदोष" का अनुभव और निदान "
"ज्योतिष" के दो रूप हैं -गणित एवं फलित | -गणित-अर्थात गणना,फलित अर्थात -फलादेश | आज कोई भी गणना भी कर लेता है और फलित भी कर देता है | वास्तविकता क्या है  = हमें कुंडली का निर्माण और फलादेश के लिये उपाधि प्राप्त करनी पड़ती है ,और उस उपाधि का नाम है -"ज्योतिषाचार्य " यहाँ तक पहुँचने ले लिये हमें ,=प्रथमा,मध्यमा ,उत्तर मध्यमा या उपशास्त्री ,और अंत में "आचर्य" की उपाधि मिलती है| यहाँ तक पहुँचने के लिये हमें कई ग्रंथों के अध्ययन करने पड़ते हैं-जैसे -शिघबोध ,मुहूर्त चिंतामणि ,ताजिक नीलकंठी ,व्रेहतपराशर इत्यादि |
तब हम इस योग्य होते हैं ,कि आपका भविष्य बता सकें | "जन्मकुंडली" में  जब सभी  राहू एवं केतु के मध्य सभी ग्रह विराजमान होते हैं ,तो "कलसर्पदोष" कहते हैं यह दोष कई कारणों से बनते हैं | कभी-कभी "पितृदोष के कारण भी बन जाता है ,परन्तु यह योग तो होता है ,किन्तु समाधान भी कई प्रकार से करने पड़ते हैं | इस योग का सबसे बड़ा जो प्रतिफल है वो है ,मन और काम के क्षेत्रों में जातक को भयभीत करना | इस योग से दिक्कत भी होती है ,किन्तु यदि सही समाधान हो तो जरुरी नहीं कि दिक्कत दूर नहीं हो सकती है | यह विशेष दिक्कत तब देते हैं जब -राहू या केतु की महादशा या अनार्दशा चल रही हो | प्रायः -कुंडली में एक राशि  में यह ग्रह डेड़  साल तक निवास करते हैं | आगे हम इनके उपाय का निदान बतायेंगें |
 ज्योतिष सेवा सदन -{मेरठ- भारत }प्रबंधक पंडित के० एल० झा शास्त्री हेल्प लाइन मेरठ -09897701636 +09358885616 -----किशनपुरी धर्मशाला देहली गेट मेरठ --
{कोई भी विवाहित व्यक्ति अपनी कुण्डली की जानकारी एकबार निःशुल्क रात्रि -8 से 9 ,30 में फ़ोन से प्राप्त मित्र बनकर कर सकते हैं }-{1 }---दोस्ती के लिए इस लिंक पर जायें - -!https://www.facebook.com/kanhaiyalal.jhashastri
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रविवार, 8 सितंबर 2013

"काल सर्प दोष को समझें !चिंतित न हों ?"

"काल सर्प दोष को समझें !चिंतित न हों ?"

विधाता की रचित प्रकृति में अदभुत पहेली है ,जिसको समझना इतना आसन नहीं है ,फिर भी संसार में जितने भी जीव हैं उसमे मानव को इतनी समझ तो है ही कि,अपनी राह को सरल तो बना ही सकता है |-आइये जानने की कोशिश करते हैं -कि "कालसर्प" दोष आखिर है क्या और हमारे जीवन में कौन सी उलझनें उत्पन्न करता है ?- जन्म "कुंडली" में द्वादश भाव होते हैं ,और नवग्रह होते हैं -सभी ग्रह [राहू और केतु को छोड़कर ] सामने से भ्रमण करते हैं किन्तु राहू केतु वाम भाग [पीछे ] से भ्रमण करते हैं ,-सभी ग्रहों का चलने की गति होती है-सूर्य -एक मास-रहते हैं 1 -राशि में ,चंद्रमा -ढाई दिन रहता हैं 1--राशि में ,मंगल 2  मास के करीब रहता हैं - 1 -राशि में ,बुध और शुक्र भी डेढ़  मास  के करीब रहते हैं -1 राशि में ,गुरु -1 -वर्ष रहते हैं 1 - राशि में ,राहू और केतु -डेढ़  साल करीब रहते हैं 1 राशि में ,शनि -ढाई साल रहता  हैं -एक राशि में ?-इसका मतलब हुआ कि जब राहू और केतु वाम भाग से चलते हैं और डेढ़  साल रहते हैं एक राशि में तो डेढ  साल तक कुछ राशि वालों के लिये पीड़ा कारक रहेंगें | तो निश्चित है अमुक राशि के जितने भी लोग होंगें तो - क्या सभी काल सर्प योगी और दुखी होंगें -शास्त्रकारों का अनंत मत और अनन्त ग्रन्थ हैं -किन्तु हमारा मानना है -ये दोष से युक्त तो जरुर होंगें जातक ,परन्तु -इन दोषों के  निदान और नाम अलग -अलग होगें ||
[1 ]-जब कालसर्प दोष से युक्त जातक होता है -तो सर्व प्रथम सभी कार्यों में दिक्कत आती है ,मन अनुकूल नहीं होता है ,ये राहू -केतु ,जिन भावों में होंगें तकलीफ भी उसीप्रकार की प्रदान करेंगें ||
[2 ] -यदि पूर्वजों की अकाल म्रित्यु हुई हो तो ये दोष वंशावली हो जाता है-अर्थात उस परिवार के जितने भी सदस्य होंगें सभी इस दोष से युक्त होते जायेंगें ||
[3 ]-कभी -कभी इस दोष से युक्त जातक का स्थान निरंतर परिवर्तनशील होता रहता है ||
---भाव -इस दोष का निदान अनिवार्य होता है परन्तु चिंतनीय नहीं होता है -जब हम विमार होते हैं-तो औषधियों का सेवन करके सही हो जाते हैं -ठीक इसी प्रकार से ये कष्ट का लक्षण होता है ,जिसको उपचार और उपाय से सही किया जा सकता है ||[भाग २ काल प्रसारिक करेंगें ]
ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }
निःशुल्क "ज्योतिष "सेवा रात्रि 8 से 9.30 प्राप्त करें--{एकबार मित्र बनकर फेसबुक पर }09897701636+09358885616--!https://www.facebook.com/kanhaiyalal.jhashastri

शनिवार, 7 सितंबर 2013

"ज्योतिष सेवा सभी मित्रों को एकबार अवश्य मिलेगी ?"

"ज्योतिष सेवा सभी मित्रों को एकबार अवश्य मिलेगी ?"
1 --प्रत्येक रात्रि समय -8 से 9 . 30 तक निःशुल्क ज्योतिष सेवा सभी मित्रों के लिए उपलब्ध रहती है । 
 2 -ज्योतिष सेवा फ़ोन से ही मिलती है किन्तु चैट पर राम -राम लिखना अनिवार्य है । 
3 --ज्योतिष सेवा एकबार ही निःशुल्क और सही मित्र बनकर ही प्राप्त कर सकते हैं । 
4 --निःशुल्क ज्योतिष जानकारी प्राप्त कर चुके हैं किन्तु पुनः ज्योतिष जानकारी चाहते हैं तो केवल -200 दो सौ रूपये देकर कभी भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं
5- मित्र नहीं बनना चाहते हैं किन्तु ज्योतिष जानकारी चाहते हैं तो -200 दो सौ रुपये देकर प्राप्त कर सकते हैं ।
--6 --ज्योतिष सेवा सदन से आजीवन ज्योतिष जानकारी चाहते हैं -तो केवल -1100 एग्यारह सौ रूपये देकर समयानुसार जानकारी प्राप्त करते रह सकते हैं ।
--7 --निःशुल्क ज्योतिष जानकारी प्राप्त कर चुके मित्रों से हमें मित्रता समाप्त करनी पड़ती है --लेकिन हम ज्योतिष सेवा सदन के पेज ,समूह और ब्लॉग पोस्ट से जोरे रखते हैं ताकि आप सदस्य बने या न बनें ज्योतिष एवं कर्मकांड के लेखों से रूबरू होते हैं ।
खाता संख्या -20005973259 स्टेट बैंक  मेरठ -आई, एफ, सी- कोड-एस बी आई एन 0002321----
  हमारा पत्ता -ज्योतिष सेवा सदन
प्रबंधक -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री
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गुरुवार, 5 सितंबर 2013

देश -विदेशों में घटित होने वाली घटनाएँ {सितम्बर -2013}?"

देश -विदेशों में घटित होने वाली घटनाएँ {सितम्बर -2013}?"
--सितम्बर माह तारीख -08 /से 19 /2013 ----तुला राशि में स्थित शुक्र दुःख एवं सुख की प्रतिक्रिया को जन्म देगा ------"यदा दैत्यगुरुश्चैव तुला राशि प्रवर्तते | मेदिन्यां क्षेम मारोग्यम किंचित -किंचित रोधकृत | | 
----भाव ---अन्तर्राष्ट्रीय जगत में वैर -विरोध के साथ -साथ भय व्याप्त होगा । कहीं शांति की कोशिश होने से राहत मिलेगी लोगों को । जनता सुख -शांति का अनुभव करेगी । देश में विदेशी अतिथियों का आना खलेगा । कहीं विजय मिलने से ख़ुशी मिलेगी । राजनीति में उलटफेर हो सकता है । किसी प्रदेश की सरकार दिक्कत का सामना करेगी । बड़े अधिकारी का तबादला से चर्चा में रहेगी सरकार । बड़े घोटाले का खुलासा जानलेवा हो
सकता है । 
----तेजी मंदी विचार ---पदार्थों की कमी से मंहगाई बढ़ेगी । पक्ष के आरम्भ का भाव पलट जायेंगें अंत में ।चालू बाजार का रुख देखकर ही विशेष व्यापार करें । शेयर ,सट्टा ,सर्राफाबाजारमें नरमी रहेगी । 
----आकाश लक्षण-----पक्ष में वर्षा हो सकती है । समुद्री तूफान से भय संभव है ।---08 सितम्बर को होने वाला बुधोदय अन्तरिक्ष में उत्पात मचायेगा । अर्थात कहीं बादल फाड़ वर्षा होगी । यान -खान दुर्घटना घाट सकती है ।  सर्वे भवन्तु सुखिनः "श्री हरि "
भवदीय -ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ भारत }निःशुल्क ज्योतिष जानकारी रात्रि 8 से 9 . 30 में एकबार अवश्य मित्र बनकर प्राप्त करें ---सूत्र -09897701636 +09358885616 ------आजीवन सदस्यता शुल्क -1100 देकर आजीवन ज्योतिष जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ।

शनिवार, 31 अगस्त 2013

"शेयर बाजार" ज्योतिष विशेष?" {सितम्बर- 2013}

"शेयर बाजार" ज्योतिष विशेष?" {सितम्बर- 2013}
---मास की शुरुआत में ही |"राहु +केतु " का प्रभाव से विदेशी बाजार हावी हो जायेगा ,तेल से जुडी सभी कम्पनीयों के शेयर्स बढ़ जायेंगें | दुसरे सप्ताह में तुला के शुक्र के कारण ही बाजार तेज खुलेगा | तारीख -06 /से लेकर 15 /तक आई.टी। ,मेडिकल एवं एजुकेशन से जुडी सभी कम्पनियों के शेयर्स तथा म्युचुअल फंड ,बैंक कम्पनियां ,इंजीनियरिंग ,टेक्सटाइल,सीमेंट के साथ -साथ खाद्यान्न सामग्री बनाने वाली कम्पनियां तेज होंगीं अतः ये निवेश के योग्य हैं |कन्या राशि के सूर्य की संक्रान्ति 16 /दिन सोमवार होने से बाजार में स्थिरता रहेगी| जिससे तेजी -मंदी का मिला जुला असर होगा | तेजी के कारण अचानक मंदी का झटका मध्य के बाद लगेगा अतः जो सौदा पड़ा है उसे पड़ा ही रहने दें बाद में निकालें लाभ मिलेगा | महीने के तीसरे सप्ताह में 25 /को प्लूटो के मार्गी होने से इलेक्ट्रानिक आइटमों में मंदी आयेगी ,मशीनरी ,टेक्सटाइल,स्टेशनरी ,काफी ,चाय में तेजी आयेगी | मास के अंत में निवेशक -बैंकिंग ,टेलिकॉम,एवं छोटे भाव के सभी शेयर्स -जैसे किंगफिशर,विजया बैंक ,हिंडाल्को ,रैनबैक्सी,डा,लैब }में निवेश लाभप्रद होगा |
   -----नोट --सितम्बर 2013 में विशेष बात यह होगी शेयर बाजार में तेजी की चाल सहम सी जायेगी जिस कारण ठहरी मार्केट में निवेशक अधिक रूचि नहीं लेंगें अतः मार्केट में मंदी छा जायेगी |
     -----अनुकूल शेयर -सितम्बर 2013 में -किंगफिशर,हिंडाल्को ,डा,लैब ,हब टाउन। आर आल ग्रुप। विप्रो ,डेल सैमसंग ---होंगें  |
  प्रेषकः -ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }
हेल्पलाइन -09897701636 +09358885616  
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शुक्रवार, 23 अगस्त 2013

"श्रीकृष्णजन्माष्टमी उत्सव मतभेद रहित होगा ?"

"श्रीकृष्णजन्माष्टमी उत्सव मतभेद रहित होगा ?"
---28 /08 /2013 -बुधवार को सर्व सम्मति से श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत और उत्सव मनाया जायेगा |अबके साल सर्वसम्मति अर्थात एकमत होगा | बारह वर्षों के बाद इस व्रतोत्सव को स्मार्त -वैष्णव अर्थात समस्त श्रद्धालुजन एक साथ मिलजुलकर इस पावन पर्व को मनायेंगें |अर्धरात्रि के समय -रोहिणी नक्षत्र ,अष्टमी तिथि ,बुधवार का संयोग होने से जीव के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और शुभ फल की प्राप्ति भी होती है
     -----'रोहिण्या मर्धरात्रे च यदा कृष्णाष्टमी भवेत,तस्यामभ्यर्चनं शीरेह्न्ति पापं त्रिजन्म्नम "
इन समस्त योगों के होने पर जो भी भाव युक्त व्रतोत्सव मनाता है उसके तीन जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं |
    भाव --एक साथ मिलजुलकर पुण्यार्जन करने का सौभाग्य कई वर्ष बाद मिला है आगे संवत 2097 में मिलेगा |
"जय श्रीकृष्ण" समस्त मित्रों को भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनायें |
    आपका -ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }  

बुधवार, 21 अगस्त 2013

"देश -विदेशों में इस पक्ष होने वाली घटनाएँ ?"{ज्योतिष -विशेष }

"देश -विदेशों में इस पक्ष होने वाली घटनाएँ ?"{ज्योतिष -विशेष}
---22 /08 /2013 से 5 /09 /2013 -देश विदेशों में होने वाली तमाम विशेष घटनाओं पर ज्योतिष का आकलन |
   ---भाद्र कृष्ण पक्ष संवत 2070 --इस महीने में पांच बुधवार होने से उत्तम रहेगा तो पांच गुरुवार के होने से उत्तम नहीं होगा ---जैसे --"यत्र मासे पंचवाराः जायन्ते च ब्रेहस्पतेह ,विग्रहः पश्चिमे देशे खड्गयुद्ध्नचजायते "---भाव गुरूवार पांच होने से पश्चिमी देश -तथा भारतीय कुछ प्रदेशों में भारी राजविग्रह होगा | देश जैसे -पाकिस्तान ,अफगानिस्तान ,नेपाल ,ईराक ,साऊदीअरब,टर्की ,तथा यूरोपीय देश तनावग्रस्त हो सकते हैं | अमेरिकादि देश सैन्यबल बढ़ाने की कोशिश करेंगें | एशिया में अड्डा बनायेंगें | पडौसी राज्यों से सतर्क रहना होगा | कश्मीर समस्या कुछ और भी जटिल होगी | नीच का मंगल राजनीति में संघर्ष करायेगा | चुनावी घोषणा हो सकती है |
------तेजी मंदी विचार ---तिथियों की घटा बढ़ी से भाव यथावत रहेगा  किन्तु चतुर्थी का शनिवार होने से उत्तम योग नहीं है अतः आम उपभोग की वस्तुएं दुर्लभ हो सकती हैं | देश एक दूसरे की सहायता नहीं करेंगें जिससे उत्तरोतर मंहगाई बढ़ेगी एवं लोग पीड़ित होंगें 1 सोने का दाम बढेगा अर्थात सोने में तेजी आयेगी |
-----आकाश लक्षण ----अगस्त के बाद वर्षा समाप्त हो जाती है किन्तु इस पक्ष में सभी जगहों पर वर्षा होगी | पूर्व एवं दक्षिण संभागों में अतिवृष्टि ,बाढ़ का तांडव नृत्य से जन धन की हानि होगी 1 सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में दुर्दिन होने से यातायात में बाधा पड़ेगी -अर्थात इस पक्ष कोई कुघटना चक्र संभव है { आगे श्री हरि कृपा} |
निवेदक ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }
निःशुल्क ज्योतिष जानकारी सही मित्र बनकर फ़ोन से रात्रि 8 -9 30 तक एकबार प्राप्त कर सकते हैं --हेल्पलाइन -09897701636 +09358885616

सोमवार, 19 अगस्त 2013

"कुण्डली में "मंगलीयोग"कैसे बनता है-{ज्योतिष -विशेष }

"कुण्डली में "मंगलीयोग"कैसे बनता है-{ज्योतिष -विशेष }
--"लग्ने व्यये च पाताले जामित्रे चाष्टमे कुजः ,कन्या भर्तु विनाशाय भर्तु कन्या विनाशकः ||
भाव -यदि जन्मकुण्डली के -1,4 ,7 ,8 ,12 इन स्थानों में से किसी एक स्थान में मंगल हो तो मंगली योग माना जाता है | यदि लड़की की कुंडली में मंगली योग हो तो उसके पति के लिए तथा लड़के की कुंडली में मंगली दोष हो तो पत्नी के लिए कष्टकारी होता है |
   अस्तु --जन्मकुण्डली का सातवाँ भाव अर्थात जामित्र स्थान दाम्पत्य जीवन में मिलने वाले दुःख -सुख से सम्बन्ध रखता है  |दाम्पत्य जीवन कैसा रहेगा यह निर्णय सप्तम भाव से करते हैं साथ ही उक्त भाव स्थित ग्रहों से तथा ग्रहों की दृष्टि से अनुभव किया जाता है | मंगल ग्रह अग्नितत्व कारक स्वभाव से उग्र होता है | अगर कुण्डली के 1 ,4 ,12 वें भावों में बैठा हो तो तब सातवें भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता है सातवें +आठवें  भाव में होने उन्हें विशेष पीड़ित करता है | मंगल का तीक्ष्ण प्रभाव ही दुःख का कारण बनता है | फलित के प्रणेता कार  आठवें भाव को भी दाम्पत्य जीवन से सम्बन्धित मानते हैं -----
     जैसे----"यत्कुजस्य फलं प्रोक्तं लग्ने तुर्येव्ययेअष्टमे,सप्तमे सैंहिके यार्क सौरिणाम च तथा स्मृतं ||
भाव -1 ,4 ,7 ,8 ,12 वें भावों में मंगल के अतिरिक्त और भी पापक्रूर ग्रह बैठे हों तो भी मंगली दोष  के समान हानि देते हैं जैसे -सूर्य ,शनि ,राहु ,केतु इत्यादि 1
   ध्यान दें --सप्तम भाव का कारक शुक्र है और मन का कारक चंद्रमा है | अतः शुक्र +चंद्रमा से भी योग कारक ग्रहयोगों का विचार अवश्य करना चाहिए 1
    निवेदक -ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }
कार्यालय सूत्र -09897701636 +09358885616  

"कुण्डली मिलान" अति कठिन किन्तु सत्य है?"

"कुण्डली मिलान" अति कठिन किन्तु सत्य है?"
---जब आप- कुंडली मिलान के लिए -ज्योतिषी ,आचार्य ,विद्वान भूदेव ,गुरुजन या आस्था के प्रतीक व्यक्ति के पास जाते हैं तब आपकी हार्दिक इच्छा यह होती है कि इस पवित्र सम्बन्ध की सही जानकारी मिले -----
    अस्तु --आचार्य -ज्योतिषी आपकी भावना के अनुरूप कार्य भी करते हैं किन्तु यह कार्य अति कठिन होता है हमलोग केवल गुण मिलना ही मिलान समझते हैं जबकि ---जन्म कुण्डलियों में मंगलीयोग ,दीर्घायु -अल्पायु योग ,संतानयोग,पति -पत्नी में परस्पर आसक्ति -अनासक्तियोग ,विषकन्या-विषवधुयोग,कुलता या आचरण हीन योग ----"पंचपाणीग्रहे दोषाः वर्जनीयाः प्रयत्नतः " अर्थात -"दारिद्र्यं मरणं व्याधिः पोन्श्चल्य मन पत्यता "---भाव कुंडली में -दारिद्रय योग,दुर्मरण -अकालमृत्यु योग ,शारीरिक रोग ,नपुंसकता ,रज -वीर्य बलाबल ,मन की निर्बलता -सबलता के योग तो अवश्य ही विचारणीय चाहिए 1
  ----ऊपर बताये गए सभी योग विवाहित जीवन में अपना विशेष महत्त्व रखते हैं ---साथ ही सुख समृद्धि में सहायक भी होते हैं 1
नोट ----किन्तु इतना सही कार्य केवल केवल मर्मग्य विद्वान -आचार्य ही कर सकते हैं अतः कुंडली मिलान करते +कराते -समय सही निर्णय लें अन्यथा ज्योतिष और ज्योतिषियों की छवि धूमिल होगी 1
  प्रेषकः ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }
परामर्श कार्यालय सूत्र -09358885616+09897701636 

शुक्रवार, 16 अगस्त 2013

"रक्षाबन्धन {राखी }पर्व कब मनायें ?"

"रक्षाबन्धन {राखी }पर्व कब मनायें ?"
श्रावण शुक्ल पूर्णिमा के दिन दोपहर के समय राखी बांधने का शास्त्रों में बिधान है | किन्तु भारत के अधिकांश भूभागों में सुवह के समय ही राखी बाँध ली जाती है |
  ----अस्तु ---इस वर्ष 20 अगस्त 2013 मंगलवार में भद्रा की व्याप्ति पूर्णिमा विहितकाल में रात्रि के प्रथम प्रहार तक रहेगी | भद्रा में रक्षाबंधन और होलीका दहन दोनों को वर्जित कहे गये हैं----
      -----भद्रायां द्वे न कर्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी तथा ,श्रावणी नृपति हन्ति ग्रामं दहति फाल्गुनी ||
भाव -अगर भद्रा में रक्षाबंधन अर्थात राखी पर्व मानाते हैं तो कष्ट मिलता है और होली अगर भद्रा में जलाते हैं तो नगर में अग्नि का प्रकोप झेलना पड़ता है |
    अतः --21 -अगस्त में उदया पूर्णिमा सूर्यांतर -3 घटि 12 पल अर्थात करीब दोपहर 1. 30- तक व्याप्त रहेगा -जो कि भद्रा से सर्वथा मुक्त है इसलिए इसी समय राखी बाँधना उचित रहेगा |
  ---वर्षकृत्य-प्रदीपकार ने तो मुहूर्त मात्र उदया पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन के लिए उचित माना  है1 रक्षाबन्धन ,होलिकादहन दोनों पर्व तिथि परक सुनिश्चित है चाहे उस दिन ग्रहण हो या संक्रांति या भद्रा ही क्यों न हो इन्हें इधर -उधर हटाया नहीं जा सकता है --किन्तु हित का समय अवश्य निकाला जा सकता है |
  निर्णयसिन्धुकार-- का कथन यह है--"इदं रक्षा बन्धनं नियतकालत्वाद्भद्रावर्ज्य ग्रहणादिनेपिकार्य होलिकावतग्रहसंक्रन्त्यादोरक्षानिषेधाभावात -------अर्थात अपने विदित समय पर ही ये दोनों पर्व मनाने चाहिए
अर्थात रक्षाबंधन 21 अगस्त 2013 बुधवार में ही सर्वमान्य होगा |  
   प्रेषकः ---ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत}

रविवार, 11 अगस्त 2013

"वास्तु और दिशा-ब्रह्मस्थल {ज्योतिष -विशेष }?"

"वास्तु और दिशा-ब्रह्मस्थल {ज्योतिष -विशेष }?"
----वास्तु अर्थात -निवास स्थान ----दश दिशायें होती हैं उन सभी दिशाओं का अपना -अपना प्रभाव होता है | एक आम व्यक्तियों के लिए वास्तु के अनुकूल भले ही भवन न निर्माण हो सके किन्तु एक कोशिश अवश्य हो सकती है जिस प्रकार से ज्योतिष शास्त्र में भाग्य का परिवर्तन भले ही न हो सके किन्तु कर्मकांड के द्वारा रक्षा अवश्य हो सकती है |
अस्तु -----ब्रह्मस्थल --अर्थात --भवन का "आंगन "---के देवता स्वयं ब्रह्माजी हैं तथा तत्व आकाश है | इस स्थान पर अर्थात "ब्रह्मस्थल " पर आँगन अवश्य होना चाहिए साथ ही ऊपर से खुला जाल होना भी चाहिए जिससे आँगन में धुप -हवा का आना उत्तम रहता है | भवन का साफ सुथरा निर्माण एवं भार रहित होना निवासियों को विशाल हृदय के साथ -साथ विशाल बुद्धि मिलती है |
    -----निवास और कार्यालय का अकार वर्गाकार एवं -21 %1 अनुपात तक आयताकार शुभ होता है | प्रवेशद्वार शुभ जगह होना चाहिए | निर्माण एवं गृहप्रवेश शुभ मुहूर्त  में होना अति आवश्यकहोता है |भवन की उत्तर दिशा एवं पूर्व दिशा में सड़कऔर खुला होने से शुभ रहता है| छत पर कबाड़ नहीं होना चाहिए | बंद घड़ियाँ ,बेकार मशीन भी घर में नहीं रखने से वास्तु देवता प्रसन्न रहते है ,घर में रहने वाले सभी लोग प्रसन्न रहते हैं|
भाव ---जीवन में जितनी जरुरत ज्योतिष की होती है शायद अगर माने तो वास्तु भी बहुत ही जरुरत की चीज है -जिसे हम परखकर देख सकते हैं --हम अपने संस्कार और संस्कृति जीवित रखने के लिए सदियों से वास्तु का भी अनुसरण करते आये हैं जभी तो दूर से ही तुलसी ,ॐ ,स्वस्ति की अलौकिक छवि भवन के द्वार पर पहले ही दिखाई देती है यही तो वास्तु शास्त्र की वास्तविकता है |
प्रेषकः -ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत } परामर्श हेतु सूत्र -09897701636 +09358885616

शनिवार, 10 अगस्त 2013

"जुड़े हुए और जुड़ने वाले सभी सदस्य निवेदन पर ध्यान दें ?"

"जुड़े हुए और जुड़ने वाले सभी सदस्य निवेदन पर ध्यान दें ?"
1. ---आपका अपना चित्र प्रोफाइल पर अवश्य होना चाहिए ,आपकी समस्त जानकारी प्रोफाइल में सही एवं अनुकूल होनी चाहिए क्योंकि ज्योतिष की लालसा सबको होती है और जुड़ने वाले या जुड़ें हुए मित्रों - में कोई माँ ,कोई बहिन ,कोई पिता तो कोई भाई की तरह होंगें और हम जैसे एक परिवार में रहते हैं --ठीक ज्योतिष सेवा सदन एक परिवार की भांति सभी मित्रों के साथ व्यवहार करता है -आशा है --अगर आप ज्योतिष सेवा सदन से जुड़ें हैं तो आपका आचरण एक परिवार की तरह होना चाहिए अन्यथा दोस्त न बनें या जो नियमावली का पालन नहीं कर सकते हैं वो मित्र ज्योतिष सेवा सदन से मित्रता समाप्त कर दें |
2 . ----निःशुल्क ज्योतिष सलाह रात्रि -8 से 9. 30 में केवल मित्र अपनी ही कर सकते हैं केवल एकबार इसके लिए जानकारी प्राप्त करने वाले मित्र को चैट पर केवल राम -राम लिखना होगा और जानकारी फ़ोन से उसी समय प्राप्त करनी होगी अगर आप फ़ोन से जानकारी नहीं प्राप्त करते हैं तो दुबारा जानकारी नहीं मिलेगी या दोस्ती समाप्त कर दी जायेगी ध्यान दें फ़ोन का अतिरिक्त खर्च नहीं आयेगा |
3 . -----अगर आप विदेशों में रहते हैं तो एकबार निःशुल्क जानकारी स्काइप पर रात्रि 8 से 9 -30 में प्राप्त कर सकते हैं किन्तु उससे पूर्व आपको फेसबुक पर राम -राम चैट पर लिखना होगा | अगर आप आजीवन सदस्य हैं तो स्काइप पर जानकारी कभी भी प्राप्त कर सकते हैं |
4 . ---अगर आप दोस्त नहीं बनना चाहते हैं तो शुल्क 100 रूपये देकर कभी भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं | अगर आपको एकबार निःशुल्क सलाह मिल चुकी है दुबारा चाहते हैं तो केवल -100 रूपये देकर पुनः जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
नोट ज्योतिष सम्बंधित किसी भी प्रकार की जानकारी  केवल फ़ोन से ही प्राप्त कर सकते हैं ----चैट पर कोई भी जानकारी नहीं मिलेगी --आशा है सर्वे भान्तु सुखिनः ----का पालन सभी मित्र करेंगें |
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"वायुकोण और उत्तरदिशा= विचार वास्तु का कैसे करें ?"

"वायुकोण और उत्तरदिशा= विचार वास्तु का कैसे करें ?"
--यूँ तो वास्तु शास्त्र एक अथाह सागर की तरह है फिर भी कुछ न कुछ तो मनोनुकूल निर्माण के समय कर ही सकते हैं |
---वायुकोण ---पश्चिम और उत्तर के मध्य भाग को वायुकोण कहते हैं ---निर्मित भवन की इस दिशा -के देवता "वायुदेव" हैं तथा स्वामी -ग्रह चंद्रमा हैं | यहाँ का तत्व "वायु " है | यह दिशा -मित्र ,राज्य ,रिश्तेदारों के लिए सुख कारक होती है अर्थात भवन में यदि यह दिशा दोष रहित होगी तो ये तमाम सुख मिलेंगें रहने वालों को अन्यथा इन सुखों से रहित हो जाते हैं निवास करने वाले लोग | --इस स्थान का खुला होना उत्तम होता है ,यहाँ के फर्श पर वायु का स्पर्श होना चाहिए | इस दिशा में बगीचा लगाने से लाभ होता है |
 ------उत्तरदिशा ----के देवता -धन के स्वामी श्री कुबेरजी हैं तथा स्वामी ग्रह बुद्धिदाता "बुद्धदेव हैं| यह दिशा भवन में अच्छी होने पर -रहने वालों को धन ,ऐश्वर्य ,संपदा देती है | इस दिशा का फर्श लेवल एवं भवन की ऊँचाई दक्षिण की तुलना में नीची होनी चाहिए | इस दिशा में ढलान होना शुभ रहता है | इस दिशा में दक्षिण के मुकाबले अधिक खाली जगह के साथ -साथ हल्का निर्माण और नदी आदि का जलस्रोत होने से सम्पन्नता बनी रहती है |
-------भाव ---अगर हम भवन का निर्माण कर रहें हैं या करने वाले हैं तो क्यों न वास्तु शास्त्र के अनुकूल करें जो हमें सुखद एवं शांति जीवन प्रदान करें 1 ज्योतिष अगर भविष्य द्रष्टा है तो वास्तु अलौकिक सुख प्रदाता है |
प्रेषकः -ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत}-हेल्पलाइन -09358885616 ---

शुक्रवार, 9 अगस्त 2013

"नैऋत्यकोण एवं पश्चिम दिशा" भी वास्तु के योग्य बनायें ?"

नैऋत्यकोण एवं पश्चिम दिशा" भी वास्तु के योग्य बनायें ?" --भवन - निर्माण के समय "नैऋत्यकोण "अर्थात दक्षिण एवं पश्चिम जे बीच का भाग -के देवता नैऋति हैं तथा स्वामी ग्रह राहु एवं केतु हैं |यहाँ का तत्व पृथ्वी है | यह दिशा नेतृत्व ,कंट्रोल ,स्थायित्व प्रदान करती है अर्थात -वास्तु का स्थान यही है | यहाँ सबसे भारी ,सबसे ऊँचा निर्माण ,सबसे ऊँचा फर्श का लेवल होना चाहिए | इस दिशा का पूरी तरह ढका एवं बंद होना स्थिरता के साथ -साथ भाग्य को भी बुलंद करता रहता है |
  नोट -इस दिशा में सही निर्माण नहीं होने से लोग अस्थिर रहते हैं एवं भाग्य भी सही साथ नहीं देता है -अतः निर्माण के समय अवश्य ध्यान दें |
--------पश्चिम दिशा ---के देवता -वरुण हैं तथा स्वामी ग्रह "शनिदेव "हैं | यह दिशा सामंजस्य ,प्रेमप्रदाता और न्याय बुद्धि के दाता होती है| यहाँ के फर्श का लेवल तथा भवन की ऊँचाई पूर्व दिशा के अनुपात ऊँचा होना सही रहता है | पूर्व दिशा की अपेक्षा भारी निर्माण होना चाहिए | साथ ही साथ पूर्व दिशा की अपेक्षा कम खुली जगह वास्तु सम्मत है |
---भाव -जब भी निर्माण भवन का करना हो तो ये शायद काम आये -पश्चिम दिशा में निर्माण करते समय इस बात पर ध्यान देने से मन शांत और सही राह चलने की क्षमता रहने वालों को सदा मिलती रहती है |
भवदीय -ज्योतिष सेवा सदन{मेरठ -भारत } परामर्श शुल्क 100 रूपये प्रतिबार ---आजीवन सदस्यता शुल्क -1100 सौ रूपये केवल एकबार -सहायता सूत्र -09358885616  

"वास्तु के अनुकूल हैं " अग्नि कोण +दक्षिण दिशा"?"


"वास्तु के अनुकूल हैं " अग्नि कोण +दक्षिण दिशा"?"
--अग्निकोण -के स्वामी "अग्निदेवता " हैं ,और स्वामी ग्रह सौन्दर्य एवं भौतिक सुखों के दाता "शुक्रदेव "हैं | यहाँ अग्नि सम्बंधित कार्य ,रसोई ,जनरेटर ,भट्ठी का होना शुभ रहता है | इस दिशा में अंडरग्राउंड जलाशय ,बोरिंग ,नलकूप होने से रहने वाले लोंगों पर बुरा असर पड़ता है --अतः जब भ भवन का निर्माण करें इसका विचार अवश्य करें |
     -------दक्षिण दिशा ----के स्वामी यम देवता हैं 1 स्वामी ग्रह और सेनापति मंगलदेव हैं | यहाँ का फर्श का लेवल एवं मकान की ऊँचाई उत्तर की अपेक्षा ऊँची ,और उत्तर की अपेक्षा कम खुला स्थान के साथ -साथ भारी निर्माण लाभप्रद होता है |
 ---अस्तु ----किसी भी भवन के निर्माण के समय अग्निकोण में अग्निके के सिवा जल का स्थान नहीं होना चाहिए और साथ ही दक्षिण दिशा खाली नहीं होनी चाहिए क्योंकि दिक्षिण की हवा जब घर में प्रवेश करती है तो रोग उत्पन्न होते हैं इसलिए दक्षिण दिशा में भारी वास्तु रखनी चाहिए |
निवेदक -ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }सलाह शुल्क -1100 रूपये प्रतिव्यक्ति आजीवन -सहायता सूत्र -0935885616

बुधवार, 7 अगस्त 2013

"भवन"- की पूर्व दिशा का प्रभाव जानते हैं ?"

"भवन"- की पूर्व दिशा का प्रभाव जानते हैं ?"
---"वास्तु शास्त्र" --महल ,कोठी ,भवन - के निर्माण के समय वास्तु शास्त्र का सदियों से विचार किया जाता है दश दिशाएँ होतीं हैं -सभी दिशाओं के अलग -अलग प्रभाव होते हैं अगर दिशा के अनुकूल निर्माण करते हैं तो सुख भी उसी अनुकूल रहने वालों को प्राप्त होता है --जहाँ -जहाँ दिशाओं में दोष होगा रहने वाले लोग उन -उन सुखों से वंचित रह जाते हैं !
      -----अस्तु ----पूर्वदिशा --के स्वामी देवराज इन्द्र हैं तथा स्वामी ग्रह सौर मण्डल के राजा "सूर्यदेव हैं 1 इस दिशा से प्रभात सूर्य किरणों द्वारा --जीवनीशक्ति ,उत्साह ,निरोगता ,यशश्री,कीर्ति ,राज्यलाभ तथा उत्पादन क्षमता इस दिशा से ही प्राप्त होती है1पश्चिम दिशा की तुलना में यहाँ हल्का नीचा निर्माण ,ईशान कोण से छूता हुआ उत्तर व पूर्व से खुला स्थल साथ ही इस दिशा का दरवाजा -खिड़की जली द्वारा अधिक से अधिक खुला रखना शुभ होता है !
अगर निर्माण हो चुका है तो प्राचीन सिद्धांत के अनुसार "वास्तुपीठ "की पूजा के द्वारा चाहे कितना भी दोष क्यों न हो जाप +पूजन से दोष को दूर कर सम्पन्नता मिल जाती है !
      प्रेषकः ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }
{1 }-सलाह शुल्क केवल 100 रूपये -----आजीवन सलाह शुल्क -1100 सौ रूपये -------सहायता सूत्र
-09358885616

मंगलवार, 6 अगस्त 2013

"वास्तु" का प्रभाव और "ईशान कोण" को जानते हैं ?"

"वास्तु" का प्रभाव और "ईशान कोण" को जानते हैं ?"
--वास्तु का अभिप्राय --जन्म कुण्डली की ग्रहदशा ,गोचर एवं निवास ,कार्यालय का वास्तु -साथ ही निवास करने वाले जातक के कर्म व भाग्य को निश्चित रूप से प्रभावित करते हैं 1 जब जन्म कुण्डली की दशा -गोचर बदलते रहते हैं -और उपचार भी समयानुसार अलग -अलग होते हैं,कितु घर /कार्यालय का वास्तु केवल एकबार अनुकूल बनबाकर एवं उस वास्तु का उचित रखरखाव कर समस्त  पितृगणों ,देवियों ,देवताओं और ग्रहों की कृपा मिल सकती है -----क्योंकि वास्तुशास्त्र भी ज्योतिष एवं आयुर्वेद की तरह सूक्ष्म विज्ञानं पर आधारित और स्वयं सिद्धि वैदिक विज्ञानं है 1
  ----अस्तु --- "ईशान कोण ----के स्वामी देवता महादेव एवं स्वामी ग्रह -देव गुरु वृहस्पति हैं ,इसी स्थान पर वास्तु देव का झुका हुआ सिर है 1 ईशान कोण - से ही सुसन्मति,वंशवृद्धि ,प्रभुकृपा प्राप्त होती है 1 कर्ण रेखा बचाते हुए यहाँ अंडरग्राउंड जलाशय,पूरे मकान के फर्श लेवल का ढलान होना चाहिए --साथ ही इस स्थान का खुला रहना और साफ -सुथरा होना सुपरिणामदायक है 1
   भाव --किसी भी भवन के ईशान कोण में सही व्यवस्था नहीं होने उत्तम विचार ,देवताओं की कृपा -पूर्वजों - का आशीर्वाद नहीं मिलता है भवन लेते समय इस पर विचार अवश्य करें !
भवदीय -ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }
{निःशुल्क ज्योतिष सेवा मित्र बनकर एकबार अवश्य प्राप्त करें रात्रि -8 से 9 . 30 में फ़ोन से -किन्तु ऑनलाइन होना अनिवार्य है -----एकबार सेवा मिल चुकी - है या दोस्त बनने में दिक्कत है तो केवल 100 सौ रूपये देकर ज्योतिष सेवा प्राप्त करें ---अगर आजीवन ज्योतिष सलाह चाहते हैं तो केवल -1100 सौ रूपये में प्राप्त करें -अगर विदेशों में रहते हैं तो स्काइप पर सेवा प्राप्त करें ---स्काइप -ज्योतिष सेवा सदन सहायता सूत्र -09358885616 }  
 

सोमवार, 5 अगस्त 2013

"देश -विदेशों में इस पक्ष क्या -क्या हो सकता है ?"{अगस्त -13 }

"देश -विदेशों में इस पक्ष क्या -क्या हो सकता है ?"{अगस्त -13 }
---एकादश्याम शनौ तस्मिन्नछत्र भंगोअथवाभुवि,नगरग्राम भंगः स्याद वैरी चौरा द्युप्द्रवाह !!
-----भाव ----ग्रहों के नव -पंचम द्विर्दशम योग असंभावी कुघतना चक्र का संकेत करते हैं 1 ईद
,स्वतन्त्रतादिवस ,रक्षाबंधन तथा जन्माष्टमी के अवसर पर विशेष चौकसी बरतनी होगी !
  -----साथ ही साथ ---एकादशी शनिवार की होती है-- उस पक्ष में- किसी महानगर ,ग्राम अथवा प्रदेश में भारी क्षति होती है 1 चोर, उच्चक्के ,लफंगे, असमजिक्तत्व ,आतंकी धार्मिक भावना को ठेंस पहुँचाकर दंगा भड़काने की कोशिश करते हैं 1 मंदिर -मस्जिद -गुरुद्वारा -चर्च आदि को लेकर झगडे -झमेले होते हैं 1 सरकारी तौर पर कड़े से कड़े कदम उठाये जा सकते हैं 1
  ---तेजी मंदी विचार -तिथियों की कमी -वृद्धि होने से पदार्थों की वृद्धि होगी साथ ही बाजार के भाव पड़े रह सकते हैं 1 पक्ष के आरम्भ में बने भाव अंत में पलट जायेंगें 1 कर्क का मंगल ---सभी अनाज -दाल ,चावल ,गुड ,चीनी ,सूतीवस्त्र,धागा ,पन्ना भैंस -बकरी आदि में तेजी करेगा 1
 --- आकाश लक्षण ----पक्ष के आरम्भ एवं अतं में सभी जगहों पर वर्षा होगी 1 रक्षाबंधन --21 अगस्त बुधवार उद्या  पूर्णिमा के दिन मान्य रहेगा 1
--प्रेषकः ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }
{ज्योतिष परामर्श शुल्क -100 सौ रूपये केवल ,आजीवन ज्योतिष परामर्श शुल्क -1100 सौ रूपये केवल---सहायता सूत्र -09897701636 +09358885616 समय प्रातः -8 . 00 से रात्रि -9 . 30 तक }

ज्योतिष सेवा सदन "झा शास्त्री "{मेरठ } Slideshow Slideshow

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रविवार, 4 अगस्त 2013

"निवास की जगह सोचकर लें?"

"निवास की जगह सोचकर लें?"

निवास की कामना सबको होती है । कुन्तु निवास की कोंनसी दिशा हो ,एवं कहाँ लें, यह सभी सोचते जरुर हैं । -निवास के स्थान को {वास्तु }शास्त्रों में कहा गया है ।--स्थान बलबती राजन ? अर्थात स्थान मजबूत हो तो स्थान पर रहने वाले बहुत ही मजबूत हो जाते हैं ।

   आइये हम आपको भवन या जगह लेने में कुछ सुझाव देते हैं---?

{1}-मेष -राशि वालों को -नगर अथवा  भूखंड के उत्तर  भाग की पहली जगह या मकान नहीं लेने चाहिए ।

{२}-वृष-मिथुन सिंह और मकर राशिवालों को नगर या भूखंड के मध्य भाग की जगह या मकान अत्यधिक रास नहीं आते  हैं।।

{३}-वृष एवं मिथुन राशि के लोग -भूखंड के मध्य भाग में न वसें ।

{४}-वृश्चिक राशि के लोग -भूखंड के पूर्व भाग में न वसें ।

{५}-मीन राशि के लोग -भूखंड के अग्निकोण में निवास न लें ।

{6}-कन्या  राशि के लोग भूखंड के दक्षिण भाग में न वसें ।

{७}-कर्क राशि के लोग भूखंड के नैरित्य कोण अर्थात दक्षिण एवं पश्चिम के कोण में निवास न लें ।

{८}-धनु राशि के लोग भूखंड के पश्चिम भाग में निवास न करें ।

{९}-तुला राशि के लोग भूखंड के वायव्य कोण अर्थात उत्तर एवं पश्चिम के कोण में निवास स्थान न लें ।

{१०}-मेष राशि के लोग भूखंड के उत्तर भाग में निवास स्थान न लें ।

{११}-कुम्भ राशि के लोग ईशान कोण में अर्थात उत्तर और पूर्व के भाग में निवास न लें ।

    भवदीय निवेदक "झा  शास्त्री  "मेरठ ।

   संपर्क सूत्र -09897701636,09358885616

    

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वास्तु -अर्थात निवास स्थान की शुद्धि ?"

वास्तु -अर्थात निवास स्थान की शुद्धि ?"

जिस भूमि पर जीव निवास करते हैं -उसे वास्तु कहा जाता है | वास्तु के शुभाशुभ फल प्राप्ति के लिए -"मत्स्य पुराण-अ०-२५१ में लिखा है कि अंधकासुर के वध के समय भगवान् शंकर के ललाट से -पृथ्वी पर जो स्वेदबिंदु गिरे उनसे एक भयंकर आकृति का पुरुष प्रकट हुआ | जिसने अन्धकगणों का रक्त पान किया-फिर भी अतृप ही रहा | अतृप्त होने के कारण-त्रिलोकी को भक्षण करने के लिए चल दिया | जिसे महादेवादि देवों ने पृथ्वी पर सुलाकर -वास्तु देवता के रूप में प्रतिष्ठित किया और उसके शरीर में सभी देवताओं ने वास किया ,इसलिए वह वास्तुपुरुष या वास्तुदेवता कहलाने लगे | देवताओं ने वास्तुको-गृहनिर्माण आदि के वैश्वदेव बलि के तथा पूजन ,यग्य, यागादी के समय पूजित होने का वर देकर कहाकि -वापी ,कूप ,तड़ाग ,गरी ,मंदिर ,बाग़ बगीचा जीर्णोंधार ,यग्य मंडप ,निर्माणदि के समय -जो तुम्हारी पूजा प्रतिष्ठा अर्चना करेंगें उन्हें सभी प्रकार की सौख्य समृद्धि मिलेगी ||

भाव -आजकल वास्तु दोष का निदान हमलोग अपने तरीके से करने लगे हैं ,जो उचित नहीं है | वास्तु का सही निदान पूजन ही है न कि चमक -धमक | यदि वास्तु अर्थात भूमि कि वो जगह जहाँ हम निवास करते हैं -को ठीक रखना है तो आधुनिक निदान नहीं प्राचीन निदान करें -जो सहज के साथ -साथ लाभदायक भी है ||
भवदीय -ज्योतिष सेवा सदन"झा शास्त्री "{मेरठ -उत्तर प्रदेश }
निःशुल्क ज्योतिष सेवा रात्रि 8.00 से-9.30- कोई भी मित्र बनकर प्राप्त कर सकते हैं |
सम्पर्कसूत्र -09897701636+09358885616

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"वास्तु दोष या चमक धमक ?"

  "वास्तु दोष या चमक धमक ?"

परिवर्तन तो प्राकृतिक देन है | वो सबका होता रहता है ,किन्तु वास्तविकता ही बदल जाये ,तो कुछ आश्चर्य होता है | आइये अवलोकन करते हैं ,उन ग्रंथों का - कर्मकांड का प्रतिपादन सर्वप्रथम "शांडिल्य "नामक ऋषि ने किया ?भाव था - आने वाले समय में "द्विज" का भरण पोषण किस प्रकार से हो ? जिस भूमि पर हम निवास करते हैं ,वहाँ यदि किसी प्रकार के भवन का निर्माण करते हैं तो "भूमि दोष " लगता है ,अर्थात  परिवार की प्रसन्नता के लिये हमें वास्तु का विचार करने चाहिए ,पर आज आबादी इतनी हो गयी है कि, आप चाहकर भी दोष मुक्त भूमि का चयन नहीं कर सकते हैं ,तो आपको वास्तु का निवारण करना चाहिए | -शास्त्रों का मत है कि "वास्तु" नाम का कोई असुर उत्पन्न हुआ ,वो इतना बलशाली था ,कि किसी भी देबता से पराजित नहीं हुआ ,अंत में "भगवान विष्णु " ने बरदान दिया ,कि किसी भी शुभ कार्ज़ में आपकी भी पूजा होगी ,और यदि भवन का निर्माण होगा तो "प्रधान देबता उस यग्य के आपही होंगें | अतः -वैदिक परम्परा में कोई भी संस्कार धार्मिक हो   तो उसमें  "नाग  की पूजा अवश्य  होती  है | -मकान  के निर्माण में यदि कोई दोष रह  जाता  है, और आज के युग  में  तो दोष ही दोष रहते  हैं , तो इस  पूजा से आप दोष से मुक्त हो जाते  हैं -परन्तु  आज हम भवन  के निर्माण में अत्यधिक रुपयों  का व्यय करते हैं ,पर जिससे  हमारा  कल्याण  होगा, उसके  प्रति विचार न  कर ,हम भव्यता  का अत्यधिक  विचार करते हैं|

भाव -हमें मकान में ये दोष तो देखना ही चाहिए, केवल भव्यता से ही आप प्रसन्न नहीं रहेंगें ,प्रसन्नता  के लिये इन बातों का भी समाधान  करना चाहिए |

भवदीय  -झा  शास्त्री  -मेरठ

-9897701636.9358885616.

शनिवार, 3 अगस्त 2013

"शिवजी "का जलाभिषेक कब हो ?"

"शिवजी "का जलाभिषेक कब हो ?"
---इस वर्ष तारीख -5 अगस्त 2013 सोमवार श्रावण कृष्ण चतुर्दशी में कावड़ द्वारा लाये हुए "श्री गंगाजल "से रुद्राभिषेक किया जायेगा 1 कुछ लोगों को शंका हो सकती है कि अमुक समय में भद्रा है -----ध्यान दें -मिथुन के चंद्रमा में भद्रा का वास स्वर्ग में होता है ----"स्वर्गेभद्राशुभेकार्ये"-----सूत्र के अनुसार स्वर्ग की भद्रा को उत्तम कही है 1 भद्रा -मध्यान्ह में 12 /29 बजे तक रहेगी 1 समय -10 /32 बजे से चंद्रमा कर्क राशि में प्रवेश करते ही भद्रा मृत्युलोक में आ जायेगी ---समय -11 /11 से वृष्टि का पुच्छकाल प्रारम्भ हो जायेगा ,जिसे सब कार्यों में सिद्धि देने वाला माना गया है ---"पृथिव्या यानि कर्माणि शुभान्य शुभानि च -तानि सर्वाणि सिध्यन्ति वृष्टि पुच्छे न संशयः !!"
   अतः इस वर्ष जलाभिषेक सोमवार प्रातः 6 -00 बजे से भोले बाबा पर चढ़ाना उत्तम रहेगा !
प्रेषक -ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }

शुक्रवार, 2 अगस्त 2013

"हमसे दोस्ती अवश्य करें ?किन्तु जानकारी भी करें ?"

"हमसे दोस्ती अवश्य करें ?किन्तु जानकारी भी करें ?"
ज्योतिष सेवा सदन से दोस्ती कोई भी कर सकते हैं ,किन्तु आपका आचरण ,व्यवहार और संस्कार हमारे योग्य भी होने चाहिए साथ -साथ "ज्योतिष सेवा सदन" की समस्त जानकारी प्रोफाइल में उपलब्ध है --पहले ठीक से पढ़ें और समझें -----फिर अपने अनुकूल ज्योतिष सेवा प्राप्त करें !
{१}-निःशुल्क ज्योतिष जानकारी केवल मित्र अपनी ही एकबार प्राप्त कर सकते हैं--वो भी केवल फ़ोन के द्वरा ही चाहे देश में रहते हों या विदेशों में -अगर विदेशों में रहते हैं तो आप स्काइप पर भी एकबार प्राप्त कर सकते हैं 1 लेकिन ज्योतिष जानकारी प्राप्त करते समय फेसबुक पर मित्रता है इसे चैट पर केवल राम -राम लिखकर साबित करना होगा 1 निःशुल्क ज्योतिष जानकारी का समय केवल रात्रि -8 से 9  . 30 तक है 1
-----{२}-आप दोस्त हैं ज्योतिष सेवा सदन के तो चैट पर  राम -राम के सिवा कुछ न लिखें ,अगर कोई बात आपकी समझ में नहीं आई है तो फ़ोन से कभी भी जानकारी प्राप्त करें यह निःशुल्क है ---अगर निःशुल्क सेवा एकबार मिल चुकी है तो केवल 100 देकर फिर प्राप्त कर सकते हैं इसका समय सुवह -8 से रात्रि 9 . 30  है 1 अगर आप दोस्त नहीं बन सकते हैं ज्योतिष सेवा सदन के तो कोई भी -100 रूपये देकर एकबार जानकारी प्राप्त कर सकते हैं 1
-----{३}-अगर आप आजीवन सदस्य हैं ज्योतिष सेवा सदन के तो आप बारबार  ज्योतिष की जानकारी स्काइप पर या फ़ोन से प्राप्त कर सकते हैं ----आशा है जुड़े हुए मित्र एवं जुड़ने वाले सभी मित्र इस नियम पर अवश्य ध्यान देंगें 1
भवदीय -ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }
प्रबंधक -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री ---सहायता हेतु उपलब्ध सूत्र -09897701636 +09358885616

"शेयर मार्केट "ज्योतिष-विचार {अगस्त -2013 }?"

"शेयर मार्केट "ज्योतिष-विचार {अगस्त -2013 }?"
---मास की शुरुआत में "कर्क का बुध शेयर मार्केट को प्रभावी करेगा अतः बाजार में तेजी का रुख बाद में दिखाई देगा -इसलिए तारीख -6 को इसका प्रभाव ख़त्म होने के बाद ही म्युचुअल फंड में निवेश करें ,बजाज आटो ,विदियोकोन ,फूड इण्डस्ट्रीज ,आयरन शेयर्स आदि में भी तेजी आ सकती है 1 एल. जी ,सैमसंग ,हुंडई आदि के शेयरों में भी तेजी का योग बनेगा ,जो कि तारीख -20 तक बरकरार रहेगा 1 सूर्यदेव की सिंह संक्रांति तारीख -16 दिन शुक्रवार को 30 मुहुर्ती सामर्घ पड़ेगी जिससे बाजार में तेजी मंदी का मिला जुला रुख रहेगा 1 बिडला ग्रुप के शेयर्स ,एयरसेल .एन . डी . टी वी ,हिंडाल्को ,निफ्टी आदि में तेजी रहेगी ,टेक्सटाइल ,वीडियोकोन ,सैमसंग ,एल . जी ,रिलायंस ,एल . आई. सी ,मारुती ,हांडा ,बजाज आटो आदि शेयर्स तेज होंगें 1 रिलायंस, टेस्को ,एस . बी . आई , सत्यम ,आदि के भाव सम रहेंगें 1 बैंकिंग के शेयरों में हल्की मंदी आकर बाद में तेजी आयेगी 1 तारीख -20 से -25 को मार्केट में खरीदारी का अवसर रहेगा -निवेशक निवेश कर सकते हैं 1 जी . टेली ,बी . पी . एल , मशीनरी , वाहन आदि से जुड़े शेयर्स काफी तेज होंगें 1 सूचना प्रोद्योगिकी , वी . एस . एन . एल ,एम. टी . एन . एल , पीले व सफेद रंग के पदार्थों में अच्छी तेजी आयेगी 1 मास के अंत में शुक्र +गुरु के प्रभाव से विदेशी मुद्रा में बढ़त ,व्याज दरें तेज ,बैंकिंग ,आई . टी , इलेत्रानिक पार्ट बनाने वाली सभी कम्पनियों के शेयर्स में तेजी का योग बनता है 1 निवेशक इस अवसर का फायदा उठा सकते हैं ,पर ध्यान दें मेटल गिरेगा
नोट -अगस्त -2013 -में निवेश हेतु मुख्य शेयर्स -रिलायंस ,बी . पी .एल ,एम् . टी . एन . एल , हुंडई ,एयरटेल ,वोडाफ़ोन ,बजाज आटो ,एक्सिस ,एयरसेल 1
प्रेषकः -ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }
परामर्श शुल्क एकबार केवल 100 रूपये ,आजीवन व्यक्तिगत परामर्श शुल्क -1100 -हेल्पलाइन -09897701636 +09358885616 {निःशुल्क परामर्श भी एकबार मित्र बनकर रात्रि -8 से 9 -30 में प्राप्त कर सकते हैं }

गुरुवार, 1 अगस्त 2013

"राहु -ग्रह"= की विशेषता को जानते हैं ?"

"राहु -ग्रह"= की विशेषता को जानते हैं ?"
--दुष्ट ग्रह "राहु " शनि के समान ही प्रभावशाली अर्थात फल प्रदान करता है ! तीसरे ,छठे भाव में "राहु "महाबली होता है साथ ही जातक को भी बलशाली बनता है 1 साथ ही सफल कूटनीतिग्य बनाता है और अपनी दशा में जातक को अपार धन,धान्य एवं वैभव भी प्रदान करता है 1
{2 }-दशम और एकादश भाव में भी रक्षा करता है तथा अन्य सभी भावों में यह मारक ही हो जाता है --और चौथे भाव स्थित राहु अपनी दशा में बालक विद्या चाहने के बाद भी नहीं पढ़ पाता है1
इससे बचने के लिए राहु के जाप ,दान,हवन उपयोगी हो सकते हैं ---रत्न गोमेद भी धारण कर सकते हैं
"राहु " का बीज मन्त्र सरल भाषा में -ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहुवे नमः संख्या -18000 ---
परामर्श शुल्क-100 रूपये केवल, आजीवन सदस्यता शुल्क -1100 ----सहायता सूत्र -09897701636 +09358885616 {भारत }   

"निःशुल्क ज्योतिष जानकारी केवल एकबार ही दे पाते हैं -इसका हमें खेद है ?"

"निःशुल्क ज्योतिष जानकारी केवल एकबार ही दे पाते हैं -इसका हमें खेद है ?"

निःशुल्क ज्योतिष जानकारी एकबार प्राप्त करने के बाद कृपया निःशुल्क ज्योतिष सेवा सदन के आजीवन सदस्य बनें या तत्काल 100 सौ रूपये देकर ज्योतिष जानकारी प्राप्त करें ---यदि ज्योतिष सेवा सदन पसंद हो तो अन्यथा "राम- राम " आप प्रसन्न रहें यही आशीर्वाद ज्योतिष सेवा प्राप्त सभी मित्रों को ---



-----हम निःशुल्क ज्योतिष सेवा प्राप्त कर चुके मित्रों से मित्रता समाप्त कर देते हैं --इसकी वजह फेसबुक पर अत्यधिक मित्रों के साथ जुड़ें नहीं रह सकते हैं --इसका हमें खेद है -----आप -फेसबुक पेज www.facebook.com/pamditjha. -ज्योतिष सेवा सदन -से जुड़े रह सकते हैं !

------आप हमारे फेसबुक पेज -ज्योतिष सेवा सदन से भी जुड़कर निःशुल्क ज्योतिष सेवा प्राप्त करने के बाद -पाक्षिक ज्योतिष देश -विदेशों की घटना ,ज्योतिष एवं कर्मकांडों के आलेखों ,वार्षिक राशिफल ,राजनीति विचार ,शेयर मार्केट विचार ,के साथ -साथ तंत्र ,मन्त्र और यंत्रों की भी लेखों को पढ़ सकते हैं !

--------- भवदीय -ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }


प्रबंधक -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री -अधिक जानकारी हेतु हेल्पलाइन -{09897701636+09358885616}

बुधवार, 31 जुलाई 2013

"मंगल ग्रह से वैधव योग भी बन जाता है ?"

"मंगल ग्रह से वैधव योग भी बन जाता है ?"
----अग्निकारक ग्रह मंगल है -जब यह लग्न और सप्तम में बैठता है तो मानव में क्रोध बहुत अधिक होता है 1 पति -पत्नी में इसी के कारण विशेष रूप से लडाइयां होती हैं 1 कारण कि "मंगल" युद्ध का ग्रह है इसको लडाई रोज चाहिए 1 जिनका "मंगल" 8 या 12 भाव में होता है उसका देहबल और मनोबल ठीक नहीं रहता है 1 रोग से पीड़ित रहते हैं ,काम करने की हिम्मत होने के बाद भी काम नहीं कर पाते 1 यदि -शनि के साथ मंगल बैठा हुआ होगा तो जीवन में जातक धन को स्थिर नहीं कर पाएगा 1 यह अकाट्य सिद्धांत है 1 -----1 ,4 ,7 ,8 ,12 भावों में यदि मंगल होता है तो वह जातक मंगली कहलाते हैं 1 इसमें एक और सूक्ष्म विवेचन है -वह लग्न से मंगली हो ,चन्द्र से मंगली हो ,शुक्र से मंगली हो तो वह मंगली माना जाता है 1 यदि विवाह के बाद मंगल महादशाओं में आ जाता है और जातक मंगली नहीं होता है तो वैधव योग उपस्थित हो जाता है 1
  ---प्रेषकः ज्योतिष सेवा सदन [मेरठ -भारत }
ज्योतिष परामर्श शुल्क -1100 सौ भारत में --सहायता हेतु उपलब्ध सूत्र -09897701636 +09358885616

मंगलवार, 30 जुलाई 2013

shiv


    ---भवदीय निवेदक "झा शास्त्री " {मेरठ भारत }
    निःशुल्क ज्योतिष सेवा रात्रि 8 से-9.30 ऑनलाइन होकर फ़ोन से एकबार कोइ भी दोस्ती कर प्राप्त कर सकते हैं
    संपर्क सूत्र -09897701636+09358885616

"शिवलिंग पूजन का प्रारंभ एवं महत्त्व को जानने की कोशिश करते हैं !"

"शिवलिंग पूजन का प्रारंभ एवं महत्त्व को जानने की कोशिश करते हैं !"
 दक्ष -प्रजापति ने अपने यग्य में 'शिव" का भाग नहीं रखा ,जिससे कुपित होकर -माँ पार्वती ने दक्ष के यग्य मंडप में योगाग्नि द्वारा अपना शरीर को भस्म कर दिया |यह विदित  होने के वाद  -भगवान् "शिव"अत्यंत  क्रुद्ध हो गए एवं नग्न होकर पृथ्वी पर भ्रमण करने लगे | एक दिन वह [शिव ] नग्नावस्था में ही ब्राह्मणों की नगरी में पहुँच गए | शिवजी के नग्न स्वरूप को देखकर भूदेव की स्त्रीयां उन पर मोहित हो गईं |स्त्रिओं की मोहित अवस्था को देखकर ब्राह्मणों ने शिवजी को शाप दे दिया कि-ये लिंग विहीन तत्काल हो जाएँ एवं शिवजी शाप से युक्त भी हो गए ,जिस कारण से तीनों लोकों में घोर उत्पात होने लगा |
   ----समस्त देव ,ऋषि ,मुनि व्याकुल होकर ब्रह्माजी की शरण में गए | ब्रह्मा ने योगबल से शिवलिंग के अलग होने का कारण जान लिया और समस्त देवताओं ,ऋषियों ,एवं मुनियों को साथ लेकर शिवजी के पास गए -ब्रह्मा ने शिवजी से प्रार्थना की कि -आप अपने लिंग को पुनः धारण करें -अन्यथा तीनों लोक नष्ट हो जायेंगें | स्तुति को सुनकर -भगवान् शिव बोले -आज से सभी लोग मेरे लिंग की पूजा प्रारंभ कर दें ,तो मैं अपने लिंग को धारण कर लूँगा | शिवजी की बात सुनकर सर्वप्रथम ब्रह्मा ने सुवर्ण का शिवलिंग बनाकर उसका पूजन किया | पश्चात देवताओं ,ऋषियों और मुनियों ने अनेक द्वयों के शिवलिंग बनाकर पूजन किया | तभी से शिवलिंग के पूजन का प्रारंभ हुआ ||
----जो लोग किसी तीर्थ में -मृतिका - के शिवलिंग बनाकर -उनका हजार बार अथवा लाख या करोड़ बार सविधि पूजन करते हैं-वे शिव स्वरूप हो जाते हैं || जो मनुष्य तीर्थ में मिटटी ,भस्म ,गोबर अथवा बालू का शिवलिंग बनाकर एक बार भी उसका सविधि पूजन करता है -वह दस हजार कल्प तक स्वर्ग में निवास करता है-शिवलिंग का विधि पूर्वक पूजन करने से -मनुष्य -संतान ,धन ,धन्य ,विद्या ,ज्ञान ,सद्बुधी ,दीर्घायु ,और मोक्ष की प्राप्ति करता है ||---जिस स्थान पर शिवलिंग का पूजन होता है ,वह तीर्थ नहीं होते हुआ भी तीर्थ बन जाता है | जिस स्थान पर शिवलिंग का पूजन होता है ,उस स्थान पर जिस मनुष्य की मृत्यु होती है-वह शिवलोक को प्रप्त करता है | जो शिव -शिव ,शिव नाम का उच्चारण करता है -वह परम पवित्र एवं परम श्रेष्ठ हो जाता है ||--भाव -जो मनुष्य शिव -शिव का स्मरण करते हुए प्राण त्याग देता है -वह अपने करोड़ों जन्म के पापों से मुक्त होकर शिवलोक को प्राप्त करता है ||---शिव =का - अर्थ है -कल्याण || "शिव "यह दो अक्षरों वाला नाम परब्रह्मस्वरूप एवं तारक है इससे भिन्न और कोई दूसरा तारक नहीं है --{"तारकं ब्रह्म परमं शिव इत्य्क्षर द्वयं |नैतस्मादपरम किंचित तारकं ब्रह्म सर्वथा }||
---भवदीय निवेदक "झा शास्त्री " {मेरठ भारत }
निःशुल्क ज्योतिष सेवा रात्रि 8 से-9.30 ऑनलाइन होकर फ़ोन से एकबार कोइ भी दोस्ती कर प्राप्त कर सकते हैं
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रविवार, 28 जुलाई 2013

"शुभ ग्रह "शुक्र "और "मंगल "{ज्योतिष विशेष }?"

"शुभ ग्रह "शुक्र "और "मंगल "{ज्योतिष विशेष }?"
----"शुक्र "बहुत शुभ ग्रह है -सहत्रसार में अमृत के कुंड का संचालन यही करता है 1 जिह्वा और जनेन्द्रिय में इसका निवास होता है 1 शरीर के मुख्य संचालन का कार्य भार "शुक्र "के ही कारण है 1 भगवान शंकर के वरदान अनुसार "बृहस्पति "से तीन गुणा बल इसमें अधिक है 1 सब ग्रह आठवें ,बारहवें भाव में सारहीन हो जाते हैं ,किन्तु "शुक्र "आठवें और बारहवें भाव में हो और साथ ही इसकी महादशा चल जाये तो जातक को अरबों ,खरबों रूपये ,वाहन सुख,राज्यसुख,स्त्रीसुख अर्थात सबकुछ प्रदान कर देता है 1
   ------साथ ही अगर मंगल के साथ शुक्र होता है तो वह काम पिपासा का धनि भी इतना बता है कि 90 वर्ष तक भी काम के क्षेत्र में हल्का नहीं होने देता है जातक को 1 अर्थात वह ब्रह्मचारी रहने ही नहीं देता और बिना ब्रह्मचारी रहे ईस्वर की उपासना हो ही नहीं सकती है 1
   बाबा तुलसीदास ज की ये उक्ति ----"जहां राम तहां काम नहि ,जहां काम कहां काम 1
                                                         तुलसी कबहुंक रहि सकहि ,रवि ,रजनी एक ठाम 11
अस्तु ---श्री हनुमानजी को छोड़कर कामदेव से सब पराजित हुए हैं ,शुक्र लाभदायी ग्रह है 1
     "शुक्र "का बीज मन्त्र सरल भाषा में -ॐ द्राम द्रीम द्रोम सः शुक्राय नमः !
अर्थात -कुंडली मिलान के समय "शुक्र +मंगल  का भी विशेष विचार अवश्य ही करना चाहिए !
प्रेषकः -ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }
परामर्श शुल्क -1100 सौ रूपये आजीवन ---सहायता -सूत्र -09897701636 +09358885616  

गुरुवार, 25 जुलाई 2013

"विवाह में विलम्ब क्यों होता है ?"

"विवाह में विलम्ब क्यों होता है ?"

----बालक के विवाह का कारक ग्रह "शुक्र "और कारक  सप्तम भाव होता है 1यदि बालक की कुण्डली में "शुक्र "कमजोर ,नीच ,पापी ग्रहके प्रभाव में होगा तो निश्चित विवाह में बिलम्ब के साथ -साथ बाधा भी उत्पन्न होगी ! -------यदि "शुक्र "बालक की कुण्डली में बलवान ,मित्र या उच्च राशिमें है ,किन्तु सप्तम अथवा सप्तमेश पर पापी ग्रहों का प्रभाव है ,अथवा सप्तमेश नीच का है तो भी विवाह होने में देर होगी -अथवा विवाह में बाधा होगी !
-------इसी प्रकार बालिका की कुण्डली में "गुरु "पतिकारक ग्रह तथा सप्तमभाव व सप्तमेश विवाह कारकहोता है !---बालिका की कुण्डली में "गुरु "शत्रुराशि ,नीच ,अस्त या पापी ग्रह के प्रभाव में होगा तो बालिका के विवाह में दिक्कत का सामना करना पड़ेगा !-----बालिका की कुण्डली में "गुरु "के साथ सप्तमभाव एवं सप्तमेश को मित्र राशि,उच्चराशि के साथ -साथ शुभ प्रभाव में होना जरुरी है !----
   -----यदि "शुक्र एवं "गुरु "शुभ या मित्र राशि में हो या अपनी उच्च राशि में हो लेकिन सप्तम भाव अथवा सप्तमेश पापी प्रभाव में हो या नीच राशि के साथ -साथ अस्त हो तो विवाह तो होगा ,किन्तु विरोधाभास {परस्पर विरोध }या अस्वस्थता तो रहेगी ही वैवाहिक जीवन के सुख में अशांति रहेगी !
   -----नोट ---दाम्पत्य सुख में सप्तम भाव और सप्तमेश साथ ही सप्तमेश और द्वादश भाव का स्वामी ग्रह कमजोर ,नीच ,पापी ग्रह के प्रभाव में हो तो विवाह सुख में बाधा आती है !
प्रेषकः -ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत } परामर्श शुल्क -1100 सौ रूपये -हेल्पलाइन -09897701636+093588885616-समय -सुवह 8 से रात्रि 9,30 तक !

मंगलवार, 23 जुलाई 2013

"देश -विदेशो में क्या होगा !23/से 6/07/2013?"

"देश -विदेशो में क्या होगा !23/से 6/07/2013?"

---"यत्र मासे महीसुनोर्जायन्तेपंचवासराः रक्तेन पूरिता पृथ्वी छत्र भंग्स्तदा भवेत्  !
अर्थात -विश्व के किन्ही देशों में आतंकी कुकृत्य ,युद्धादिके चलते रक्तपात होगा 1किसी देश -प्रदेश की सत्ता पलट जाएगी 1असामाजिकतत्व धार्मिक उन्माद फैलाने का प्रयास करेंगें !
    "आदित्यागच्छति ह्य्ग्रे पृष्ठे भवन्ति भुसुतः -मध्ये सोमसुतो यातिसुर्भिक्षम तत्र दृश्यते !
अर्थात -पैदावार बढ़ने से ,उद्योग धंधों में उत्पादन अधिक होने से सुभिक्ष होगा !देश में विदेशियों का बढ़ता वर्चस्व सर्वहारा वर्ग के लिए उत्तम नहीं है !
------तेजी मन्दि विचार -----इस पक्ष में चालू मार्किट के भाव घटते -बढ़ते रहेंगें !मंदी में संग्रह करने वालों को आगे चलकर लाभ मिलेगा !चांदी-सोना एवं अन्यधातुओं के भाव पड़े रह सकते हैं !दैनिक उपयोग की की वस्तुओं में तेजी का रुख रहेगा !सट्टाबाजार ,सर्राफा एवं शेयर मार्किट गरम रहेगी !
------आकाश लक्षण -----अगस्त के पूर्वार्ध तक गुरु+ मंगल का राशि संयोग वर्षा की कमी करेगा तथा सिंह का शुक्र इस योग का सहायक बनेगा !मध्य भारत में वायुवेग झंझावात के साथ हलकी वर्षा होगी !भारत के पूर्व में अधिक वर्षा और बाढ़ के कारण क्षति होगी !सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में दुर्दिन होने से यातायात बाधित रहेगा !गुजरात में प्राकृतिक आपदा रेल -खान -कुघतना चक्र संभव है !
   --प्रेषकः ज्योतिष सेवा सदन -{मेरठ -भारत }

सोमवार, 22 जुलाई 2013

"ज्योतिष सेवा सदन" से शिकायत है तो अभी बतायें?"

"ज्योतिष सेवा सदन" से शिकायत है तो अभी बतायें?"
{1}--अगर ज्योतिष सेवा सदन से कोईशिकायत है -भारत में रहते हैं --फ़ोन से हमें बतायें हम शिकायत को दूर करने की कोशिश करंगें -हेल्प लाइन -09897701636+09358885616-समय -प्रातः 8 से रात्रि -9.30 तक |
-----{2}-अगर विश्व के किसी भी भूभागों पर रहते हैं -ज्योतिष सेवा सदन से शिकायत है -तो हमें -स्काइप पर बतायें या फ़ोन से बतायें--स्काइप -आईडी ----ज्योतिष .सेवा.सदन ----है -हेल्पलाइन -09897701636+09358885616--|
-----{3}-आप आजीवन सदस्य हैं ज्योतिष सेवा सदन के --कोई शिकायत है -तो आप स्काइप पर या हेल्पलाइन से शिकायत करें प्रातः 8 से 9.30 तक |
-----{4}1990 तक जन्मे हुए मित्रों को ज्योतिष की एकबार फ्री जानकारी चाहिए -रात्रि 8 से.30 में भारत में रहते हैं तो फ़ोन से ही प्राप्त करें ----हेल्पलाइन -09897701636+09358885616--है |
----{4}-1990 तक जन्मे हुए विश्व के किसी भी भूभागों पर रहते हैं भारत को छोड़कर तो आप फ्री ज्योतिष जानकारी एकबार स्काइप पर प्राप्त कर सकते हैं -किन्तु पहले दोस्ती फेसबुक पर करनी होगी तभी एकबार फ्री जानकारी स्काइप पर प्राप्त कर सकते हैं |-स्काइप आईडी -ज्योतिष.सेवा.सदन है |
----{5}---अगर आपका जन्म -1990 के बाद में हुआ है ,दोस्ती करने में असमर्थ है ,ऑनलाइन रहने में असमर्थ हैं किन्तु  ज्योतिष की जानकारी चाहते हैं -तो केवल 100 देकर प्राप्त कभी भी कर सकते हैं चाहे देश में रहते हों या विदेशों में |
आशा है इन नियमों  का पालन करेंगें सभी ज्योतिष प्रेमी मित्र बंधू  ---अगर आपसे ज्योतिष सेवा सदन अनुचित व्यवहार किया हो ,आप इन नियमों का पालन करते हैं फिर भी ज्योतिष सेवा सदन आपको धन के विन सेवा नहीं दी हो या जबरदस्ती धन के लिए उकसाया हो तो अभी शिकायत करें |
--प्रेषकः -ज्योतिष सेवा सदन {मेरठ -भारत }
प्रबन्धक -पंडित कन्हैयालाल झा शास्त्री -हेल्पलाइन -09897701636+09358885616---|